Saturday, April 27, 2024

जम्मू-कश्मीर सरकार ने मनाया ‘यूटी स्थापना दिवस’,  विपक्ष ने किया विरोध

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मंगलवार 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया। जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रुप में चार वर्ष हो गए हैं। जिसे राज्य सरकार ने “यूटी स्थापना दिवस” ​​के रूप में मनाया, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के इस फैसले से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल काफी गुस्से में है।

5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के हटते ही जम्मू-कश्मीर ने अपना विशेष राज्य का दर्जा खो दिया था। 31 अक्टूबर, 2019 को लागू हुए जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में भी विभाजित किया गया। जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियां केंद्र सरकार से राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने की मांग करते रहे हैं। साथ ही वह राज्य का विशेष दर्जा भी बहाल करने की मांग पर एकमत हैं।

विपक्ष के विरोध के बीच, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। सरकार ने इस अवसर का जश्न मनाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश भर में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार की थी, जिसमें हजारों सरकारी कर्मचारी और छात्र शामिल हुए थे।

एक आधिकारिक बयान में दावा किया गया कि कश्मीर के 15,000 स्कूली बच्चे और देश भर से 2,000 एथलीट एक “मेगा स्पोर्टिंग इवेंट” फुटबॉल में 67 वें राष्ट्रीय स्कूल खेल, और अंडर -19 और अंडर -17 वॉलीबॉल में भाग ले रहे थे जिसका उद्घाटन मंगलवार को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में मनोज सिन्हा ने किया था।

एक प्रवक्ता ने कहा कि खिलाड़ियों, युवाओं और अधिकारियों ने स्टेडियम में ”राष्ट्रीय एकता दिवस” की शपथ ली। जम्मू-कश्मीर में भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल राज्य का दर्जा बहाल करने के पक्ष में हैं।

एक तरफ तो राज्य सरकार यूटी स्थापना दिवस मना रही थी तो वहीं विपक्ष ने जमकर इसका विरोध किया। कांग्रेस ने 31 अक्टूबर को “काला दिवस” ​​के रूप में मनाया और यूटी स्थापना दिवस मनाने के विवादास्पद फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने कहा कि उप-राज्यपाल प्रशासन लोगों पर जश्न थोप रहा है।

उन्होंने जम्मू में एक सभा में कहा कि “जम्मू और कश्मीर के लोगों को बताया गया कि राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में अपग्रेड करना एक अस्थायी कदम था और राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा। लेकिन पांच साल (चार साल) के बाद उन्होंने यूटी दिवस मनाना शुरू कर दिया है। हमारे कर्मचारियों को जश्न में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि “हम केंद्र को चेतावनी देते हैं कि अगर उसने अपना रवैया नहीं बदला तो आज का विरोध एक शुरुआत होगी। हम इन विरोधों को जमीनी स्तर तक ले जाएंगे। आपको हमारे शवों के ऊपर से चलना होगा लेकिन हम आपको हमारे लोगों को अपमानित करने की अनुमति नहीं देंगे।”

वहीं सीपीएम के दिग्गज नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने आश्चर्य जताया कि उस दिन जश्न कैसे मनाया जा सकता है जब जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया गया और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया। उन्होंने कहा, “संसद में भाजपा सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। ढोल बजाना जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों का अपमान है।”

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “क्या यूटी बनाने से पहले हमसे सलाह ली गई थी? क्या इस फैसले में हमारी कोई राय थी? क्या हमें इस फैसले से फायदा हुआ?”

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles