Thursday, April 25, 2024

कुंभ में कोरोनाः हरिद्वार में सारे नियम ताख पर!

हरिद्वार महाकुंभ में आज मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास का कुंभ में भाग लेने के बाद कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। वो 65 साल के थे, जबकि 13 अप्रैल को ‘खरगोश वाले बाबा’ के नाम से मशहूर चित्रकूट के नागा संन्यासी महामंडलेश्वर कपिल मुनि का कोरोना के कारण निधन हो गया था। कोरोना रिपोर्ट आने के बाद उन्हें देहरादून के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक कुंभ में शामिल 68 शीर्ष साधु संक्रमित हो गए हैं। हरिद्वार में कुंभ क्षेत्र में पिछले तीन दिनों में 500 से ज़्यादा कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। आज कुम्भ में 613 नए पॉजिटिव केस आए हैं। निरंजनी अखाड़े के 17 संतों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस जांच के क्रम में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उन्हें भी अखाड़े में ही आइसोलेट किया गया है, जबकि महंत रविंद्र पुरी कल शाम पट्टाभिषेक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि भी कोविड-19 संक्रमित हैं और उनका एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा है। महाकुंभ में पांच दिन के अंदर 1700 लोगों की जांच रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। इसमें श्रद्धालुओं के साथ 20 से अधिक साधु-संत शामिल हैं। 10 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में कोविड-19 से 1,700 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

हरिद्वार कुम्भ में सोमवार और बुधवार को हुए शाही स्नान में देश भर के 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने मीडिया से कहा है कि हरिद्वार के उनके कैंप में अधिकतर साधुओं और श्रद्धालुओं में कोविड जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसे देखते हुए संतों ने 17 अप्रैल से मेला समाप्त करने का फ़ैसला लिया है। कुंभ मेला अधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को समाप्त होना है, जबकि आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल को है।

देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए मामले दो हजार की संख्या को पार कर गए। कुंभ मेले की वजह से भी कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। अकेले हरिद्वार में छह सौ से ज्यादा नए केस सामने आए हैं।

उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले 24 घंटे में राज्य में 2,220 नए मामले सामने आए, जबकि इस दौरान नौ मरीजों की मौत हो गई है, जबकि तीन दिन पहले उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने कहा था, “मां गंगा के आशीर्वाद से यहां कोरोना नहीं फैलेगा।” इसके अलावा तीर्थ सिंह रावत ने यह भी कहा था, “कुंभ की तुलना मरकज ने नहीं की जा सकती। मरकज़ से जो कोरोना फैला वो इसलिए कि वो बंद कमरे में थे। कुंभ खुले में है, इसलिये कोरोना नहीं फैलेगा। माँ गंगा की अविरल धारा है, माँ गंगा का आशीर्वाद लेकर जाएंगे तो कोरोना नहीं फैलेगा।

इससे पहले सोमवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम रावत ने कहा था कि दूसरे शाही स्नान में अखाड़ों के संत समाज से लेकर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुंभ 2021 में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया।  सोमवती अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख लोगों के स्नान करने का दावा करते हुए बुधवार के शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओँ के स्नान करने का दावा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक बार भी ये नहीं सोचा कि ये 35 लाख लोग गंगा में नहीं कोरोना में डुबकी लगाकर जब वापिस जायेंगे तब क्या होगा।

गौरतलब है कि हरिद्वार महाकुंभ में 13 अखाड़े आए हैं। इनमें से निरंजनी और आनंद अखाड़े ने अपनी तरफ से महाकुंभ समाप्त करने की घोषणा कर दी है। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कुंभ की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते अखाड़े ने यह फैसला किया है कि 17 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान के बाद कुंभ मेला समाप्त कर दिया जाएगा। आनंद अखाड़े ने भी अपनी तरफ से गुरुवार को घोषित कर दिया है कि 17 अप्रैल को मेला समाप्त हो जाएगा, लेकिन इस मुद्दे पर बैरागी अखाड़े के संत निरंजनी और आनंद अखाड़े के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं और बाकायदा माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दोनों अखाड़ों ने माफी नहीं मांगी तो अखाड़ा परिषद से निर्मोही अणि, निर्वाणी अणि और दिगंबर अणि​ अलग हो जाएंगे। दरअसल बैरागी अखाड़ा 30 अप्रैल से पहले कुभ समाप्त नहीं करना चाहता।

वहीं ज्येतिर्मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कह रहे हैं कि कोरोना तो हर जगह है, ऐसी कोई जगह नहीं है जहां कोरोना नहीं है। जब हमें हर जगह कोरोना का सामना करना ही है तो हरिद्वार कुम्भ में रहकर क्यों नहीं। हम जहां जायेंगे कोरोना वहीं है जब हर जगह कोरोना है तो हम यहीं क्यों न रहें।” वहीं देश भर में तमाम लोग कोरोना विस्फोट के बीच हरिद्वार कुंभ के आयोजन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि तबलीगी जमात के लोग कोरोना जेहाद फैला रहे थे तो ये भगवा जमात के लोग क्या कोरोना पुण्य फैला रहे हैं।

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