यूपी में ‘योगी सरकार हटाओ-लोकतंत्र बचाओ अभियान’ चलेगा, तमाम संगठनों ने लखनऊ में बैठक कर लिया फैसला

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लखनऊ। ‘योगी सरकार हटाओ-लोकतंत्र बचाओ’ अभियान चलाने का निर्णय आज लखनऊ के गांधी भवन में स्वराज अभियान के नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया। आज की बैठक में आईपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह, पूर्व सांसद इलियास आजमी, रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शोएब और पूर्व पुलिस डीजी बिजेन्द्र सिंह, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी, प्रदेश अध्यक्ष अनमोल, सामाजिक कार्यकर्ता अतहर हुसैन, आईपीएफ नेता लाल बहादुर सिंह, जन मंच प्रदेश संयोजक नितिन मिश्रा, किसान नेता व दलित चिंतक डा बृज बिहारी, मजदूर किसान मंच के दिनकर कपूर, सामाजिक कार्यकर्ता आलोक, सलाउद्दीन, गोपाल कृष्ण, किसान नेता रमेश सिंह व जयंत चैधरी, युवा मंच के राजेश सचान, रेड ब्रिगेड की ऊषा, एडवोकेट कमलेश कुमार सिंह, पीयूएचआर से राज नारायण मिश्र और डग के रामकुमार, एडवोकेट अजहर खान आदि उपस्थित रहे।

पूरे प्रदेश में जन संवाद के लिए आम सभाओं के आयोजन का निर्णय बैठक में लिया गया। आंदोलन की जवाबदेही और सांगठनिक विस्तार के लिए कल एक बैठक 11 बजे पुनः बुलाई गई है। लोकतंत्र बचाओ अभियान में उन सभी लोगों को जुडने का आह्वान किया गया है जो इसमें शरीक होना चाहते है।

बैठक में लिए यह प्रस्ताव लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश के नागरिक योगी सरकार हटाने और लोकतंत्र बचाने के लिए अभियान चलाने का फैसला लेते हैं। प्रस्ताव में कहा गया कि पूरे प्रदेश में धारा 144 का लगना, धरना-प्रदर्शन व सभा पर रोक लगना, निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजना, आम नागरिकों का आए दिन पुलिस व प्रशासन द्वारा उत्पीड़न, फर्जी मुठभेड़ आम बात हो गयी है। दरअसल पूरा उत्तर प्रदेश जेलखाना में तब्दील किया जा रहा है और पूरे प्रदेश में पुलिस राज चल रहा है। नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के हनन के कारण लोकतंत्र का इंडेक्स जब से योगी सरकार बनी है, प्रदेश में निरंतर गिरता जा रहा। प्रस्ताव में संशोधित नागरिकता कानून और नागरिकता रजिस्टर बनाने का विरोध करने पर निर्दोष नागरिकों की गिरफ्तारी, यहां तक कि सोशल मीडिया पर लिखने पर मुकदमें कायम करने की पुलिसिया कार्यवाही की कडी निंदा करते हुए जो लोग अभी भी जेल में है उन्हें रिहा करने, उन पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस लेने, प्रदेश में लगी धारा 144 को खत्म करने और प्रदेश में हुई हिंसा की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करने, दोषी लोगों को दण्ड़ देने और प्रदेश में कानून का राज कायम करने और भय का राज खत्म करके लोकतांत्रिक शांतिपूर्ण माहौल बनाने की मांग की गयी।

बैठक में केन्द्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून और नागरिकता व जनसंख्या रजिस्टर बनाने की कार्यवाही को वापस लेने की और नागरिकों के अधिकारों पर दमन के लिए बनाएं गए सभी काले कानूनों को समाप्त करने की मांग की गयी। बैठक ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक विपक्ष की शून्यता को गम्भीरता से लेते हुए लोकतांत्रिक राजनीतिक विपक्ष के निर्माण की चुनौती को स्वीकार किया। बैठक में प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए लोगों की कानूनी मदद के लिए लीगल सेल का गठन किया गया। बैठक के बाद वीएम सिंह, इलियास आजमी, एस. आर. दारापुरी के नेतृत्व में एक टीम ने घंटाघर जाकर घरनारत महिलाओं का समर्थन किया।

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