करनाल। किसानों पर बर्बर लाठी चार्ज के ख़िलाफ़ नेशनल हाईवे को हरियाणा से जोड़ने वाले सारे प्रमुख राजमार्ग बंद हो गए हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि हरियाणा में सभी टोल प्लाज़ा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। सभी जगह अब किसानों का क़ब्ज़ा है। यह विडम्बना है कि प्रधानमंत्री मोदी आज जब जलियाँवाला बाग के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, ठीक उसी समय हरियाणा के करनाल में बसताड़ा टोल प्लाज़ा को किसानों के खून से लाल कर दिया गया।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने घोषणा की है कि जब तक गिरफ़्तार किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक किसान हरियाणा के टोल प्लाज़ा से नहीं हटेंगे। पहले यह समय सीमा शाम 5 बजे की थी लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल में बदल दिया गया है।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि करनाल में बसताड़ा टोल पर आन्दोलित किसानों पर लाठी चार्ज दुर्भाग्यपूर्ण है। 5 सितंबर मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से ध्यान भटकाने के लिए सरकार षड्यंत्र रच रही है देशभर के किसान पूर्ण रूप से तैयार रहें। एसकेएम के फैसले का पालन करें।
इन आईएएस अफ़सर का नाम है आयुष सिन्हा। इन्हें आज करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाया गया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने किसानों को पीटने और उनका सिर फोड़ने का आदेश दिया था। ये 2017 बैच के आईएएस हैं। मोदी ने पिछले कुछ महीनों में नए चुने गए जिन कुछ आईएएस से मुलाक़ात की थी, उसमें ये भी थे। मोदी और भाजपा की नीतियों से आयुष सिन्हा काफ़ी प्रभावित हैं।
बंद हैं हाईवे
यमुना नगर में पंचकूला- रुड़की राजमार्ग जाम, ढासा बॉर्डर पर दिल्ली-हरियाणा के बीच आवागमन बंद, फतेहाबाद-चंडीगढ़ सड़क बंद, दिल्ली-हिसार हाईवे बंद, भिवानी में कितलाना टोल जाम, कुरूक्षेत्र-शाहाबाद रोड जाम, पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर जाम, रोहतक-पानीपत हाईवे बंद।
राज्य में निकाय चुनाव के मद्देनज़र भाजपा की एक बैठक आज करनाल शहर में रखी गई थी। इस बैठक में परिन्दा भी पर नहीं मार सके, इसके लिए पूरे शहर की बैरिकेडिंग करके जनता से घरों में ही रहने को कहा गया था।
करनाल की सीमाओं पर ट्रक खड़े करके उन्हें चेन से बांध दिया गया। शहर में ऐसी बैरिकेडिंग कर दी गई कि लोगों का घरों से निकलना मुहाल हो गया। किसानों ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा पहले से कर रखी थी। आज दोपहर को जब किसान बसताड़ा टौल प्लाज़ा पर शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैफ़िक रोक रहे थे, उस समय पुलिस ने बेरहमी से किसानों को पीटना शुरू कर दिया। चारों तरफ़ खून ही खून नज़र आने लगा। किसानों का आरोप है कि कुछ लोग जो सिविल ड्रेस में थे, उन्होंने भी किसानों पर हमले किये। ये कौन लोग थे, इनके बारे में कोई नहीं जानता।

इस घटना के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपने दूसरे बयान में कहा कि करनाल में प्रशासन द्वारा भयंकर लाठी चार्ज किया गया। सभी किसान साथियों ने अनुरोध है बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी सड़कों पर उतर आएँ अपने नज़दीक लगते टोल प्लाज़ा और सभी रोड़ जाम कर दें…।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अभय सिंह चौटाला ने लाठीचार्ज की निन्दा करते हुए किसानों के समरबकी घोषणा की है।
रणनीतिक लाठीचार्ज
हरियाणा में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक अधिकारी सिविल ड्रेस में पुलिस कर्मियों से किसानों की पिटाई के लिए कह रहा है। अधिकारी कह रहा है उनके सिर तोड़ दो, मैं देख लूँगा। इस वीडियो से हरियाणा में ग़ुस्सा बढ़ रहा है।
हरियाणा में किसान आंदोलन को कुचलने के लिए हरियाणा सरकार बहुत लंबे समय से रास्ता देख रही थी। दरअसल, हरियाणा के गाँवों में मंत्रियों की बंद एंट्री और किसी कार्यक्रम का न हो पाने को मुख्यमंत्री खट्टर की अक्षमता मान लिया गया। दिल्ली की सीमा पर बैठे पंजाब -हरियाणा के किसान दरअसल हरियाणा की सीमा में हैं। उनकी मौजूदगी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार की नाक कट रही है। इसलिए खट्टर पर इस आंदोलन को हर हालत में तोड़ने या कुचलने का दबाव है। हरियाणा के मंत्री अनिल विज केंद्रीय भाजपा नेताओं से मिलकर इसे खट्टर की अक्षमताओं में गिनाने लगे थे। पिछले दिनों खट्टर ने चंडीगढ़ बुलाकर कुछ किसान नेताओं का आदर सत्कार किया था लेकिन उससे भी आंदोलन में टूट नहीं पड़ी।
(यूसुफ किरमानी वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)
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