केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पंजाब में एकबारगी फिर विपक्ष के निशाने पर है। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर पंजाब की झांकी शामिल न किए जाने को लेकर कांग्रेस सहित सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी तथा अन्य विपक्षी दल केंद्र के खिलाफ हमलावर हैं। तमाम गैर भाजपाई सियासी दल इस मामले को बाकायदा मुद्दा बनाकर केंद्र को घेर रहे हैं।
2017 के बाद पहली बार है कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह में पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किया जा रहा। जबकि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पंजाब की जबरदस्त भूमिका के मद्देनजर पंजाब की झांकियों अथवा प्रदर्शन को हमेशा तरजीह मिलती रही है।
पंजाब की ओर से इस बार तीन प्रस्ताव गए थे लेकिन सभी को बगैर कोई ठोस वजह बताए सिरे से रद्द कर दिया गया और यह भी कहा गया कि और प्रस्ताव न भेजे जाएं। इसका मतलब यह है कि केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय अपने इस फैसले पर अडिग हो गया कि पंजाब की किसी भी झांकी को गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि सरकारी स्तर पर बहुत पहले शामिल होने के लिए तैयारियां की जा रही थीं।
पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा इसका कड़ा विरोध करते हुए कहते हैं, “केंद्र सरकार योजनाबद्ध तरीके से पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। पहले काले खेती कानून लाकर और फिर अग्निपथ योजना के जरिए युवा वर्ग का भविष्य तबाह करने की कोशिश की गई और अब इसी क्रम में गणतंत्र दिवस समारोह में पंजाब की झांकी को बाहर कर दिया गया। यह पंजाब का अपमान है और कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं को अपना जमीर जगाकर इसका विरोध करना चाहिए”।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के अनुसार, “यह गंभीर मामला है। पंजाब ने आजादी की लड़ाई के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं और सरहदों की रक्षा के लिए पंजाब की रेजीमेंट जान की बाजी लगाती आई है। तमाम सरहदों पर सिख फौजी तैनात हैं। पंजाब की झांकियों का मामला सूबे के लोगों की इज्जत का मामला है। केंद्र सरकार ने झांकियां शामिल करने से इनकार करके पंजाब को बेइज्जत किया है। इसके खिलाफ हम राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार के साथ हैं और राज्य सरकार को चाहिए कि विधानसभा में इस मुद्दे पर विरोध पत्र पारित करके केंद्र को भेजा जाए”।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सख्त लफ्ज़ों में केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि, “केंद्र सरकार ने जानबूझकर गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय उत्सव में पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किया। ठोस वजह भी नहीं बताई। झांकियों के जरिए हमेशा पंजाब की अमीर सांस्कृतिक विरासत और विकास को पेश किया जाता रहा है। इस बार पंजाब की झांकी को शामिल न करके स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब की अग्रणी भूमिका को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस पर तमाम विपक्ष को हमारा साथ देना चाहिए”।
उधर, इस प्रकरण को लेकर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल भी केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष अपील की है कि वह चाहें तो केंद्रीय रक्षा और गृह मंत्रालय अभी भी गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी को शामिल कर सकता है। ऐसा नहीं हुआ तो इस बार राज्य अपनी विरासत दुनिया के आगे रखने से वंचित रह जाएगा।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल इस मामले को संसद में उठाएगा। राज्य विधानसभा में इसे लेकर कोई प्रस्ताव पारित होता है तो शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी का खुला समर्थन करेगा। बादल का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी बात करनी चाहिए और अपना एतराज जाहिर करना चाहिए।
जिक्रेखास है कि केंद्र सरकार ने चौहतरवें गणतंत्र दिवस के लिए पंजाब सरकार की ओर से भेजी गई झांकी की रूपरेखा तथा प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। पंजाब ने ‘इंडिया एट-75: फ्रीडम स्ट्रगल’ और देश के लिए इस राज्य के योगदान के विषय पर केंद्रित तीन झांकियों की तजवीज केंद्र को भेजी थी लेकिन इसे रद्द कर दिया गया।
पिछली बार पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु की झांकियों को बाहर कर दिया गया था। दुनिया भर के पंजाबी अवाम में भी गहरा रोष व्याप्त है कि पंजाब की झांकी को गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह में शामिल नहीं किया जा रहा।
(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक की रिपोर्ट।)
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