पटना। राजद व कांग्रेस सहित वाम दलों को लेकर बने महागठबंधन ने अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र में सरकार बनते ही 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया है। इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, भाकपा माले की शशि यादव समेत महागठबंधन के अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया।
मौर्या होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में महागठबंधन के साझा घोषणापत्र को जारी करते हुए नेताओं ने कहा कि यह संकल्प पत्र है। इस दौरान नेताओं ने बिहार की नीतीश सरकार को सभी मोर्चों पर विफल बताया। नेताओं ने जनहित के कामों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार से प्रदेश की जनता मुक्ति चाहती है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में दस लाख बेरोजगारों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आरजेडी के साथ-साथ कांग्रेस और वाम दलों में सरकार गठन के बाद बिहार के लिए जो प्राथमिकताएं तय की हैं उसका जिक्र इस घोषणापत्र में किया गया है। कांग्रेस व वामदलों के घोषणा पत्रों को शामिल करते हुए साझा विकास कार्यक्रम बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 15 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पाए। वे 2015 के चुनाव में कहते थे कि मोतीहारी की शुगर मिल में साथ चाय पीएंगे। आज चाहे शुगर मिल हो, जूट मिल हो या पेपर मिल सब ठप हैं। बिहार में मकई, लीची, गन्ने, केले आदि का भरपूर उत्पादन होता है, पर एक भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनी तो इन सारी चीजों पर ध्यान दिया जाएगा लेकिन सबसे जरूरी काम बेरोजगारों को नौकरी देने का होगा। बिहार की जनता में रोजगार छीने जाने को लेकर सरकार के खिलाफ बड़ा गुस्सा है।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान बाढ़ प्रभवितों पर भी नहीं है। प्रदेश के 18 जिले और करीब 85 लाख जनता बाढ़ से हर वर्ष प्रभावित होती है। लेकिन आज तक केंद्र सरकार का कोई दल उनके नुकसान का आकलन करने तक नहीं आया। लगता है कि आम जनता की सरकार को कोई परवाह नहीं है। नेता सिर्फ कुर्सी की होड़ में लगे हैं।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सेवा और मेवा की बात करते हैं लेकिन उनके राज में बिहार में 60 घोटाले हो गए। सृजन घोटाले के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे भ्रष्टाचार का मामला हो या अपराध का, सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। 2015 में जब कांग्रेस, राजद और जद यू की सरकार थी तब के 18 महीने और उसके बाद भाजपा के साथ सरकार बनने के कार्यकाल के दौरान अपराध के आंकड़ों की तुलना करने पर तस्वीर साफ़ हो जाती है। एनसीआरबी के आंकड़ों से भी स्पष्ट होता है कि बिहार में अपराध बढ़ा है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमसे पूछा जा रहा है कि दस लाख नौकरियां कैसे देंगे। बिहार में साढ़े चार लाख सरकारी पद रिक्त हैं। मणिपुर जैसे छोटे राज्य में एक लाख की आबादी पर एक हजार पुलिसकर्मी हैं, बिहार में सिर्फ 77 पुलिसकर्मी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आई तो यह स्थिति बदलेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि बिहार की जनता इस बार महागठबंधन के विकल्प को ही चुनेगी।
उधर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने एक दिन पूर्व जनचौक से अपने साक्षात्कार में सरकार बनने पर सहयोगी दलों से न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने के लिए दबाव बनाने की बात कही थी। जिस पर प्रतिपक्ष के नेतातेजस्वी यादव ने भी आज मोहर लगा दी।
एक नजर में घोषणा पत्र –
– पहली कैबिनेट की बैठक में दस लाख नौजवानों को रोजगार देने का वादा
– पहले विधानसभा सत्र में केंद्र के कृषि संबंधी तीनों बिल के प्रभाव से बिहार के किसानों को मुक्ति दिलाने का वादा किया गया है।
– परीक्षा के लिए भरे जाने वाले आवेदन फार्म पर फीस माफ।
– नौजवानों को परीक्षा केंद्रों तक जाने का किराया सरकार देगी।
– सरकार का संकल्प है कि कामगारों का राज्य से पलायन रोकेंगे।
– कर्पूरी श्रम सहायता केंद्र खोलेंगे, इससे लोगाें की मदद करने में आसानी होगी।
– शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन का वादा पूरा करेंगे।
-जीविका दीदियों का मानदेय दोगुना करने का वादा।
(पटना से स्वतंत्र पत्रकार जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट।)
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