महाराष्ट्र में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, दलित नाबालिग को पेड़ से उल्टा लटकाकर मारा

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महाराष्ट्र में लगातार दलितों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। सूबे के दो अलग-अलग जिलों में दलितों की पिटाई किए जाने और हत्या का मामला सामने आया है। जालना जिले की बदनापुर तहसील में दोपहिया वाहन चोरी करने के आरोप में 25 वर्षीय दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना जवासखेड़ा गांव में शनिवार रात को हुई। मामले में पुलिस ने रविवार को चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधिकारी ने कहा, “चार लोगों ने सिद्धार्थ मांडले को दोपहिया वाहन चोरी करने के संदेह में पकड़ लिया। उसे बेरहमी से पीटा गया और मरने के लिए खदान में फेंक दिया।” चारों आरोपियों की पहचान जालना तहसील के दारेगांव के रहने वाले आकाश जाधव, कैलाश जाधव, कुंडलिक तिरखे और तुलसीराम गायकवाड़ के रूप में हुई है। अधिकारी ने कहा, धारा 302 (हत्या के लिए सजा) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दूसरी घटना महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की है जहां बकरी और कबूतर चुराने के संदेह में दलित समुदाय के दो नाबालिगों समेत चार युवकों के कपड़े उतारकर, पेड़ से उल्टा लटका दिया गया और बेरहमी से पीटा गया। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक उच्च जाति से दो और अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से दो सहित छह लोगों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के साथ-साथ हत्या, अपहरण, गलत तरीके से रोकना और दंगा करने के प्रयास के लिए भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अहमदनगर पुलिस ने एक बयान में कहा कि “आरोपियों को संदेह था कि चारों युवकों ने कुछ पालतू कबूतरों और बकरियों की चोरी की है। जांच से पता चलता है कि उन्होंने पीड़ितों को उनके घरों से बाहर खींच लिया और उन्हें एक खेत में ले गए। जहां उनकी शर्ट उतार दी गई और हाथ और पैर बांध दिए गए, फिर उन्हें एक पेड़ से उल्टा बांध दिया गया और उनकी पिटाई की गई।”

पुलिस ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने चारों को बचाया और श्रीरामपुर के एक अस्पताल में ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा है। बाद में हमले का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “यह जातिगत अत्याचार का स्पष्ट मामला है। हम मांग करते हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”

घटना का एक कथित वीडियो ट्वीट करते हुए, आंबेडकर ने कहा, “महाराष्ट्र में एक और दिन, एक और जातीय अत्याचार। जहां एक दलित युवक हाथ जोड़कर अपनी बेगुनाही की गुहार लगाता नजर आ रहा है। यह बिल्कुल निर्विवाद है कि यह घटना एक जातीय अत्याचार है।” आंबेडकर ने कहा, “मैंने उनमें से एक लड़के से बात की। उसने मुझे बताया कि पुलिस ने कहा कि ‘महार समुदाय के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए’।”

अहमदनगर के पुलिस अधीक्षक राकेश ओला ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमने मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है।” घटना के विरोध में स्थानीय संगठनों ने श्रीरामपुर-नेवासा रोड पर जाम लगा दिया और कई दुकानें बंद करा दीं।

(‘द हिंदू’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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