झारखंड के आदिवासियों पर पुलिसिया जुल्म जारी है। पुलिस आदिवासियों को नक्सली बताकर उनके साथ मारपीट कर रही है। ताजा मामला लातेहार जिले के मनिका थाना के दुन्दू गांव का है। गांव के खेरवार आदिवासी समुदाय के फिरंगी सिंह पिता बहादुर सिंह, उम्र 73 वर्ष को 4 मार्च, 2023 को रात के करीब 2 बजे मनिका थाना के थाना प्रभारी राणा भानु प्रताप सिंह एवं एसआई प्रदीप कुमार राय दर्जनों पुलिस बल के साथ घर का दरवाजा तोड़कर मां बहन की गाली देते हुए घर में घुस गए।घर में घुसते ही फिरंगी सिंह को लाठी डंडे से पीटते हुए घसीटकर गाड़ी पर बिठाकर मनिका थाना लायी।

पुलिस ने झूठा आरोप लगाते हुए कहा कि तुमलोग नक्सली हो, नक्सली को शरण देते हो, बन्दूक रखते हो, बताओ बन्दूक कहां है? ऐसे गली गलौज करते हुए थाना परिसर में ही हाथ पैर बंधकर उल्टा टांग दिया गया और बुरी तरह मारा पीटा गया। इस बीच फिरंगी सिंह अपने बचाव में चिल्लाते रहे लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।
सुबह 5 मार्च, 2023 दिन रविवार को पुलिस पुन: मारते-पीटते उनके गांव वापस दुन्दू लेकर गई, जहां फिरंगी सिंह नाम से ही और दो लोग रहते हैं। वहां जाकर पूछ-ताछ की, लेकिन ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद भी उनके नक्सली होने का किसी भी तरह का कोई सबूत नहीं मिला। बावजूद इसके फिरंगी सिंह को पुनः मनिका थाना ले जाया गया और हाजत में बन्द कर दिया गया। इसी बीच ग्रामीणों द्वारा मनिका थाना पहुंचकर पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया गया तब जाकर उनको छोड़ा गया। दूसरी तरफ इनके अलावा ग्रामीण संजय सिंह पिता स्व. उदयनाथ सिंह को भी थाने में लाकर उनके साथ मार-पीट की गयी।
भुक्तभोगी ग्रामीण फिरंगी सिंह ने बताया कि शनिवार (4 मार्च) की रात में मनिका पुलिस दुंदू गांव के परसाटांड टोला स्थित उसके घर से उठाकर थाना ले आयी। वहां पर पुलिस द्वारा माओवादी कमांडर कुंदन को खाना खिलाने और कुंदन को घर पर रखने के आरोप लगाते हुए हाथ-पैर बांध कर थाना के छोटा बाबू (एसआई प्रदीप कुमार राय) ने उल्टा लटका दिया और लाठी डंडे से रात भर मेरी पिटाई करते रहे। उसने बताया कि पैर के तलवा में सबसे ज्यादा लाठी से पीटा गया जिससे कारण वह एक सप्ताह बाद भी ठीक से चल फिर नहीं पा रहा है। पुलिस की बर्बरतापूर्ण पिटायी के चिन्ह आज भी उक्त बुजुर्ग के पूरे शरीर पर देखा जा सकता है।
इस मामले को लेकर भाकपा (माले) एवं अखिल भारतीय किसान महासभा प्रखण्ड कमेटी मनिका की टीम जब भुक्तभोगी फिरंगी सिंह से मिली तो टीम को उसने आपबीती सुनाते हुए बताया कि पुलिस द्वारा जमकर पिटाई करने के बाद रविवार (5 मार्च) की सुबह बगैर इलाज कराए सादा कागज पर साइन कराने के बाद धमकी देते हुए कहा गया कि उक्त मामले को कहीं नहीं बताना है, नहीं आगे चलकर दिक्कत हो जाएगी। धमकी देकर छोड़ने बाद घायल का इलाज नहीं कराया गया। तब जाकर परिजनों ने गांव में ही स्थानीय प्रैक्टिसनर से इलाज कराया गया।

