दुनिया भर में ख़ारिज की जा चुकी क्लोरोक्वीन को आईसीएमआर कैसे दे सकता है कोविड इलाज के लिए इस्तेमाल का निर्देश?

Estimated read time 2 min read

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने परसों COVID-19 के इलाज के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है। कुछ दिन पहले ही दुनिया भर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका ‘द लैंसेट’ ने कहा था कि क्लोरोक्वीन और HCQ से फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं मिला है।

कमाल की बात है कि दो दिन पहले ही देश मे कोविड 19 से लड़ने वाली सर्वोच्च संस्था ICMR ने कोरोना वारियर्स को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने की गाइड लाइंस जारी की है। ICMR के ऐसे ही उल्टे पुल्टे आदेशों से परेशान होकर डॉक्टर प्रत्यूश जोशी ने ICMR के नाम एक अपील जारी की है।

ICMR के नाम अपील

माननीय ICMR, आपके द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर कल (परसों) ही नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिनमें इस दवा के उपयोग का दायरा बढ़ाने की सिफारिश करी गई है। पिछले एक माह में अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्रों के द्वारा यह बात सामने आ चुकी है कि इस दवा का कोरोना के इलाज में कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान होने की आशंका ज्यादा है।

इस परिस्थिति में सभी शोधपत्रों को दरकिनार करते हुए भारत की शीर्ष चिकित्सकीय शोध की संस्था ICMR द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग का दायरा बढ़ाने की सिफारिश किस वैज्ञानिक या चिकित्सकीय शोध के आधार पर की गई है?

क्या यह जनसाधारण में प्लेसिबो प्रभाव पैदा करने के लिए तो नहीं है? अब जबकि यह बात साफ हो चुकी है कि HCQS के उपयोग के दुष्परिणाम ज्यादा हैं, तो क्यों नहीं ICMR के मुखिया अपने गैर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को फैलाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय शोध को नजरअंदाज़ करने के लिए और भारत की जनता एवं चिकित्सा समुदाय को गलत राह दिखाने के लिए जिम्मेदार ठहराए जाएं?

आपको घोर लापरवाहीपूर्ण गैरवैज्ञानिक रवैये के लिए क्यों न बर्खास्त किया जाए? यदि उपरोक्त में से कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो क्या यह न माना जाए कि उपरोक्त सिफारिशें भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दबाव में जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गई थीं, जबकि शुरुआत से ही HCQS दवा के असर के संबंध में संशय था? देश आपसे शीघ्र और सही जवाब की उम्मीद करता है।

                                                                  डॉ. पीयूष जोशी

(गिरीश मालवीय स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं और सोशल मीडिया की चर्चित शख़्सियतों में से एक हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author