लखनऊ। रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित एवं सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के महासचिव संदीप पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने दीपावली के अवसर पर अयोध्या में लाखों दीप जलाने को अनुपयोगी बताते हुए इसे रोकने का आग्रह किया है।
संदीप पाण्डेय ने मुख्यमंत्री के नाम खुले पत्र में लिखा है कि, “इस वर्ष दीपावली आने वाली है। आप पुनः पिछले वर्षों की भांति अयोध्या में लाखों दिए जलाएंगे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद आपने 51,000 दिए जलाए, 2019 में 4.1 लाख दिए जलाए, 2020 में 6 लाख, 2021 में 9 लाख, 2022 में 17 लाख और 2023 में 22 लाख दिए जलाए”।
“बताया जाता है कि आप हरेक वर्ष गिनीज़ बुक में नया रिकाॅर्ड दर्ज कराते हैं। किंतु पिछला रिकाॅर्ड भी तो आप ही का होता है। ऐसे में नया रिकाॅर्ड बनाने की क्या जरूरत है? फिर क्या यह सरकार का काम है कि गिनीज़ बुक में नाम दर्ज कराने के लिए काम करे?”
2023 में दीपोत्सव नामक इस कार्यक्रम में 25,000 स्वयंसेवक, रुपए 3 करोड़ व एक लाख लीटर तेल लगा। अगली सुबह गरीब लोग दिए में बचा तेल एकत्र कर ले जाते हैं। इतने संसाधनों की बरबादी उन गरीब लोगों के साथ मजाक है जो अपने खाने का भी इंतजाम ठीक से नहीं कर पाते।
दीप जलाने का कार्यक्रम राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के माध्यम से करवाया जाता है। अब किसी विश्वविद्यालय का यह काम कैसे हो सकता है कि वह लाखों दिए जलाए?
इसी अवसर पर पेशेवर कलाकारों को राम, लक्ष्मण, सीता बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार के हेलिकाॅप्टर से अयोध्या में उतारा जाता है और आप खुद अगवानी के लिए वहां खड़े रहते हैं। एक दूसरे हेलिकाॅप्टर से फूल बरसाए जाते हैं। यह भी संसाधनों की बरबादी है। क्या सरकारी हेलिकाॅप्टर इस काम के लिए है?
देश में जबकि महंगाई बढ़ती जा रही है व सामान्य परिवारों के लिए खर्च पूरा करना मुश्किल हो रहा है, ऐसी पैसों की बरबादी आपको शोभा नहीं देती।
जैसे लोगों को बताया जाता है कि पटाखे न चलाकर प्रदूषण कम किया जाए और दीपावली सादगी से मनाई जाए उचित होगा कि आप भी प्रतीकात्मक एक दिया जला कर दीपावली मनाएं। सरकारी हेलिकाॅप्टर के इस्तेमाल का जो प्रोटोकाॅल होगा उसका पालन किया जाए। यदि आपको करना ही है तो मोदी जी की तरह इस काम के लिए अडानी या किसी का निजी हेलिकाॅप्टर इस्तेमाल करें।
उम्मीद है आप इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाकर दिए गए सुझावों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेंगे और गरीब लोगों की भावनाओं का सम्मान करेंगे।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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