पुलिस की उक्त बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से पूरा परिवार दहशत में है। इस तरह पुलिसिया बर्बरता की कहानी पूर्व में भी जिले के अलग-अलग थानों में देखने सुनते को मिलती रही है।निर्दोष आदिवासी, दलित लोगों पर पुलिसिया जुल्म की जाती रही है।
बताते चलें कि इलाके में खासकर मनिका थाना क्षेत्र में आदिवासी, दलितों की आये दिन हत्याएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस ने किसी भी अपराधी को न तो चिन्हित कर पा रही है और न ही किसी को गिरफ्तार कर रही है। जबकि बड़ी आसान तरीके से पुलिस नक्सली के नाम पर क्षेत्र के आदिवासी व दलितों के लगातार प्रताड़ित करती रही है।
जिस रात को फिरंगी सिंह को पुलिस द्वारा थाने में टॉर्चर किया गया उसी रात को इसी गांव दुंदू के अशोक राम की हत्या करके सतबरवा थाना क्षेत्र के भलवही मोड़ सड़क किनारे फेंक दिया गया था।

अशोक राम की हत्या को लेकर भाकपा माले के प्रखंड कमेटी टीम ने अशोक राम के परिजनों से बातचीत कर मामले की जानकारी ली। मृतक के परिजनों ने बताया कि अशोक राम की हत्या हुई है। हत्या करके सतबरवा थाना क्षेत्र भलवही मोड़ सड़क किनारे हत्या कर फेंक दिया गया है। माले नेता संजय सिंह ने कहा कि यदि हत्यारे गिरफ्तार नहीं हुए तो माले मनिका राष्ट्रीय मार्ग-39 को जाम कर देगी और भाकपा माले उग्र आंदोलन में उतर जाएगी। माले ने सरकार से मांग की कि अशोक राम के परिवार को सरकार से मिलने वाली हर सुविधा मिलना चाहिए।
वहीं फिरंगी सिंह की पुलिस द्वारा की गई प्रताड़ना के खिलाफ भाकपा माले के कार्यकर्ताओं द्वारा मशाल जुलूस निकाल कर दूंदू गांव में बीती रात विरोध प्रदर्शन किया गया और माले के नेताओं ने पुलिस की पिटाई से पस्त हुए बुजुर्ग आदिवासी ग्रामीण के घर जाकर घटना की पूरी जानकारी ली।
माले ने विरोध प्रदर्शन करते हुए बुजुर्ग ग्रामीण की पिटाई करने वाले एसआई प्रदीप राय को निलंबित करने सहित अशोक राम के हत्यारों को गिरफ्तार करने मनिका पुलिस मुदार्बाद का नारा लगा रहे थे।

इधर घटना के संबंध मे नरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने आदिवासी बुजुर्ग की पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक पिटाई करने के मामले में दोषी एसआई प्रदीप राय को निलंबित करने की मांग की है, साथ ही उन्होंने कहा है कि पुलिस एक तरफ सामुदायिक पुलिसिंग के तहत काम करने की बात कहती है, ग्रामीणों के साथ शांति समिति की बैठक करती है, वहीं और दूसरी तरफ ग्रामीणों की लाठी से पिटाई करती है जो पुलिस के दोहरे चरित्र को दिखा रहा है। उक्त घटना की जितनी भी निंदा की जाये कम है।
विरोध प्रदर्शन में जेम्स हेरेंज, माले नेता मुनेश्वर सिंह, संजय सिंह, वचन सिंह, अजय यादव एवं बिरजू राम सहित ग्रामीण महिलाएं शामिल थी।
जेएसआई प्रदीप राय का विवादों से रहा है पुराना रिश्ता
बताते चलें कि फिरंगी सिंह को पीटने के आरोपी जेएसआई प्रदीप राय का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। जेएसआई प्रदीप राय द्वारा पूर्व में भी नरेश यादव नामक एक दूध बेचने वाले ग्रामीण को जमकर लाठी डंडों से पीटा गया था। घटना को लेकर मनिका प्रखंड के कई जन-प्रतिनिधियों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके बाद उक्त जेएसआई द्वारा एक चाय बेचने वाले होटल संचालक की भी पिटाई की गयी थी। इस घटना को लेकर कांग्रेस के मनिका विधानसभा अध्यक्ष मिथिलेश पासवान ने जिले के पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी।
मनिका प्रखंड के युवा नेता सह भाजयुमो के जिला अध्यक्ष छोटू राजा के साथ भी जेएसआई द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था, जिसे लेकर भाजयुमो के जिला अध्यक्ष के द्वारा भी पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की गई थी। कुछ दिन पूर्व भी मनिका बाजार चौक में विधायक रामचंद्र सिंह से मनिका प्रखंड के सभी दल के नेताओं ने मिलकर मनिका पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया था। बावजूद आज तक जेएसआई के खिलाफ पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।

माले ने उक्त तमाम मामलों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इंसाफ की मांग की है। माले के प्रतिनिधियों ने उक्त पत्र मनिका सीओ (अंचल अधिकारी) के माध्यम से दिया।
(वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
+ There are no comments
Add yours