नई दिल्ली। पंजाब सरकार ने खनौरी बार्डर और शंभू बार्डर पर चल रहे आंदोलन पर सख्त कार्रवई करते हुए बुधवार को किसानों को गिरफ्तार कर लिया। और पिछले 13 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के खिलाफ अचानक अपना रुख बदलते हुए सख्ती दिखाई है। पंजाब पुलिस ने भगवंत मान सरकार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए न केवल जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर समेत अन्य शीर्ष किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, बल्कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे धरना प्रदर्शन को भी उखाड़ दिया। सीमा पर किसान नेताओं के अस्थायी ढांचे को बुलडोजर से गिरा दिया।
किसानों पर किए गए इस कार्रवाई पर विपक्ष ने मान सरकार पर हमला बोलाा है। कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा ने आम आदमी पार्टी और भगवंत मान सरकार पर किसानौों के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में खनौरी बार्डर और शंभू बार्डर पर चल रहे आंदोलन पर पंजाब पुलिस द्वारा कारवाई करके उखाड़ने की घोर निन्दा की है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा वार्तालाप के नाम से बुलाकर वरिष्ठ किसान नेताओं की गिरफ्तारी करवाना घोर तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई है जिसका व्यापक स्तर पर विरोध होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की ओर से 20 मार्च को कुरूक्षेत्र में राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन करके पंजाब व केंद्र सरकार द्वारा किए गए पुलिस दमन का जोरदार विरोध दर्ज कराया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की ऑनलाइन मीटिंग में कुरूक्षेत्र के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया गया। मीटिंग में सभी प्रमुख किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इनमें मास्टर बलबीर, रत्न सिंह मान, सुरेश कौथ, जोगेंद्र नैन, इंद्रजीत सिंह, सुखदेव जम्मू , कंवर जीत सिंह, विकास सीसर, रणबीर मलिक, सुखविंदर सिंह,जयकर्ण मांडौठी, मास्टर सतीश, बाबा गुरदीप, तेजेन्द्र सिंह थींद, रवि आजाद, आजाद पालवा सहित अन्य किसान नेता भी उपस्थित रहे।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं ने मीटिंग के बाद बताया कि कृषि विपणन योजना के राष्ट्रीय प्रारुप का विरोध और हरियाणा के किसानों की लंबित मांगों के अलावा आज पंजाब हुए पुलिस दमन की निंदा करते हुए पंजाब के किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की जाएगी।
एसकेएम ने की किसान नेताओं के गिरफ्तारी की कड़ी निंदा
एसकेएम ने चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ अपनी बातचीत समाप्त करने के बाद पंजाब क्षेत्र में प्रवेश करने के तुरंत बाद जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर सहित कई एसकेएम (एनपी) और केएमएम नेताओं को गिरफ्तार करने के पंजाब सरकार के कदम की कड़ी निंदा की है।
पंजाब सरकार ने खनौरी और शंभू सीमाओं पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है, जहां विरोध प्रदर्शन जारी है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
पंजाब की आप सरकार ने दिखा दिया है कि वह कृषि में कॉर्पोरेट और विदेशी कंपनियों के पक्ष में नीतियां लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए वह केंद्र में आरएसएस, भाजपा सरकार के साथ सहयोग कर रही है। यह बहुत ही भयावह है कि यह कदम कल उद्योगपतियों के साथ आप के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद उठाया गया है।
किसानों के शांतिपूर्ण संघर्ष के खिलाफ़ बल प्रयोग की रणनीति यह साबित करती है कि केंद्र सरकार भारत के सभी किसानों द्वारा उठाए गए आजीविका और अस्तित्व के प्रमुख मुद्दों के समाधान के पक्ष में नहीं है।
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस ने किसान नेताओं के गिरफ्तारी की निंदा की
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस ने संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेताओं को भगवंत मान नीत पंजाब सरकार के आदेश पर पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया और शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर एमएसपी और कर्ज माफी को लेकर आंदोलित किसानों की गिरफ्तारी की निंदा की है। संगठन के प्रवक्ता प्रबल प्रताप शाही ने इसे अलोकतांत्रिक और तानाशाही वालाा रवैया बताया है।
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष अखिलेश शुक्ला ने कहा कि किसानों के एक वर्ष से ज्यादा शांतिपूर्ण आंदोलन को आम आदमी पार्टी सरकार ने बलात समाप्त किया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और केंद्र और राज्य सरकार किसानों के मुद्दे प्रति उदासीन है।
प्रबल प्रताप शाही ने कहा कि एक तरफ किसानों से मोदी नीत सरकार वार्ता करती है और दूसरी तरफ किसानों को पंजाब पुलिस गिरफ्तार करती है। यह मोदी और केजरीवाल की मिलीभगत है। किसान नेताओं और आंदोलित किसानों की तत्काल रिहाई की जाए।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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