माले नेताओं ने किया गोपालगंज में जनसंहार स्थल का दौरा, कहा- आरोपी जदयू विधायक की तत्काल हो गिरफ्तारी

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पटना। भाकपा-माले के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमण्डल ने आज सुबह 29 मई को गोपालगंज में माले नेता जेपी यादव के घर का दौरा कर उनके परिजनों से मुलाकात की। आपको बता दें कि पांच दिन पहले 24 मई को बाहुबली जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के गुर्गों ने जेपी यादव के घर नरसंहार रचाया था। जिसमें माले नेता के माता और पिता की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी। जबकि जेपी यादव और उनके एक भाई गंभीर रूप से घायल हैं। और उनका पटना में इलाज चल रहा है।

इस मौके पर हथुआ प्रखंड के इस रूपनचक गांव में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें परिजनों के साथ ही गांव समेत आस-पास के लोगों ने हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने माले नेताओं को उन जगहों को भी दिखाया जहां लोगों को गोली लगी थी या फिर उन स्थलों पर अभी भी खून के धब्बे मौजूद हैं। गोली से दीवार पर बने गहरे निशान आज भी देखे जा सकते हैं।

टीम में भाकपा-माले के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, दरौली विधायक सत्यदेव राम, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, केंद्रीय कमेटी सदस्य नईमुद्दीन अंसारी, गोपालगंज जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया, कॉमरेड जितेंद्र राम आदि शामिल थे।

माले नेताओं ने ग्रामीणों से बातचीत की और पूरे मामले की जांच-पड़ताल की। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह जनसंहार भाजपा-जदयू संरक्षित सामंती-अपराधियों द्वारा रचाया गया है। इसके मुख्य सूत्रधार जदयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय की विधानसभा सदस्यता अविलम्ब खारिज होनी चाहिए और उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि नीतीश कुमार के तथाकथित सुशासन के झूठे नरेटिव की हकीकत आज पूरे राज्य के सामने है।

माले नेताओं ने इसी सिलसिले में गोपालगंज आ रहे राजद नेता तेजस्वी यादव को रोक दिए जाने की कड़ी निंदा की। इसे लोकतंत्र विरोधी कदम बताया और भाजपा-जदयू को आगाह किया कि वह इस तरह की निंदनीय हरकत करने की बजाय अपनी पार्टी के बाहुबली विधायकों पर कार्रवाई करे।

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अमरेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी व विधानसभा सदस्यता खारिज करने को लेकर 26 मई को गोपालगंज में प्रतिवाद किया गया था और फिर विधानसभा अध्यक्ष को भी हमारी पार्टी के विधायक दल ने ज्ञापन सौंपा, लेकिन लगता है कि सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसलिए हमने इस बर्बर जनसंहार के खिलाफ आगामी 31 मई को राज्यव्यापी प्रतिवाद करने का फैसला किया है। और व्यापक विपक्षी एकता के आधार पर जनसंहार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का भी आह्वान किया है।

कॉमरेड धीरेन्द्र झा ने अपने बयान में कहा कि आज पूरा बिहार अपराधियों की गिरफ्त में है। इसके खिलाफ विपक्ष की पार्टियां एकजुट होकर संघर्ष करेंगी। दरौली विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि भाजपा-जदयू के सरंक्षण में आज गोपालगंज में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है, इसे उखाड़ फेंकना होगा। पूर्व विधायक कॉमरेड अमरनाथ यादव ने कहा कि सतीश पांडेय जैसे अपराधियों को माले ने सिवान से भगाया है, और ये अब गोपालगंज में आकर तांडव मचा रहे हैं। इस लॉक डाउन में जब लोग भूख और अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब ये लोग बर्बर जनसंहार को अंजाम दे रहे हैं। इस बर्बर कृत्य के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

माले नेताओं ने मृतक परिजनों के लिए तत्काल 1 करोड़ की राशि उपलब्ध कराने की मांग नीतीश सरकार से की है। यह भी कहा कि ग्रामीण फिर किसी अनहोनी से भयभीत हैं, लेकिन सरकार और जिला प्रशासन ने कोई पुलिस कैम्प नहीं स्थापित किया है। हमारी मांग है कि गांव में अविलम्ब कैम्प की व्यवस्था की जाए।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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