Sunday, April 28, 2024

हीटवेव से सैकड़ों मौतों के बाद अब बाढ़ से कई राज्य प्रभावित

25 जून तक देश के बड़े हिस्से तक मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है। इससे जहां एक तरफ भारी गर्मी और उमस से करोड़ों लोग बेहाल थे, को ज़रूरी राहत की सांस लेने का मौका मिला है, तो वहीं दूसरी ओर भारी जल-जमाव और बाढ़ की विभीषिका एक नई मुसीबत बनकर आन खड़ी हो गई है।

असम: भूटान में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण वहां से निकलने वाली कई नदियों के जलस्तर को असामान्य रूप से बढ़ा दिया था। इसके चलते इस साल असम के बोडो क्षेत्र का अधिकांश इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। बाढ़ से करीब 5 लाख लोग और असम के 22 जिले प्रभावित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि असम में बाढ़ की समस्या कोई नई नहीं है। लेकिन इस बार पहली बारिश में ही जिस मात्रा में बाढ़ का पानी आया है, ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है।

असम-भूटान को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुल बह गया है। बाढ़ से अभी तक 3 लोगों की मौत की खबर है, ब्रह्मपुत्र सहित तीन अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हजारों की संख्या में स्थानीय लोग सड़क, ऊंचे स्थान पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं। लाखों की संख्या में मवेशी भी प्रभावित हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा से असम में बाढ़ के हालात का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। पहाड़ों में भारी बारिश के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक तेज बारिश जारी है। तीर्थयात्रियों को सोन प्रयाग से आगे जाने की मनाही है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार रविवार से देहरादून समेत सात जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उत्तरकाशी में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत की खबर है।

हरिद्वार में भारी बारिश के बाद सड़कों पर कारें तैरती पाई गई हैं। स्थानीय लोग हरिद्वार को स्मार्ट सिटी बनाये जाने पर “हर-हर गंगे, घर-घर गंगे” व्यंग्य करते पाए गये।

ऋषिकेश में त्रिवेणी घात गंगा सभा के कार्यालय तक पानी का बहाव देखा गया है। पहाड़ों में हो रही बारिश से ऋषिकेश में गंगा का स्तर अचानक से बढ़ गया है। पिथौरागढ़ जिले में धारचूला के पास भू-धसाव होने से बड़े-बड़े बोल्डर गिरकर नदी में गिर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश: राज्य में कई स्थानों पर अचानक से मुसलाधार बारिश और बादल फटने की घटना देखने में आ रही है। 25 जून को फ़्लैश फ्लड के मद्देनजर मंडी जिले में औत के पास ट्रैफिक को चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को रोक दिया गया। बड़ी संख्या में सड़क के दोनों ओर वाहनों की लाइनें लगी हुई थीं। खबर है कि मंडी के पंडोह में 10 किमी तक का लंबा जाम लग गया था। पिछले 20 घंटे से एनएच-21 ठप है, हजारों लोग भूखे-प्यासे ट्रैफिक जाम में फंसे हैं। कई जगहों पर बरसात के कारण मिट्टी खिसकने से चट्टानें खिसक रही हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 पहले ही पिछले 9 दिनों से बंद है। इसके कारण नारकंडा और किन्नौर सहित विभिन्न पर्यटक स्थलों से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो रखा है। पिछले 24 घंटे में 3 व्यक्तियों की मौत की खबर है। मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार मंडी के अलावा शिमला और सिरमौर में भी भारी बारिश हुई है। अभी भी सिरमौर, शिमला सहित कई इलाकों में मानसून सक्रिय बना हुआ है और इसके हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी की तरफ भी आने की आशंका है।

अगले 4-5 दिन तक मानसून से प्रदेश को राहत नहीं मिलने जा रही है। हमने फ़्लैशफ्लड के लिए शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, सोलन और कांगड़ा के लिए पहले से अलर्ट जारी कर रखा है। लैंड स्लाइड, फ़्लैश फ्लड और खराब दृश्यता को लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया गया है।

उधर चंडीगढ़ के पास पंचकूला में नदी में अचानक से बाढ़ के कारण पास खड़ी कार नदी में बहने लगी। स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार में सवार 4 लोगों की जिंदगी किसी तरह बचाई।

