सीएम बघेल ने पीएम को चिट्ठी लिख सीएए को बताया संविधान विरोधी, कहा वापस हो कानून

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सीएए को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने पत्र में सीएए को धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों में भेदभाव करने वाला और संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत बताया है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस अधिनियम के विरुद्ध काफी विरोध प्रदर्शन देखे गए, जो कि शांतिपूर्ण रहे, अपितु इसमें इस प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। छत्तीसगढ़ में मूलतः अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के निवासी हैं।

इनमें से बड़ी संख्या में गरीब, अशिक्षित एवं साधनविहीन हैं, जिसे इस अधिनियम की औपचारिकता को पूर्ण करने में कठिनाइयों का निश्चित रूप से सामना करना पड़ सकता है। संविधान के समक्ष सभी संप्रदाय समान होते हैं। संसद के द्वारा अधिनियमित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) धर्म निरपेक्षता के इस संवैधानिक आधारभूत भावना को खंडित करता दृष्टिगत हो रहा है।

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में देश के संविधान के अनुच्छेद-14 को देश के सभी वर्गों के व्यक्तियों के समानता के अधिकार और कानून के अंतर्गत समानता की गारंटी को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि संविधान की इस मूल भावना के विपरीत कोई भी कानून नहीं बनाया जाए।

जनमानस में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए, गरीब तबके एवं असाक्षर लोगों को असुविधा न हो, देश में शांति बनी रहे, एवं संविधान की मूल अवधारणा सुरक्षित रहे, इन सबके दृष्टिगत, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) में लाए गए संशोधन को वापस लिए जाने का प्रदेशवासियों की ओर से अनुरोध किया है।

विधानसभा में भी लाएंगे प्रस्ताव
मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि सीएए के विरोध का प्रस्ताव कैबिनेट ने पारित कर दिया है। इसे अब विधानसभा के बजट सत्र में भी शामिल किया जाएगा। संशोधन को आम जनता में देखे जा रहे विरोध के तहत वापस लिए जाने का अनुरोध भारत सरकार से करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत ही पीएम को पत्र भी लिखा गया है।

(रायपुर से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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