नई दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और यूपी की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी लखीमपुरखीरी के लिए रवाना हो गयी हैं। हालांकि यूपी की पुलिस ने उन्हें कई जगहों पर और कई तरीके से रोकने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सकी।

आज शाम को लखीपुरखीरी में घटना घटित होने के बाद ही प्रियंका गांधी ने घटनास्थल का दौरा करने का फैसला ले लिया था। जिसके तहत वह वायुमार्ग से राजधानी लखनऊ पहुंच गयीं। वहां पहुंचने पर लखनऊ की पुलिस ने पहले उन्हें नजरबंद कर लिया। लेकिन मौका पाते ही वह अपने घर के दूसरे दरवाजे से निकल गयीं और गाड़ी पर जाने के लिए सवार हो गयीं। इस बीच जब पुलिस को पता चला तो उसने लखीमपुर खीरी के रास्ते में पड़ने वाले नाके पर उन्हें रोक दिया। जहां से उन्होंने लौटने से इंकार कर दिया। इसके बाद वह चुपके से एक दूसरी गाड़ी में बैठ गयीं। खबर लिखने तक बारिश के बीच वह लखीमपुर खीरी की तरफ बढ़ रही थीं।

इस मौके का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उनसे घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “मैं पीड़ितों के परिवारों से मिलने जा रही हूं। उनके आंसू पोंछने जा रही हूं। पीड़ितों का दर्द साझा करने जा रही हूं। आज जो हुआ वह दिखाता है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। उन्हें खत्म करने की राजनीति हो रही है”।
उन्होंने कहा कि “ये देश किसानों का देश है , ये भाजपा की विचारधारा की जागीर नहीं है किसानों का देश है , किसानों ने बनाया है ; किसानों ने सींचा है। जिस तरह से इस देश में किसानों को कुचला जा रहा है , उसके लिए शब्द ही नहीं है कई महीने से किसान अपनी आवाज़ उठा रहा है कि उसके साथ ग़लत हो रहा है सरकार सुनने को राज़ी नहीं है”।
बताया जा रहा है कि उप्र सरकार नाके-नाके पर प्रियंका गांधी को रोकने की कोशिश हो रही है। टोल प्लाजा पर भारी पुलिस का बल प्रयोग। कार्यकर्ताओं को लाठी से पीटा गया है। कई कांग्रेस वर्कर्स की गाड़ियां पुलिस ने तोड़ दी हैं। मगर प्रियंका को रोकने में यूपी पुलिस कामयाब नहीं रही। बताया जा रहा है कि प्रियंका लखीमपुरखीरी के किसानों से मिलने के लिए अडिग हैं।
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