वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सिंहद्वार पर मंगलवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों की तादाद में छात्र-छात्राएं और नागरिकों ने जुटकर आवाज बुलंद की। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीएचयू मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए छात्र-छात्राओं ने 11 साल की नाबालिग के साथ हुई घटना को बेहद अमानवीय बताया और पहले बलात्कार, फिर जिंदा जलाने की कोशिश करने वाले दरिंदों को फांसी पर लटकाने की मांग की।
दखल संगठन के बैनर तले बीएचयू और काशी विद्यापीठ के छात्रों ने दो घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया। दलित बच्ची को न्याय दो, गैंगरेप पीड़िता को न्याय दो, महिलाओं-बच्चियों के प्रति हिंसा बंद करो, नारी उत्पीड़न बंद करो, पितृसत्ता नहीं सहेंगे आदि नारे लगाए गए।
दिल दहला देने वाली है सामूहिक बलात्कार की क्रोनोलॉजी
बीएचयू मेन गेट पर प्रदर्शन सभा में वक्ताओं ने कहा, कि “उन्नाव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। इस केस की आप क्रोनोलॉजी सुनेंगे तो ताज्जुब होगा। उन्नाव में 11 साल की एक नाबालिग दलित बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। उसके परिवार को लगातार सताया गया और उस गांव समाज से कोई प्रतिकार नहीं हुआ। ये अपने आप में भरोसा करने की बात नहीं है। हम कैसा समाज बनाते जा रहे हैं?”
वक्ताओं ने कहा कि “एक साल के अंदर ही अपराधी जमानत पर बाहर आकर दोबारा से परिवार को डरा धमका रहे हैं। कहीं कोई आवाज नहीं उठ रही।”
संगठन की महिला सदस्यों ने कहा कि “यह सोचकर ही रूह कांप जाती है कि यूपी में अपराधियों का मनोबल किस ऊंचाई पर है और कानून का राज कैसे सिसक रहा है।

क्या हुआ था 31 दिसंबर को
यूपी के उन्नाव जिले में 31 दिसंबर, 2021 को लादखेड़ा गांव में 11 साल की एक नाबालिग लड़की से गैंगरेप हुआ। 13 फरवरी, 2022 को अरुण, अमन और सतीश नाम के आरोपियों ने दोबारा 11 वर्षीय बच्ची से सामूहिक बलात्कार किया।
पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपियों पर POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। सितंबर 2022 में नाबालिग जो खुद एक बच्ची है, उसने एक बच्चे को जन्म दिया। केस जैसे-तैसे चल रहा है। इस बीच कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी।
आरोपियों ने घर में लगाई आग
आरोपी और पीड़िता के परिवार पर जुल्म यहीं नहीं थमा। इसी 17 अप्रैल 2023 की रात दोनों आरोपी अपने दो अन्य साथियों के साथ नाबालिग दलित पीड़िता के घर पहुंचे। पीड़िता के अनुसार वे केस में सुलह का दबाव बना रहे थे। फिर गाली-गलौज करने लगे। पीड़िता और उसकी मां के विरोध करने पर उनको लाठी-डंडे से पीटा। जान से मारने की धमकी दी। फिर आरोपियों ने उनके घर में आग लगा दी।
आग में पीड़िता का 7 महीने का बेटा और 2 महीने की बहन गंभीर रूप से झुलस गए। बताया जा रहा है कि दोनों मासूम 40-45 प्रतिशत झुलसे हैं। इसके पहले आरोपी पीड़िता के पिता को भी घायल कर चुके हैं। और उनकी तहरीर पुलिस के पास अभी एफआईआर में तब्दील होने के इंतजार कर रही है।
(वाराणसी से पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट। )
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