मुजफ्फरनगर दंगा: रेप के दोषियों को 20 साल की जेल, बेटे की गरदन पर चाकू रखकर किया था गैंगरेप

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मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान बेटे की गरदन पर चाकू रखकर मां के साथ गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने दोषियों को 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई है। मामला 2013 के मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों का है जब शामली में एक महिला से चाकू की नोक पर गैंगरेप किया गया। 

मामले में दो आरोपियों महेश वीर और सिकंदर को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि दंगों के दौरान उन्होंने एक “असहाय महिला के साथ गैंगरेप किया, जब वह अपने बेटे के साथ अपनी जान बचाने के लिए गन्ने के खेत से भाग रही थी।” 

घटना 8 सितंबर, 2013 की है। जब मुजफ्फरनगर में शुरू हुए दंगे आस-पास के इलाकों में फैल गए थे। दंगों के दौरान, दो समुदायों के बीच झड़पों में 60 से अधिक लोग मारे गए और 50,000 से अधिक लोग घर छोड़ कर भाग गए थे।

मंगलवार की सजा का आदेश सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मामले को प्राथमिकता पर लेने का निर्देश पारित करने के कुछ महीने बाद आया था जिसमें कोर्ट ने कहा था कि सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर होनी चाहिए। मामले में पीड़िता के वकील अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 13 मार्च को ये आदेश दिया था।

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा था कि उसका पति एक डॉक्टर को देखने गया था। वह और उसका बेटा घर पर अकेले थे। तभी यह अफवाह फैली कि बड़ी मस्जिद के पास एक व्यक्ति को मार दिया गया है, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे भड़क गए। खुद को बचाने के लिए वह अपने बेटे के साथ घर से भाग गई और गन्ने के खेतों में छिप गईं। वहीं पर अपराधियों ने उसे और उसके बेटे को घेर लिया और उसके बेटे की गरदन पर चाकू रखकर उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था।

( कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)

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