गाजा नरसंहार के बाद यहूदियों के खिलाफ हिंसा की मांग में 1,200% की वृद्धि: द जेरुसलम पोस्ट

हमास की हिंसक कार्रवाई के बाद से यहूदियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करने के मामलों में 1,200 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। यह दावा इजराइल के प्रमुख समाचार पत्र द जेरुसलम पोस्ट के 15 अक्टूबर 2023 के एक लेख में किया गया है। पत्र के अनुसार हमास के खिलाफ आईडीएफ के स्वॉर्ड्स ऑफ आयरन ऑपरेशन के भयावह परिणामों को लेकर एक नई रिपोर्ट में इजरायल, ज़ायोनीवादियों एवं यहूदियों के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा की मांग में अभूतपूर्व 1,200 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

ये आंकड़े 7 से 10 अक्टूबर, 2023 के बीच इकट्ठा किए गए थे, जैसा कि एंटीसेमिटिज्म साइबर मॉनिटरिंग सिस्टम (एसीएमएस) द्वारा जारी दूसरी मूल्यांकन रिपोर्ट में बताया गया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान यहूदी-विरोधी 157,000 पोस्ट दर्ज किए गए हैं, जो इससे पूर्व के चार दिनों की तुलना में 450 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें पेरिस इस ऑनलाइन नफरत के केंद्र के रूप में उभरा है और इसके बाद न्यूयॉर्क और ब्यूनस आयर्स जैसे शहर पाए गये हैं।

डिजिटल नफरत में बढ़ोत्तरी

7-10 अक्टूबर के दौरान, एंटीसेमिटिज्म साइबर मॉनिटरिंग सिस्टम (एसीएमएस) ने बड़ी मेहनत से यहूदी विरोधी भावनाओं को उजागर करने वाली लगभग 157,000 पोस्टों का दस्तावेजीकरण किया। ये आंकड़े पिछले चार दिनों (3-6 अक्टूबर) की तुलना में 450 फीसदी की छलांग और सितंबर में समान अवधि के साथ तुलना करने पर 360 फीसदी की भारी वृद्धि दर्शाते हैं। पत्र अपने निष्कर्ष में लिखता है कि ऐसे में नफरत फैलाने वाले भाषणों में बढ़ोतरी और हमास के हमलों के बीच समानता को नकारा नहीं जा सकता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी नजर

ट्विटर सहित कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गहरी नजर रखी जा रही है, और वो जांच के दायरे में हैं। इन प्लेटफार्मों पर नफरत एवं गलत सूचना के बड़े पैमाने पर प्रसार से चिंतित यूरोपीय संघ ने इन पर ध्यान केंद्रित किया है। तेजी से बदलते घटनाक्रम को देखते हुए यूरोपीय संघ के डिजिटल राइट्स चीफ थिएरी ब्रेटन ने मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम के मालिक) और एलन मस्क के X को कड़ी चेतावनी जारी की है।

हेट स्पीच में पेरिस अव्वल

डेटा के भौगोलिक विश्लेषण से पता चलता है कि 7-10 अक्टूबर तक यहूदी विरोधी घृणास्पद भाषण के प्रसार के लिए पेरिस सबसे सक्रिय केंद्र बना हुआ था। पेरिस के बाद न्यूयॉर्क, ब्यूनस आयर्स, सैंटियागो और लॉस एंजिल्स जैसे शहर भी इस संबंध में महत्वपूर्ण गतिविधि को दर्शाते हैं।

यहूदी विरोधी ऑनलाइन डिस्कोर्स की प्रकृति को डिकोड करने की कोशिश

अख़बार आगे लिखता है कि इस घृणित बयानबाजी के वर्गीकरण में गहराई से जाने पर कहा जा सकता है कि इसमें 78 फीसदी श्रेय “न्यू एंटीसेमिटिज्म” को जाता है, जो मुख्य रूप से इजरायल विरोधी भावनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। इसके अलावा क्लासिक एंटीसेमिटिज्म का योगदान 16 फीसदी है, और होलोकॉस्ट से इंकार एवं इसके विरूपण का चिंताजनक प्रसार 6 फीसदी है। इसके साथ-साथ षड्यंत्र के सिद्धांत, इज़राइल के दानवीकरण एवं अमान्य ठहराने जैसे विषय चिंताजनक रूप से प्रचलित हैं।

कई अन्य स्रोत आग की लपटें भड़का रहे हैं

जेरुसलम पोस्ट अपने लेख में कहता है कि, हालांकि कट्टरपंथी इस्लाम, फिलिस्तीन समर्थक समूह, फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी सहित कट्टरपंथी वामपंथी इसमें प्रमुख योगदानकर्ताओं के रूप में उभरे हैं, लेकिन नफरत का यह जाल विविध आकार लिए हुए है। इसमें श्वेत वर्चस्ववादियों एवं नव-नाज़ियों सहित दक्षिणपंथी चरमपंथियों के द्वारा भी हालात का फायदा उठाने की कोशिशें हो रही हैं, जो नए जोश के साथ क्लासिक यहूदी विरोधी प्रचार में जुटे हैं।

इसके अलावा, एंटी-डिफेमेशन लीग (एडीएल) इजरायल में युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया भर में यहूदी विरोधी भावना की स्थिति पर नजर रख रही है। प्रमुख घटनाओं में जिनेवा में हमास समर्थक नारेबाजी की घटना, बोगोटा में इजरायली दूतावास पर प्रतीकों के जरिये विरूपित करने की घटना, फ्रांस में 48 घंटे के भीतर 1,000 से अधिक यहूदी विरोधी घटनाओं की रिपोर्ट, पोर्टो और मैड्रिड में यहूदियों के आराधनालयों में तोड़फोड़ की घटना, सिडनी में खतरनाक सार्वजनिक कॉल, ब्रिटेन में घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि सहित लंदन एवं बोगोटा में यहूदी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमले शामिल हैं।

(द जेरुसलम पोस्ट से साभार।)

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