‘मौन होती संसद’ की पृष्ठभूमि में लोकसभा अध्यक्ष की ‘मुस्कुराहट’ क्या कहती है?

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नई दिल्ली। शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष एक बार फिर मुस्कुराए और सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। यह उनपर कोई व्यंग्य नहीं बल्कि हकीकत है, लोकसभा में आज ऐसा ही हुआ है। और यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने विपक्ष की मांग को मुस्करा कर टाल दिए हों, जब से ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए हैं, विपक्षी संसद सदस्यों की मांग पर मुस्करा देते हैं। अब यह तो वही बता सकते हैं कि इस मुस्कराहट के पीछे उनकी कोई मजबूरी छिपी है या उनकी रणनीति है या सत्तापक्ष उनके कंधे पर सवार होकर शातिराना चाल चल रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तो मुस्करा कर विपक्षी बला को टाल देते हैं। लेकिन राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ विपक्षी सांसदों के बोलने के दौरान सत्तापक्ष को असहज करने वाले सवालों पर टोका-टोकी शुरू कर देते हैं। धनखड़ संसदीय परंपराओं और अपने पद की गरिमा का परवाह किए सरकार के लठेत की भूमिका निभाने लगते हैं। सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान में दोनों सदनों के लिए अलग-अलग अध्यक्ष और सभापति की व्यवस्था है। लेकिन ऐसा लगता है कि दोनों सदनों के प्रमुख एक ही जगह से संचालित हो रहे हैं।

बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ। लेकिन संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार तक कोई कामकाज नहीं हो सका। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर कांग्रेस ने ट्वीट किया कि, “पहले माइक ऑफ होता था, आज सदन की कार्यवाही ही म्यूट करा दी। पीएम मोदी के मित्र के लिए सदन म्यूट है।”

संसद में गतिरोध के बीच सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल अपने रुख पर कायम हैं। भाजपा यूनाइटेड किंगडम में अपनी टिप्पणी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जवाब देने की मांग कर रही है और विपक्षी दल अडानी विवाद की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग कर रहे हैं।

राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा से वापस आए तो उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस करके केंद्र सरकार के चार मंत्रियों द्वारा लगाए गए आरोप और सवालों पर जवाब देने के लिए तैयार हो गए। शुक्रवार को राहुल संसद में गए और लोकसभा अध्यक्ष से कैंब्रिज में दिए गए भाषण पर सफाई देने का समय मांगा। लेकिन सदन को स्थगित कर दिया गया। सत्तापक्ष अब अपनी मांग को बदल दिया है, अब उनका कहना है कि पहले राहुल गांधी देश से माफी मांगे, फिर उनको बोलने का मौका दिया जाएगा।

शुक्रवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसद संसद के बाहर अडानी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सीपीपी (CPP) चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी मौजूद थे। विपक्षी दलों के सांसदों ने कहाकि मोदी सरकार हमारी आवाज दबा नहीं पाएगी, अडानी मामले पर पीएम मोदी को जवाब देना ही होगा।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि, “मोदी सरकार सदन चलने नहीं दे रही है। वजह सिर्फ एक है- ‘अडानी को बचाओ।’ कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा कि देश कुछ सवालों पर जवाब चाहता है। पहला, पीएम मोदी और अडानी का रिश्ता क्या है? दूसरा, डिफेन्स कॉन्ट्रैक्ट अडानी को क्यों दिए जा रहे? तीसरा, ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी, अडानी और स्टेट बैंक की चेयरमैन के बीच मीटिंग क्यों हुई?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संसद की कार्यवाही को स्थगित करने पर कहा कि, “जनता द्वारा चुने गए सांसदों को संसद में बोलने का अवसर ना देना एवं लोकसभा की कार्यवाही म्यूट करवाना लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है। यह देशवासियों की आवाज शांत करने का प्रयास है। क्या इसे स्वस्थ लोकतंत्र कहा जा सकता है? इन्हीं मुद्दों को लेकर राहुल जी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी।”

राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस का नोटिस

दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को राहुल गांधी को एक नोटिस दिया है। जिसमें यौन उत्पीड़ित महिलाओं का विवरण मांगा गया है। जो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मिलीं थीं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेने और प्रश्नावली की सूची भेजने के बाद नोटिस जारी किया है। “दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी को उन पीड़ितों के बारे में विवरण देने के लिए नोटिस जारी किया है, जिन्होंने उनसे यौन उत्पीड़न के संबंध में संपर्क किया था। पुलिस ने उनसे इन पीड़ितों का विवरण देने को कहा है, ताकि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।”

राहुल गांधी ने श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था, “.. एक विशेष मामले में मैंने एक लड़की (जिसके साथ दुष्कर्म हुआ था) से पूछा कि क्या हमें पुलिस को फोन करना चाहिए? उसने कहा ‘पुलिस को मत बुलाओ .. मुझे शर्म आएगी’।”

कांग्रेस ने राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस के नोटिस देने पर केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अडानी मुद्दे पर उनके सवालों से परेशान होकर मोदी सरकार अपनी पुलिस के पीछे छिप रही है। .

कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा, “पीएम (नरेंद्र) मोदी और अडानी के रिश्ते पर राहुल गांधी के सवालों से घबराई हुई सरकार अपनी पुलिस के पीछे छिप जाती है।” “भारत जोड़ो यात्रा के पैंतालीस दिन बाद, दिल्ली पुलिस ने एक नोटिस के जरिए उन महिलाओं का विवरण मांगा है जो उनसे मिलीं और उनके साथ हुए उत्पीड़न और हिंसा के बारे में बात की।”

कांग्रेस ने कहा, “हम कानून के अनुसार नोटिस का जवाब देंगे।”

राहुल गांधी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अडानी मुद्दे पर न खुद कुछ बोलते हैं, न किसी और को बोलने देते हैं। ‘साहेब’… डर किस बात का?

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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