दिल्ली: शनिवार की रात से ही दिल्ली में तेज बारिश का आलम था जो अगले दिन रविवार को भी सुबह तक जारी रहा। यहां पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास करंट लगने से साक्षी आहूजा नामक लड़की की मौत हो गई। सुबह ट्रेन पकड़ने के लिए निकला साक्षी का परिवार सड़क पर लबालब पानी भरे होने के कारण पैर टिकाने की तलाश का रहा था। पास में बिजली के खंभे का सहारा लेने के लिए जैसे ही साक्षी ने हाथ बढ़ाया, खम्भे के साथ बिजली का नंगा तार हाथ से चिपक गया, और साक्षी की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश: मौसम विभाग की ओर से राज्य के 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 31 जिले भारी बारिश से प्रभावित बताये जा रहे हैं। प्रदेश में 24 घंटे के भीतर सभी जिलों में पानी बरसा है। सबसे अधिक बारिश 205 मिमी के साथ बिजनौर में हुई है। बारिश से जलभराव के कारण सड़कों पर खड़ी कई गाड़ियां बहने लगीं। इसके अलावा मेरठ, बाराबंकी, बागपत, वाराणसी, अयोध्या और शाहजहांपुर में भी बारिश का अच्छा-खासा असर देखने को मिला है। हस्तिनापुर-बिजनौर को जोड़ने वाला गंगा पर बना एप्रोच पुल भी तेज बहाव के चलते आज बह गया है। प्रदेश में हीटवेव और भारी उमस से निजात तो मिल गई है लेकिन बाढ़ का संकट बढ़ गया है।

महाराष्ट्र: मुंबई में दो इमारतों के ढह जाने के कारण 6 लोगों के हताहत होने की खबर है। मुंबई में अगले दो दिन बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। भिवंडी में भी भारी बारिश से शहर में चारों तरफ जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।

गुजरात: गुजरात में देरी से पहुंचे मानसून ने आखिरकार दस्तक दे दी है। अगले 5 दिनों तक राज्य के कई इलाकों में बारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। वलसाड और उमरगाम में 150 एमएम पानी बरसा है। इसी प्रकार गोधरा, राजकोट और भावनगर में भी अच्छी बारिश हुई है। सोमवार से सूरत, नवसारी, वलसाड और दमन में भी तेज बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन अचानक से भारी बारिश शहरी इलाकों में भारी मुसीबत का सबब भी बन रही है। गोधरा में 2 घंटे के भीतर 100 एमएम पानी बरसने से शहर के निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। सीवेज का गंदा पानी निचले इलाकों के घरों और दुकानों के भीतर घुस गया।

मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश में भारी बारिश का अनुमान है। भोपाल सहित 9 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कल से भोपाल में बारिश का क्रम बना हुआ है। बीच-बीच में बूंदाबांदी हो रही है। शहर में कई इलाकों में नालियां चोक होने के कारण नाली और बारिश का पानी सड़कों पर तैर रहा है। सबसे अधिक बारिश बैतूल में करीब 150 एमएम दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक भोपाल में 29 जून तक भारी बारिश की आशंका है।

राजस्थान: राजस्थान में भी मानसून की बारिश ने दस्तक दे दी है। करीब 35 प्रतिशत से अधिक हिस्से में मानसून सक्रिय है। बिजली गिरने से प्रदेश के पाली, चितौड़गढ़ और बारां में कुल 4 लोगों की मौत हो गई है।

मौसम विभाग की मानें तो अगले चार दिनों में देश के 23 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय, असम, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, यूपी, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक और केरल सहित महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में भारी बारिश की आशंका है।

हालांकि 26 जून तक आमतौर पर मानसून से जितनी बारिश होनी चाहिए, अभी भी उससे कम पानी ही बरसा है। लेकिन पहले जहां मानसून सक्रिय होकर बिपरजॉय चक्रवात के कारण रुक गया था, और कई दिनों तक दक्षिण से पश्चिम भारत की ओर नहीं बढ़ा और उसके बाद जिस सक्रियता और तेजी से भारी बारिश को लाया है, उसने ग्लोबल वार्मिंग के बदलते मिजाज के प्रति केंद्र और राज्य सरकार की नई परिस्थितियों से निपटने की पोल खोल दी है।

हिमालयी क्षेत्रों में हर वर्ष फ़्लैशफ्लड की संख्या बढ़ती जा रही है, जो अपने साथ एक जगह पर एक साथ इतना पानी लाती है कि वह इलाका ही झटके में तबाह हो सकता है। इसके चलते भू-स्खलन का खतरा काफी बढ़ गया है। यही वह समय होता है जब लाखों की संख्या में देश-विदेश से सैलानी और दर्शनार्थी पूजा स्थलों में जुटते हैं। अभी तो मानसून ने दस्तक ही दी है, यदि किसी स्थान पर यह दो-तीन दिन तक बना रहा तो प्रलयंकारी साबित हो सकता है।

हाल के वर्षों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भू-स्खलन, फ़्लैश-फ्लड और भारी बाढ़ की अधिकाधिक चपेट में आते गये हैं। पिछले वर्ष पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान की समूची अर्थव्यस्था को हिलाकर रख दिया था, जिसका असर अभी कई वर्षों तक रहने वाला है। भारत भी उसी दक्षिण एशिया का पड़ोसी मुल्क है। जो कल पाकिस्तान के लिए बड़ी मुसीबत बना, उसके भारत में भी रिपीट होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

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