कर्नाटक में बदल रही है चुनावी फिजा, जेडीएस विधायक शिवालिंगे गौड़ा ने दिया इस्तीफा, कांग्रेस में शामिल होने की संभावना

Estimated read time 1 min read

क्या कर्नाटक की राजनीतिक चुनावी फिजां बदल रही है। चुनाव से पहले जिस तरह से भाजपा और जेडीएस के विधायक और नेता कांग्रेस के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं, उसे देखने से तो यही लगता है कि कर्नाटक में राजनीतिक बदलाव होने जा रहा है। नेताओं के भगदड़ से अनुमान लगाया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस का खेमा मजबूत हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये बदलाव जेडीएस और बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित होने जा रही है। हालात तो कुछ यही संकेत दे रहे हैं।

कर्नाटक में 10 मई से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे ठीक पहले अर्सीकेरे निर्वाचन क्षेत्र से जेडीएस विधायक केएम शिवालिंगे गौड़ा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि गौड़ा कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। हासन जिले के अर्सीकेरे से तीन बार के विधायक गौड़ा जेडीएस नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों को लेकर मुखर रहे हैं और उन्होंने हाल के दिनों में ही पार्टी से दूरी बना ली थी।

पिछले कुछ दिनों में विधायक का पद छोड़ने वाले गौड़ा तीसरे जेडीएस विधायक हैं। इससे पहले गुब्बी निर्वाचन क्षेत्र से जेडीएस विधायक एसआर श्रीनिवास ने 27 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। वह बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।

वहीं कुडलिगी से बीजेपी विधायक गोपालकृष्ण ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ऐसी चर्चा है कि वो जल्द ही वापस कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया से मुलाकात भी की थी। वो पहले से ही कांग्रेस में थे। वो चित्रदुर्ग जिले के मोसाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र से चार बार (1997, 1999, 2004 और 2008) चुनाव जीत चुके हैं। साल 2018 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर वो चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे।

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता बनाने की चर्चा के बीच जेडीएस के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के सामने कई विकल्प हैं और इस देश के पास नेतृत्व का खजाना है।

इसी बीच, पारिवारिक विवाद के बाद हासन विधानसभा सीट भी जेडीएस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि वह किसी भी तरह के ‘विद्रोह’ को स्वीकार नहीं करेंगे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author