थाने की तस्वीर।

लखीमपुर खीरी: बीजेपी एमएलए ने थाने में घुसकर अपराधी को लॉकअप से छुड़ाया, प्रियंका ने पूछा- ये बेटी बचाओ है या अपराधी बचाओ मिशन?

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए न्यूज़ 18 की एक खबर का लिंक साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि यूपी के एक भाजपा विधायक और उनके बेटे ने छेड़छाड़ के आरोप में थाने में बंद अपने समर्थक को बलपूर्वक हिरासत से छुड़ा लिया और अपने साथ ले गए।

अब से कुछ देर पूर्व ट्विटर पर खबर का लिंक साझा करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा है, “क्या यूपी के सीएम बताएंगे कि ये कौन सा ‘मिशन’ चल रहा है? बेटी बचाओ या अपराधी बचाओ चल रहा है?”

न्यूज़ 18 की इस रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह और उनके बेटे ने शनिवार को छेड़छाड़ के आरोप में थाने में बंद आरोपी को हिरासत से छुड़ा लिया। लोकेंद्र प्रताप सिंह और उनके बेटे अपने समर्थकों के साथ आधी-रात के समय लखीमपुर के मोहम्मदी पुलिस स्टेशन आ धमके और छेड़खानी के आरोप में बंद अपने एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर वहां पर जमकर हंगामा खड़ा कर दिया।

उक्त घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं को आरोपी को रिहा करने के लिए लॉक-अप की चाबियाँ मांगते हुए सुना और देखा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने बीजेपी विधायक को नहीं रोका और उनके समर्थक आरोपी को लेकर अपने साथ वहां से रफूचक्कर हो गए।

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं की एक पूरी श्रृंखला के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार के दिन महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान की शुरुआत की है, जिसमें इस बात की सख्त चेतावनी दी गई है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में अपराधियों के साथ बेहद सख्ती से निपटा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान की शुरुआत देवी दुर्गा को समर्पित नवरात्रि पर्व के साथ आरंभ हो रही है, यह उस महिला के लिए एक श्रद्धांजलि के तौर पर है, जिसकी बलरामपुर में दो पुरुषों द्वारा कथित रूप से बलात्कार के बाद मौत हो गई थी, और जोर देकर इस बात को कहा है कि उनकी सरकार महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम कर रही है।

दिलचस्प बात यह है कि इस बयान में उन्होंने एक बार भी हाथरस में घटी घटना का जिक्र नहीं किया। जहां खबर न केवल देश और दुनिया की सुर्खियां बनी बल्कि वह खुद में बेहद दिल दहलाने वाली थी और उसे निर्भया कांड से भी बेहद वीभत्स बताया गया था। कहा तो यहां तक जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने बलरामपुर की घटना का जिक्र इसलिए किया क्योंकि वहां आरोपी मुस्लिम था। जबकि हाथरस में आरोपी सवर्ण ठाकुर समुदाय से आता है। और उसको बचाने के लिए सूबे की सरकार ने जमीन और आसमान को एक कर दिया था। 

ऊपर से तस्वीर यह है कि हाथरस से लेकर लखीमपुर खीरी तक उनके अपने विधायक ही इस “बेटी-बचाओ” अभियान को तार-तार करते नजर आ रहे हैं। बलिया के विधायक सरेआम टीवी पर हत्या के आरोपी के बचाव में बयान दे रहे हैं, तो ऐसे में ‘मिशन शक्ति’ और ‘जीरो टॉलरेंस’ आखिर किसके खातिर दिखाया जायेगा? यह सबसे बड़ा सवाल बनकर रह गया है। क्योंकि जिस मशीनरी को चीजों को लागू करना है वही खुद निष्पक्ष नहीं है। और एक प्रक्रिया में जगह-जगह अपराधियों के पक्ष में खड़ी होती नजर आ रही है। लिहाजा पूरा नारा एक बार फिर अगर जुमला बनकर रह जाए तो किसी को अचरज नहीं होना चाहिए।

ऐेसे में बड़ा सवाल सीएम से ही बनता है। आखिर यह किस ‘मिशन’ के तहत हो रहा है? बेटी बचाओ या अपराधी बचाओ?

(स्वतंत्र टिप्पणीकार रविंद्र सिंह पटवाल की रिपोर्ट।)

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