हिंदी साहित्य में ऐसे विरले ही कथाशिल्पी हुए हैं, जिन्होंने अपने लेखन को दृश्य-श्रव्य जैसे संप्रेषणीय माध्यमों से जोड़कर, आम…
भीष्म साहनी की जयंतीः लेखक राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है
प्रगतिशील और प्रतिबद्ध रचनाकार भीष्म साहनी को याद करना, हिंदी की एक शानदार और पायदार परंपरा को याद करना है।…
प्रेमचंद के फटे जूते
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की…
निर्णायक और नेतृत्वकारी भूमिका में रहे हैं प्रेमचंद के स्त्री पात्र
विवादों के कारण ही सही प्रेमचंद का साहित्य फिर से ज़ेरे बहस है। दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य…
पुण्य तिथिः गज़ब के क़िस्सागो थे मनोहर श्याम जोशी
हिन्दी साहित्य में ऐसे विरले ही कथाशिल्पी हुए हैं, जिन्होंने अपने लेखन को दृश्य-श्रृव्य जैसे संप्रेषणीय माध्यमों से जोड़कर, आम…
संस्मरणः तीन आदमियों से बना एक आदमी
पंकज बिष्ट पर संस्मरण लिखते हुए डरता हूं क्योंकि वह केवल एक आदमी पर नहीं होगा। पंकज बिष्ट कई आदमियों…
पंकज बिष्ट के योगदान का मूल्यांकन
पंकज बिष्ट पर यह विशेषांक क्यों?… इस सवाल का जवाब देने से पहले संक्षेप में ‘बया’ के पंद्रहवें वर्ष में…
अवसान दिवस: साहित्य की ‘अणख’ राम सरूप अणखी
गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ी, नानक सिंह, जसवंत सिंह कंवल के बाद राम सरूप अणखी पंजाबी और पंजाब के ऐसे लेखक थे…
स्मृति शेष: मोहनदास के महात्मा गांधी बनने की प्रमाणिक कथा लिखने वाले लेखक गिरिराज किशोर
अपने वृहद उपन्यास ‘पहला गिरमिटिया’ के जरिए महात्मा गांधी के ‘महात्मा’ होने से पहले की जीवन प्रक्रिया के अनगिनत अनछुए…
असहिष्णुता के खिलाफ पदमश्री लौटाने वालीं सिरमौर पंजाबी लेखिका दलीप कौर टिवाणा नहीं रहीं
अंतरराष्ट्रीय स्तर की जानी-मानी पंजाबी लेखिका दलीप कौर टिवाणा का शुक्रवार शाम फेफड़ों की बीमारी के कारण मोहाली में देहांत…