सिलगेर में फिर हुआ आदिवासियों का जमावड़ा, छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर उठी अधिकारों की आवाज

Estimated read time 1 min read

कांकेर। आज समूचे छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ने 23 साल पूरे कर लिए हैं। राजधानी रायपुर से रंगारंग कार्यक्रम और सौगातों की झड़ी लग रही है। ठीक उसी उक्त छत्तीसगढ़ प्रदेश के आदिवासी अपने अधिकारों और न्याय के लिए हजारों की संख्या में एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं।

यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सिलगेर में हो रहा है यह वही सिलगेर है जहां 5 महीनों से आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं। यह वही सिलेगर है जहां सुरक्षा बलों की गोली से आम आदिवासियों ने अपनी जान गंवा दी थी। तमाम दमन के बावजूद आंदोलन रुका नहीं और न्याय को लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन जारी है।

विदित हो कि छत्तीसगढ़ में 21वां राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, इधर सिलगेर में मूल बचाओ आदिवासी मंच की ओर से हजारों की संख्या में आदिवासियों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों की मांग करते हुए रैली और आमसभा के जरिये स्थापना दिवस मनाया।

इस मौके पर आदिवासियों ने न केवल आम सभा की बल्कि नाचने और गाने के जरिये भी अपनी मांगों को आगे बढ़ाया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद भी आदिवासी गुलामों की तरह जीने को मजबूर हैं। सरकार की तमाम योजनाओं से वंचित हैं। पीने के लिये शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, तमाम बुनियादी सुविधाओं के लिये दो चार हो रहे हैं। आज सरकार राज्य के अंतिम व्यक्ति तक हर योजना का फायदा पहुंचाने का दावा करती है। लेकिन सच्चाई यह है कि आदिवासी आज भी रोजमर्रा की चीजों के लिए तरस रहा है। रोष का आलम यह था कि आदिवासी लगातार अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे।

सिलगेर में हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीण विगत 5 महीने से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसमें अपनी मांगों के साथ सिलगेर में हुए गोलीकांड के न्यायिक जांच की मांग और जुड़ गयी है। उनका कहना है कि बगैर मांग पूरी हुए आदिवासी यहां से नहीं जाएंगे।

सिलगेर में आंदोलन कर रहे आदिवासी ग्रामीणों का समर्थन करने के लिए तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अन्य संगठनों मसलन किसान मोर्चा, किसान मजदूर मुक्ति मोर्चा, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के तमाम सदस्यों की टीम मौके पर पहुंची।

अलग-अलग संगठनों के इस 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में किसान मजदूर महा संघ के संचालक मंडल के सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, आदिवासी भारत महा सभा के संयोजक सवरा यादव, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सदस्य व पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सदस्य हेमंत कुमार टण्डन, सयुंक्त किसान मोर्चा के सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव तेजराम विद्रोही शामिल थे।

क्या हुआ था सिलगेर में

नक्सलियों के खिलाफ अभियान में जुटे सुरक्षा बल के जवान बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में एक कैम्प बना रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण इस कैम्प का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि सुरक्षा बलों ने कैम्प के नाम पर उनके खेतों पर जबरन कब्जा कर लिया है। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान 17 मई को सुरक्षा बलों ने गोली चला दी। इसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई। भगदड़ में घायल एक गर्भवती महिला की भी कुछ दिनों बाद मौत हो गयी। पुलिस का कहना था कि ग्रामीणों की आड़ में नक्सलियों ने कैम्प पर हमला किया था। जिसकी वजह से यह घटना हुई। लंबे गतिरोध और चर्चाओं के बाद 10 जून को ग्रामीण आंदोलन स्थगित कर सिलगेर से वापस लौट गए थे।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author