8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर की 17 वर्षीय बेटी आशना लिड्डर को भाजपा के ट्रोल गैंग ने इस कदर परेशान किया है कि आज़िज आकर ब्रिगेडियर लिड्डर की बहादुर बेटी ने अपने ट्विटर अकाउंट को डीएक्टिवेट कर दिया है। जबकि अभी दो दिन पहले ही 10 दिसंबर को आशना लिड्डर ने नम आंखों से अपने पिता को विदा किया था। अपने पिता के पार्थिव शरीर से आशना लिड्डर को लिपटकर रोते हुए देखकर लोगों की आंखें भी भर आईं। लेकिन ह्रदयहीन भाजपाई ट्रोलर्स उनके दुख, दर्द, में सहानुभूति जताने को कौन कहे उलटा उनको ट्रोल करने में लग गए।
भाजपाई ट्रोलर्स द्वारा ट्रोल होकर आशना लिड्डर के ट्विटर छोड़ने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने कहा है कि “हम दो भारत में रहते हैं। जहां ब्रिगेडियर लिड्डर की बहादुर बेटी आशना लिड्डर को ट्विटर अकाउंट डिलीट करने के लिए मजबूर किया जाता है और भाजपा विरोधी विचार रखने के कारण भाजपा के ट्रोल्स द्वारा राष्ट्रविरोधी बताया जाता है। वहीं ट्रोल्स को सत्तारूढ़ लोगों द्वारा राष्ट्रभक्त कहा जाता है।”
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वो अभी मात्र 17 वर्ष की है, वह दुखी लेकिन मजबूत है, उसने अभी-अभी अपने पिता का अंतिम संस्कार किया है, जो सेना में एक अधिकारी थे, उसे उसके विचारों को लेकर ट्रोल किया जा रहा है, वे उसकी चेतना को मॉडरेट करना चाहते हैं और उसे ठीक करना चाहते हैं। लेकिन उसे अपना अकाउंट हटाना पड़ा। और कितना नीचे जाओगे?
क्यों किया गया ट्रोल
दरअसल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचले जाने की घटना के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को घटनास्थल पर जाने से पहले उत्तरप्रदेश पुलिस ने हिरासत में लेकर सीतापुर के एक गेस्ट हाउस में रखा था। इस दौरान प्रियंका गांधी गेस्टहाउस में झाड़ू लगाते हुई नज़र आई थीं। कांग्रेस ने 42 सेकंड के इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा था कि उनके नेता ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए मार्ग को चुना है।
प्रियंका गांधी के वायरल वीडियो पर 8 अक्टूबर को योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मतदाताओं को लगता है कि वह इसके लायक हैं। योगी ने CNN-News18 से बातचीत के दौरान कहा कि जनता उनको इसी लायक बनाना चाहती है।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए इसी बयान को लेकर आशना लिड्डर ने ट्वीट किया और उन्हें अपने राज्य में मचे अशांति को ठीक करने के लिए कहा था। आशना लिड्डर ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि जब उठी तो देखा योगी आदित्यनाथ विपक्ष को नज़रअंदाज़ कर रहे थे। मैं समझ गई हूं। ये राजनीति है। लेकिन यह बेहद ही ख़राब है और यह कहना सही नहीं है कि वह केवल फर्श पर झाड़ू लगाने लायक रह गई हैं। मेरा मतलब, वह, सही में, दम नहीं है लेकिन हवा हवाई बातें करना नहीं छोड़ा, योगी आदित्यनाथ पहले यूपी में मची अशांति को ठीक करिए।
गुरमेहर कौर को कॉलेज में पीटा गया
इससे पहले भाजपाई ट्रोल गैंग ने एक और शहीद की बेटी के साथ मारपीट और ट्रोलिंग की थी। फरवरी 2017 में गुरमेहर कौर नामक छात्रा का ट्रेल गैंग ने जीना मुहाल कर दिया था। गुरमेहर कौर की उस टिप्पणी – “मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा।” के बाद उनके साथ एबीवीपी के गुंडों ने मारपीट तक की थी।
दरअसल गुरमेहर कौर के पिता कैप्टन मंदीप कौर भारतीय सेना में थे और कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। कॉलेज में एबीवीपी गुंडों द्वारा मारपीट के विरोध में गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज़ किया था।
सेना के शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी तथा लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर ने ब्लॉग में लिखा था कि “6 अगस्त, 1999 के बाद मेरे शब्दकोश में कुछ नए शब्द जुड़ गए..मौत, पाकिस्तान और युद्ध। मैं कुछ सालों तक इनका ‘छिपा’ मतलब भी नहीं समझ पाती थी..’छिपा’ हुआ इसलिए क्योंकि क्या किसी को भी इसका मतलब पता है? मेरे पिता शहीद हैं, लेकिन मैं उन्हें ऐसे नहीं जानती हूं। मैं उन्हें ऐसे जानती हूं कि वह कार्गो की बड़ी जैकेट पहनते थे और उनकी जेब में मिठाईयां भरी होती थीं”।
गुरमेहर ने अपने पिता के बारे में लिखा, ‘मैं उस पिता को जानती हूं, जिसने मुझे च्यूइंगम दिलाई और स्ट्रॉ से पानी पीना सिखाया। मैं उनका कंधा ज़ोर से पकड़ लेती थी, ताकि वो मुझे कहीं छोड़कर ना चले जाएं। मेरे पिता शहीद हैं, मैं उनकी बेटी हूं। लेकिन मैं ‘आपके शहीद की बेटी’ नहीं हूं।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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