अब अल्ट न्यूज के सह संस्थापक जुबैर गिरफ्तार

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नई दिल्ली।अल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। यह आरोप एक सोशल मीडिया यूजर ने लगाया है। और वह भी 2018 के जुबैर के एक ट्वीट पर। दिलचस्प बात यह है कि उस सोशल मीडिया यूजर का नाम भी नहीं दिया गया है जिसने यह आरोप लगाया है।

पुलिस का कहना है कि उसने शिकायत के बाद जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), 295-ए (धार्मिक भावनाएं भड़काने का गलत का काम करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें एक दिन के लिए पुलिस कस्टडी में रखा गया है और मंगलवार को कोर्ट के सामने जमानत के लिए पेश किया जाएगा।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि शिकायतकर्ता ने ट्विटर पर अपना नाम हनुमान भक्त लिखा है और उसने डीपी में हनुमान की फोटो लगा रखी है। 

जुबैर की गिरफ्तारी की सभी विपक्षी दलों ने निंदा की है। कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, एआईएमआईएम समेत सभी वाम दलों ने इसे लोकतंत्र का खुला मजाक करार दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी-एनडीए उन लोगों को निशाना बना रही है जो लोग उसके घृणा अभियान और झूठ का पर्दाफाश कर रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सत्य की एक आवाज को गिरफ्तार करने के बाद ऐसी हजारों आवाजें खड़ी हो जाएंगी। कई और विपक्षी नेताओं ने इस पर अचरज जाहिर करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।

जुबैर को दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ट्वीट में एक होटल को हनीमून होटल के तौर पर पेश किया गया था जिसका बाद में नामकरण हनुमान होटल कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने उसका स्क्रीन शाट लेकर उसे दिल्ली पुलिस के साथ टैग कर दिया था। उन्होंने खुद बताया कि जुबैर ने यह ट्वीट 2018 में किया था लेकिन इस बीच इसको लेकर कई जगहों से एतराज जताया गया था। लिहाजा पुलिस ने अब इस पर कार्रवाई की है।

गिरफ्तारी के बाद अल्ट न्यूज के सह संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट कर बताया कि ‘जुबैर को आज दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2020 की एक जांच के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था जिसके लिए उसे पहले से ही हाईकोर्ट से गिरफ्तारी से छूट मिली हुई है। लेकिन आज (कल) तकरीबन 6.45 शाम को उसे एक दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया जिसकी कि पहले से कोई नोटिस ही नहीं है जबकि कानूनी तौर पर यह बाध्यकारी है। और न ही लगातार मांगे जाने पर एफआईआर की कॉपी दी जा रही है।’

सिन्हा ने 2020 के केस के बारे में बताया कि उनके खिलाफ पुलिस ने पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है जिसमें उन्होंने ट्विटर पर एक गाली देने वाले शख्स को जवाब दिया था। लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई करने से मना किया था।

पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बंगलुरू में रहने वाले जुबैर और उनके वकील द्वारका स्थित आईएफएसओ के दफ्तर में कल दोपहर करीब दो बजे पहुंचे और पुलिस ने उनसे करीब 3.15 पर पूछताछ की शुरुआत की। उसी समय एक दूसरे जांच अधिकारी ने उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस दी और उनसे जांच में शामिल होने के लिए कहा। और इस तरह से 5.30 बजे शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

सिन्हा ने फिर ट्वीट कर बताया था कि ‘मेडिकल परीक्षण के बाद पुलिस उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जा रही है। और इसके बारे में न ही जुबैर के वकील और न ही मुझे कुछ बताया गया है। हम लोग उनके साथ पुलिस वैन में हैं। और किसी भी पुलिसकर्मी ने कोई नेम टैग नहीं लगा रखा है’।

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