युद्धविराम की घोषणा एक अच्छी और स्वागतयोग्य बात है, किंतु अमेरिका द्वारा इसके लिए की गई मध्यस्थता की खबर चिंताजनक है। आजादी के बाद से लेकर आज तक, चाहे कश्मीर का सवाल हो या पाकिस्तान अथवा किसी अन्य देश के साथ सीमा विवाद का प्रश्न, भारत की यह नीति रही है कि वह किसी भी तीसरी शक्ति के हस्तक्षेप या भूमिका को स्वीकार नहीं करेगा। पहलगाम के जघन्य और निंदनीय आतंकी हमले के बाद के घटनाक्रम में अमेरिका के ‘चौधरी’ बनने की कोशिश इस नीति के विपरीत है। प्रधानमंत्री को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। भारत की जनता अमेरिकी मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगी। यह बात देश के प्रमुख किसान नेता और लोकसभा सांसद अमरा राम ने आज ग्वालियर में कही।
उन्होंने कहा कि पहलगाम के कायरतापूर्ण आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरा देश एकजुट है। सभी विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर पूर्ण रूप से सरकार का साथ दिया है। आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई के लिए देश एकजुट है, मगर क्या केंद्र सरकार इसके प्रति उतनी गंभीर है?

यह सवाल उठाते हुए सांसद अमरा राम ने दोनों सर्वदलीय बैठकों में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति को खेदजनक बताया। यह गैर-जिम्मेदाराना है कि देश पर इतने गंभीर संकट और हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठकों में शामिल होने और देश की अगुआई करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की चुनावी सभाओं में भाग लेना जरूरी समझा। दूसरी बैठक में भी शामिल होने के बजाय वे व्यावसायिक घरानों के समारोहों में व्यस्त रहे। यह देश की अखंडता और एकता के प्रति सभी देशवासियों की भावनाओं का अपमान जैसा है।
अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष और सीपीआई(एम) पोलित ब्यूरो सदस्य अमरा राम ने कहा कि देश की वास्तविक एकता को बनाने और मजबूत करने का काम मेहनतकश मजदूर और किसान ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांप्रदायिक गठजोड़ भावनात्मक मुद्दों पर ध्यान भटकाकर बड़े व्यावसायिक घरानों के लिए देश की लूट की खुली छूट देने वाली विनाशकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते हुए इस विराट एकता को बनाया गया है। ऐतिहासिक किसान आंदोलन इसका उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि यही मुहिम आगे भी जारी रहेगी। श्रमिक-कर्मचारी संगठनों द्वारा 20 मई को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल इसी तरह की कार्रवाई है। अखिल भारतीय किसान सभा और संयुक्त मोर्चा ने इसका समर्थन किया है। कॉरपोरेट और कंपनियों के बढ़ते शोषण से देश और उसकी जनता को बचाने के लिए होने वाली यह आम हड़ताल मेहनतकश जनता की एकता को और मजबूत बनाएगी।
आज सुबह से शुरू हुई मध्यप्रदेश किसान सभा की राज्य कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए अमरा राम ने मध्यप्रदेश में किसान आंदोलनों को और तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों तथा ग्रामीण आबादी की हर समस्या का समाधान उनकी एकता और संघर्ष को मजबूत करके ही किया जा सकता है।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज भी इस बैठक में उपस्थित थे। इस राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक तिवारी ने की। महासचिव अखिलेश यादव ने इस बैठक के लिए समग्र रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रदेश भर से आए राज्य कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने-अपने जिलों की स्थिति का ब्योरा रखा।
सांसद अमरा राम ने इस बैठक सहित कई अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया।
(प्रेस विज्ञप्ति)