Sunday, May 28, 2023

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ग्राउंड रिपोर्ट: ‘सरकारी हिंसा’ की चपेट में त्रिपुरा, बीजेपी को वोट नहीं दिया तो घरों में लगाई आग

अगरतला। फरवरी की कड़कड़ाती ठंड में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनावी पारा गर्मी का अहसास करा रहा था। केंद्र में सत्तारूढ़ संघ-भाजपा के मंत्रियों ने पूर्वोत्तर में डेरा डाल दिया था। उनके सियासी बयानों...

माले महाधिवेशन: फ़ासीवाद विरोधी और राष्ट्रीय परिस्थिति पर मसौदा प्रस्ताव पारित, अरुंधति ने किया प्रतिनिधियों को संबोधित 

पटना। भाकपा माले के 11वें पार्टी महाधिवेशन के आज दूसरे दिन फासीवाद विरोधी और राष्ट्रीय परिस्थितियों के मसौदा प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार और बहस-मुबाहिसे के बाद प्रतिनिधियों ने दोनों प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। कुल 36...

अडानी से नजदीकियों के बीच ममता और भाजपा में अंदरखाने डील की सुगबुगाहट

इन दिनों चर्चा बहुत तेज है कि क्या ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच में कोई समझौता हो गया है और इस डील को कराने में अंदरखाने पीएम के चहेते कारपोरेट गौतम अडानी की...

भारत की वामपंथी पार्टियों के सामने चुनौतियां

वामपंथी आंदोलन एक वैश्विक परिघटना रही है और इससे जन्म लेने वाली भारत की वामपंथी पार्टियां भी खुद को इस वैश्विक आंदोलन का हिस्सा मानती रही हैं और अब भी मानती हैं। इसकी सबसे मुखर अभिव्यक्ति उनके नामों में...

अजय सिंह की कविताएं करती हैं सीधे दुश्मन की शिनाख्त 

नई दिल्ली। गुलमोहर किताब ने वरिष्ठ कवि अजय सिंह की नई किताब 'यह स्मृति को बचाने का वक़्त है' पर चर्चा और कविता पाठ का आयोजन दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में किया, जिसमें बड़ी संख्या में कवियों, आलोचकों,...

सीपीआई(एम) की 23वीं कांग्रेस: संघर्ष की नई वामपंथी रणनीति के एकजुट संकल्प की कांग्रेस 

केरल के कन्नूर शहर में सीपीआई (एम) की 23वीं कांग्रेस (6-10 अप्रैल 2022) पूरी भव्यता के साथ संपन्न हो गई। फिर से सीताराम येचुरी का महासचिव पद पर चुनाव और कुछ पुराने, जमे-जमाये नेताओं की विदाई और पोलित ब्यूरो...

संघ-भाजपा के सर्वसत्तावाद के विरूद्ध वैकल्पिक-राजनीति किधर है?

भारतीय़ जनता पार्टी और आरएसएस का सर्वसत्तावाद सन् 2022 में अपने विराट रूप में सामने आया है। यूपी सहित चार राज्यों के चुनाव में कामयाबी हासिल करने के बाद केंद्रीय सत्ता पहले से भी ज्यादा आक्रामक नजर आ रही...

जेएनयू हिंसा में दोषी जेल में होते तो क्या होता दोबारा हिंसक संघर्ष?

जेएनयू में 5 जनवरी 2020 में हुई हिंसा की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन दो साल बाद एक और हिंसा सामने है। हिंसा का स्वभाव एक जैसा है। हिंसक समूह वही है। वैचारिक...

ग्राउंड रिपोर्ट: क्यों है बिहार में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा?

पटना। 2 फरवरी, 2022 को केेंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा राज्यसभा में दी गयी सूचना के अनुसार (NCRB डाटा) 2018-2020 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों के कुल 1,807 मामले दर्ज किए गए हैं।...

माकपा की कांग्रेस: कम्युनिस्टों की छोटी-बड़ी लाइन का द्वन्द्व 

भारत की नई लोकसभा के 2024 में निर्धारित चुनाव के लिए नई मोर्चाबंदी की आहट है जो तेज नहीं तो बेआवाज भी नहीं है। नई  मोर्चाबंदी 2022 में ही तय राष्ट्रपति चुनाव में कुछ हद तक साफ हो सकती...

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