उन्नाव रेप मामले की पीड़िता की शुक्रवार को देर रात मौत हो गई। उन्हें गुरुवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी के साथ एक और रेप पीड़िता की पुलिस और व्यवस्था की कमी की वजह से जिंदगी खत्म हो गई। हैदराबाद पुलिस के हाथों आरोपियों के मारे जाने के जश्न में डूबे लोगों ने इस पीड़िता की मौत की सुध भी नहीं ली है।
उन्नाव रेप पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में भर्ती कराया गया था। दबंगों ने पीड़िता को जान से मारने के लिए बुरी तरह से जला दिया था। वह 90 प्रतिशत तक जल गईं थीं। पीड़िता को रात 11 बजकर 40 मिनट पर दिल का दौरा पड़ा था। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके।
परिवार के लोगों ने कहा है कि वह डरेगा नहीं और बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा। पीड़िता के भाई के मुताबिक उनकी बहन ने मरने से पहले उनसे कहा था कि कुसूरवारों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
पीड़िता को इसी गुरुवार को इलाज के लिए नाजुक हालत में एयर एंबुलेंस से लखनऊ से दिल्ली ले जाया गया था। गुरुवार को पीड़िता को दबंगों ने ज़िंदा जला दिया गया था। उससे पहले उसके सर पर डडे से वार किया गया था। चाकू से भी हमला हुआ था। वह मदद के लिए जब भागने लगी तो उस पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी गई थी।
वह मार्च में खुद के साथ हुए रेप के मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी। तभी स्टेशन के रास्ते में अभियुक्तों ने उन्हें घेर लिया और आग लगा दी। पुलिस ने पांचों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है। इनमें वह लड़का भी शामिल है जिसके ख़िलाफ़ पीड़ित लड़की ने बलात्कार का मुक़दमा दर्ज कराया था।
पीड़िता के साथ इसी साल मार्च महीने में रेप हुआ था। उन्होंने दो लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। रेप के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। अभी कुछ दिन पहले ही वह ज़मानत पर छूट कर वापस आया था। जेल से छूटकर आने के बाद भी उसके हौसले बढ़े हुए थे।
पूरे मामले में पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है। पीड़ित परिवार ने मीडिया से कहा है कि अभियुक्त जेल से बाहर आने के बाद से ही लगातार उन्हें धमकी दे रहे थे। यही नहीं उसने इससे पहले भी कई बार हमले की कोशिश की थी। लड़की के पिता ने मीडिया से कहा कि कम से एक दर्जन बार उन लोगों ने केस वापस लेने के लिए उन्हें धमकाया था।
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