नई दिल्ली। बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। अभी राहुल गांधी को मिली रियायत के सदमे से वह निकल भी नहीं पायी थी कि उसके पूर्व मंत्री और इटावा से सांसद राम शंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए की कोर्ट ने दो साल की सजा सुना दी है। मामला 12 साल पुराना है। और टोरेंट पावर लिमिटेड से जुड़ा है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन पर जुर्माना भी लगाया है।
कठेरिया एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। एनबीटी के मुताबिक 16 नवंबर, 2011 को दोपहर तकरीबन 12 बजे के करीब टोरेंट पावर लिमिटेड आगरा के साकेत माल स्थित कार्यालय में मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई और उस पर फैसला सुना रहे थे। उसी समय अपने दस-पंद्रह समर्थकों के साथ स्थानीय सांसद राम शंकर कठेरिया टोरेंट अधिकारी शाह के कार्यालय में घुस गए और उनके साथ उन्होंने मारपीट शुरू कर दी।
इस हमले में शाह को गंभीर चोटें आयीं। घटना के बाद कंपनी के सुरक्षा निरीक्षक समेधी लाल ने पास स्थित हरीपर्वत थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। पीड़ित की शिकायत पर सांसद राम शंकर कठेरिया और उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसी मामले में थाना हरीपर्वत पुलिस ने सांसद राम शंकर कठेरिया के खिलाफ ही आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। मामले में लंबी चली बहस और गवाही के बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। जिसमें उन्हें न केवल दोषी करार दिया गया बल्कि उनके ऊपर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है।
बताया जाता है कि उनके ऊपर धारा-147, 323 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस फैसले के आने के बाद कठेरिया की संसद सदस्यता समाप्त हो सकती है। हालांकि उनके पास फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प खुला हुआ है। इससे पहले कल ही इसी तरह के एक मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। और उनके खिलाफ मानहानि मामले में सूरत की निचली अदालत के दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
(जनचौक डेस्क की खबर।)
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