जेसीबी का उपयोग कर मनरेगा मजदूरों की हो रही हकमारी

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झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के सोनुवा प्रखंड के पोड़ाहाट पंचायत में मनरेगा योजना में शामिल केवल मानव श्रम यानी केवल मजदूर से काम करवाने की अवधारणा के साथ खिलवाड़ करने का मामला प्रकाश में आया है। ठेकेदार और संबंधित विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से मनरेगा के तहत बन रही मिट्टी मोरम की कच्ची सड़क के निर्माण में मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन से काम लिया जा रहा है।

बता दें कि राज्य से रोजगार और दूसरे राज्यों में पलायन रोकने व मजदूरों को गांव में काम देने के लिए मनरेगा के तहत सरकार द्वारा काम सृजित किया जाता है, कि गांव में ही मजदूरों को अधिक से अधिक काम मिले, ताकि वे रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन न करें। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के दलाल और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से मशीन का उपयोग करके एक तरफ मनरेगा की अवधारणा को मिटाया जा रहा है, वहीं ऐसा करके मजदूरों के पेट पर लात मारा जा रहा है। ज्ञात हो कि मनरेगा योजना में मशीन का उपयोग पूर्णतः वर्जित है। बावजूद इस योजना में जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सोनुवा प्रखंड पोड़ाहाट पंचायत में देखने को मिला है।

सोनुवा प्रखंड पोड़ाहाट पंचायत के झिंगामारचा से गुटूसाई गांव तक मनरेगा योजना के तहत बन रही मिट्टी मोरम की कच्ची सड़क के निर्माण कार्य के दौरान 26 जुलाई सोमवार की सुबह जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा था। जिसे मनरेगा मजदूरों ने रोक दिया और इसकी शिकायत संबंधित विभाग के लोगों से की। मजदूरों के मुताबिक उनके द्वारा पिछले दिनों काम की मांग की गयी थी। जिसको लेकर पोड़ाहाट पंचायत के झिंगामारचा से गुटूसाई तक एक किमी, मिट्टी मोरम से सड़क योजना बनायी गई, जिसकी प्राक्कलित राशि है 4,56,166 रुपए ,  योजना का नाम आरसी है, जिसका प्रखंड, जिला कार्ड संख्या 3408014015 है और योजना का कार्ड संख्या 7080901087022 है।

योजना के मस्टर रोल में दर्ज मनरेगा मजदूर कौशल्या हेम्ब्रम, सुखलाल पुर्ती, गुरुवारी बानरा, मनोज हेम्ब्रम, बुतरु दिग्गी आदि कई मजदूरों ने बताया कि मस्टर रोल में उनके नाम होने के बावजूद उनसे काम नहीं कराया जा रहा है। जबकि 26 जुलाई सोमवार सुबह सड़क निर्माण को लेकर जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया। जिसका उन्होंने विरोध किया। ग्रामीण मजदूरों के विरोध किये जाने के बाद जेसीबी मशीन का चालक काम छोड़ कर भाग गया। बताया जाता है कि, इस संबंध में मजदूर जिले के उच्चधिकारियों से भी शिकायत करेंगे।

मामला प्रकाश में आने के बाद मनरेगा ठेका माफियाओं में हड़कंप मच गया है। मनरेगा माफिया मामले की लीपापोती करने में जुट गये हैं।

बता दें कि इस काम का ठेका पोड़ाहाट पंचायत के मुखिया अजीत मांझी को मिला है और इस योजना की रोजगार सेवक पुष्पा गार्गी हैं।

सोनुवा के सीओ सह बीडीओ सागरी बराल ने कहा है कि मामले की जानकारी मिली है। मनरेगा योजना में मशीन का उपयोग वर्जित है। मामले की जांच की जाएगी। जांच में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई करने के साथ उन पर मामला भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने योजना में इस्तेमाल किए गए जेसीबी मशीन को भी जब्त करने के साथ कार्रवाई करने की बात कही है।

(झारखण्ड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट)

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