कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला दिया है कि भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी प्रत्याशी हैं, को रद्द नहीं किया जाएगा और मतदान गुरुवार 30सितम्बर को ही होगा। एक जनहित याचिका में कोलकाता की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग के संवैधानिक अनिवार्यता के तर्क को चुनौती दी गई थी।
वर्ष 2011 से 2016 तक ममता बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र रही भवानीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव इसलिए आवश्यक हो गया था, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने पार्टी प्रमुख को विधानसभा तक पहुंचाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट पर अब ममता बनर्जी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की युवा नेता 41-वर्षीय प्रियंका टिबरेवाल से होगा, जो कलकत्ता हाईकोर्ट में ही वकील हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को भवानीपुर उपचुनाव की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारत के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अगुवाई वाली खंडपीठ ने हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव के खिलाफ भवानीपुर उपचुनाव में तेजी लाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखने के लिए प्रतिकूल टिप्पणी पारित की है ।
खंडपीठ 9 नवंबर को दूसरे मुद्दे पर सुनवाई करेगी कि क्या जनता को उप-चुनावों की लागत वहन करनी चाहिए, जो कि ममता बनर्जी के चुनाव की सुविधा के लिए निर्वाचित उम्मीदवार के इस्तीफे के कारण आवश्यक है, जो मई 2021 में नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव हार गई थी।
खंडपीठ ने उस याचिका में आदेश पारित किया, जिसमें भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों को प्राथमिकता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी ।
इस संबंध में चुनाव आयोग ने छह सितंबर को एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में कहा गया था कि 159-भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव 30 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। इसमें उपचुनाव कराने के लिए मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार से प्राप्त विशेष अनुरोध को रेखांकित किया गया था।
पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव के पत्र का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने उपचुनाव अधिसूचना जारी करते हुए एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि चुनाव आयोग ने संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए देश भर के अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है, इसने भवानीपुर में उपचुनाव कराने का फैसला किया है।
एडवोकेट अंकुर शर्मा के माध्यम से सयान बनर्जी द्वारा दायर जनहित याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव द्वारा प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए और सार्वजनिक हित और राज्य में शून्य से बचने के लिए 159-भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग से किए गए अनुरोध पर सवाल उठाया गया है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि कोविड-19 महामारी के बीच उप-चुनाव कराने की प्राथमिकता एक अनिर्वाचित मुख्यमंत्री द्वारा चुनावों की स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के कारण अनुचित, दुर्भावना और अनुचित प्रभाव पर आधारित है।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)