इजराइल ने गाजा के खान यूनिस शहर पर किया हमला, साल का सबसे बड़ा खूनी संघर्ष

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नई दिल्ली। इजराइली सेना ने सोमवार को गाजा के खान यूनिस शहर में इस साल का अब तक का सबसे खूनी हमला किया है। हमले में 50 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि गाजा में इस साल का अब तक का सबसे बड़ा खूनी संघर्ष हुआ है। पश्चिमी खान यूनिस में इजराइली सेना तेजी से आगे बढ़ रही है। इजरायली सेना ने सोमवार को एक अस्पताल पर हमला कर दिया जिस कारण घायलों का इलाज रोक दिया गया।

इजराइली सैनिक पहली बार दक्षिणी गाजा के मुख्य शहर खान यूनिस के पश्चिम में भूमध्यसागरीय तट के पास अल-मवासी जिले में आगे बढ़ गई। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल किदरा ने रॉयटर्स को बताया कि इजराइली सेना ने वहां अल-खैर अस्पताल पर हमला कर दिया और चिकित्सा कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

अस्पताल की स्थिति पर इजराइल की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। सैन्य प्रवक्ता के कार्यालय ने कोई टिप्पणी नहीं की।

वहीं फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि इजराइली टैंकों ने बचाव एजेंसी के मुख्यालय, अल-अमल, एक अन्य खान यूनिस अस्पताल को भी घेर लिया है जिससे वहां के कर्मचारियों से संपर्क टूट गया है। उन्होंने कहा कि “इजरायली सेना एम्बुलेंस को पश्चिमी खान यूनिस में मृतकों और घायलों के शव ले जाने से रोक रहा है।”

वहीं इजराइल का कहना है कि हमास के लड़ाके अस्पतालों और उसके आसपास काम करते हैं लेकिन हमास और चिकित्सा कर्मचारी इस बात से इनकार करते हैं।

फिलिस्तीनियों के साथ समन्वय करने वाली इजरायली रक्षा मंत्रालय की शाखा सीओजीएटी के एलाद गोरेन ने कहा, “हमास अस्पतालों और दूसरी चिकित्सा सुविधाओं के भीतर और नीचे अपना अभियान चलाता है। एक समर्पित टीम के नेतृत्व में यह प्रयास किया गया है कि नागरिकों को चिकित्सा देखभाल मिले।”

गाजा के निवासियों ने कहा कि अक्टूबर में युद्ध शुरू होने के बाद से सोमवार को हुए दक्षिणी गाजा में हवा, जमीन और समुद्र से बमबारी सबसे तेज थी, क्योंकि इजरायली टैंक खान यूनिस के पार पूर्व से भूमध्यसागरीय तट की ओर बढ़े थे।

गाजा शहर के इस इलाके को देखने से ऐसा लगता है जैसे तंबुओं की भीड़ लगी हुई है और सड़कों पर लावारिस कपड़े फड़फड़ा रहे हैं, गोलियों की गड़गड़ाहट हो रही है और धुएं का गुबार आसमान में उठ रहा है।

इजराइल और हमास के बीच पिछले साल 7 अक्टूबर को युद्ध शुरु हुआ था जिसमें अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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