कर्नाटक: कैबिनेट की पहली बैठक में पांच गारंटी योजना लागू करने का निर्णय

Estimated read time 1 min read

कर्नाटक की नई बनी सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में जनता से किए गए कांग्रेस के पांच वायदे को लागू करने की घोषणा की। सिद्दारमैया ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की और कांग्रेस की पांच गारंटी योजनाओं को अपनी सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्रेस को बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार आनेवाले पांच वर्षों में जनता से किए गए हरेक वादे को पूरा करेगी। 

कांग्रेस की पांच गारंटी योजना इस प्रकार हैं। (i) गृह ज्योति–के तहत सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, (ii) गृह लक्ष्मी – हर परिवार की महिला मुखिया को 2000 रुपये मासिक सहायता, (iii) अन्न भाग्य–गरीबी रेखा के नीचे यानि बीपीएल के परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल, (iv) युवा निधि– बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये को 2 साल के लिए और (v) शक्ति -सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल है।           

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष अनुमानित पचास हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। जो हम आसानी से पूरा कर सकते हैं। हमें अपने बजट को बढ़ाना होगा इसे 3.10 लाख से जल्द ही 3.25 लाख करोड़ करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें टैक्स के जरिए 15000 करोड़ रुपये जुटाने हैं और राज्य के अनावश्याक खर्चों में कटौती करनी होगी। राज्य की आमदनी का एक बड़ा भाग जो ऋण चुकाने में जाता है उसे कम करना हमारी प्राथमिकता में होगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि हम योजनाबद्ध ढंग से सटीकता के साथ कदम उठाऐंगे तो प्रतिवर्ष 50000 करोड़ का इंतजाम आसानी से कर सकते हैं।

कर्नाटक चुनाव में जीत के लिए भारत के प्रधानमंत्री ने सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार को ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि आपका कार्यकाल सुखद हो। जिसके जवाब में शिवकुमार ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि कर्नाटक को सुरक्षित, सुंदर और मजबूत बनाने में आप हमारा सहयोग करें।

सिद्दारमैया ने नयी योजनाओं के लिए एक्सट्रा एक्सपेंडिचर की चर्चा करते हुए कहा कि अभी 2023-24 में ऋण चुकाने में 56000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं जो कि बहुत ज्यादा है। इन बढ़ते हुए कर्ज का जिम्मेवार बीजेपी को ठहराते हुए बताया कि कांग्रेस के शासन मे यह ऋण 2.42 करोड़ था 2018 से अबतक यह 5.64 लाख करोड़ हो गया है। इस तरह से पांच सालों में 3.20 लाख करोड़ के ऋण की बढ़ोत्तरी बीजेपी के शासनकाल में हुई। यही नहीं इस वर्ष 78000 हजार करोड़ का ऋण राज्य के ऊपर हो चुका है। 

केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की रेवेन्यू और टैक्स की देनदारी जो केंद्र पर है, वो करीब 1 लाख करोड़ रुपये बकाया है। 15 वें वित्त कमीशन में हमारे साथ न्याय नहीं किया गया है। हमें 1 लाख करोड़ रूपये मिलने चाहिए थे, लेकिन मिला सिर्फ 50 हजार करोड़ रूपया ही।

(आजाद शेखर जनचौक में सब एडिटर हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author