पीपुल्स मिशन ने संकल्प लिया है कि वह मौजूदा नई सहस्त्राब्दी में कोरोना कोविड काल की नई महामारी में प्राण गंवाने वाले ‘इंडिया दैट इज भारत’ के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त 2021 को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (नई दिल्ली) के परिसर में एक सादा पर गंभीर आयोजन में ‘हम भारत के लोग‘ की तरफ से सामूहिक अवामी श्रद्धांजलि अर्पित करेगा।
इस सिलसिले में रांची के पत्रकार से डॉक्टर बने और पीपुल्स मिशन के ट्रस्टी डा. राजचंद्र झा ने भारत के आदिवासी बहुल राज्य, झारखंड में महामारी में गुजर गए पत्रकारों की पहली सूची संग्रहीत की है। इस सूची में नाम और भी जुड़ सकते हैं।
पहली सूची:
(1) प्रबुद्ध कुमार बाजपेयी-जमशेदपुर,झारखंड वनांचल टाइम्स
(2) आमिर अहमद हाशमी-सिमडेगा,न्यूज 11
(3) त्रिपुरारी सिंह- हजारीबाग, सहारा समय
(4) शाद्वल कुमार-हजारीबाग
(5) आशुतोष चौधरी-जामताड़ा, दैनिक भास्कर
(6) युगल किशोर यादव-जामताडा़, हिंदुस्तान
(7) पंकज प्रसाद-राँची,
(8) रंजीत सिहं-पलामू
(9) गोपाल सिहं-धनबाद
(10) ख्वाजा मुजाहिद्दुदीन-राँची
(11) सच्चिदानंद जयसवाल-लातेहार,
(12) अर्पण चक्रवर्ती-चतरा
(13) अरविंद प्रजापति-लोहरदगा,
(14) मृत्युंजय श्रीवास्तव,राँची
(16) सुनील सिंह, राँची,
(17) अतुल वर्मा, लातेहार, न्यूज 11
(18) अविनाश उपाध्याय, जमशेदपुर, सोशल संवाद
(19) अजय कुमार, इटकी, राँची, दैनिक भास्कर
(20) एस.एस. रुबी,पलामू, थर्ड आई
(21) बरूण शाहा, दुमका
(22) कमल नारायण वर्मा, धनबाद, स्वतंत्र पत्रकार
(23) धनंजय मिश्रा, साहेबगंज
(24) विजय रजक, धनबाद, दैनिक जागरण
(25) भारत भूषण, धनबाद, दैनिक जागरण
(26) चितरंजन कुमार, धनबाद, दैनिक भास्कर
(27) पंखुडी़ सिंह, हजारीबाग
(28) राजेश पति, चाईबासा न्यूज
(29) रवि शर्मा, धनबाद
(30) संजीव सिन्हा, दैनिक जागरण, धनबाद
(31) अंबिका पांडेय, बोकारो
(32) बशीर अहमद, रांची
(33) चंद्रभूषण मिश्रा, देवघर
(34) सुनील कुमार,हजारीबाग
पीपुल्स मिशन किसी भी सियासतदा के सिवा इन दिवंगत पत्रकारों के साथ-साथ भारत के किसान, कामगार, छात्र, युवा, महिला गृहणी, साहित्य, फिल्म, न्यायपालिका और लगभग हर क्षेत्र के उन लोगों को सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित करने दिल्ली के कुतुब मीनार के पास टाइम कैप्सूल खड़ा करेगा।
डॉक्टर राजचंद्र झा इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के निर्देशन में उन सभी डाक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकाल स्वास्थ्य कर्मियों की भी लिस्ट तैयार कर रहे हैं जो इस महामारी में अपनी ड्यूटी निभाते हुए गुजर गए।
गौरतलब है कि अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने 24 मई, 2020 को रविवार के दिन अपने फ्रंट पेज पर सारे विज्ञापन रद्द कर इस महामारी से तब तक गुजर चुके सभी अमेरिकी नागरिकों की सूची छापी थी।

हिंदुस्तान के किसी भी अखबार और टेलीविजन न्यूज चैनल ने इस महामारी में हमारे महान देश के मृत नागरिकों की इस तरह आज तक कोई सुध नहीं ली है। हमारे देश की महान नरेंद्र मोदी सरकार और उनसे भी ज्यादा महान, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज तक ये गिनने की भी जहमत नहीं उठाई कि इस महामारी की नई लहर के ऐन पहले हरिद्वार में कुम्भ मेला में गंगा स्नान की वजह से देश भर में पसरी इस महामारी से कितने लोग काल कलवित हो गए।
ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने अनुमान लगाया था कि इस नई लहर में सिर्फ उत्तर प्रदेश में करीब चार लाख लोग मरे। उसके कुछ दिनों बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने सांख्यिकी के विज्ञान सम्मत मॉडल के आधार पर खबर दी कि उत्तर प्रदेश में हरिद्वार से लेकर बिहार के सीमावर्ती उस मुगलसराय के पास तक गंगा नदी में कम से कम 10 लाख लोगों के शव बहा दिए गए जिसका नाम योगी सरकार ने सिर्फ अपने मुस्लिम विद्वेष से बदल कर उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषित मात्र संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के प्रचारक रहे दिवंगत दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया जो उसी स्टेशन पर रहस्यमय रूप से ट्रेन में मृत पाए गए थे।
इंडियन स्टेस्टिकल इंस्टीट्यूट (आईएसआई) नई दिल्ली के अधिकारियों ने इस स्तंभकार के साथ बातचीत में उनके नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर न्यूयॉर्क टाइम्स के उक्त सांख्यिकी मॉडल को बिल्कुल सही बताया है, योगी सरकार ही नहीं मोदी सरकार को भी हिंदुस्तान की अवाम को ये तो बताना ही होगा कि कोरोना कोविड की महामारी से कुल कितने लोग मरे हैं और उनमें से कितनों के शव उनके महान हिंदुत्व की धार्मिकता के बिल्कुल विपरीत मुस्लिम भांति गंगा नदी के तट पर सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में फैली रेत में ‘दफन‘ कर दिए गए।
(सीपी झा स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल दिल्ली में रहते हैं।)
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