मध्य प्रदेश और राजस्थान में टिकट न मिलने से भाजपा-कांग्रेस में असंतोष, BJP कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन

नई दिल्ली। चुनावी राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान में उम्मीदवारों की सूची को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस में असंतोष तेज हो गया है। पिछले कुछ दिनों में नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्रियों का घेराव किया, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं के पुतले जलाए। राज्य में दोनों प्रमुख दलों में बगावत और असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में दोनों पार्टियों ने लगभग सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

टिकट से वंचित नेता और कार्यकर्ता पहले भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे हैं और नाराजगी भी जताते रहे हैं। लेकिन इस बार मध्य प्रदेश में टिकट न मिलने से कांग्रेस के नाराज नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंका तो एक भाजपा नेता ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गाड़ी के सामने लेटकर अपना विरोध दर्ज कराया।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रही है। लेकिन उनके दावे की हवा पार्टी के असंतुष्ट नेता निकालने में लगे हैं। टिकट कटने से नाराज अधिकांश नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस और भाजपा को करीब एक दर्जन सीटों पर टिकट से नाराज नेताओं के बगावत का सामना करना पड़ा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा को करीब 5 सीटों और कांग्रेस को 7 सीटों पर बागियों को समझा पाना मुश्किल हो गया है।

राजस्थान में ‘गलत व्यक्तियों’ को टिकट देने के विरोध कार्यकर्ता सड़कों पर

मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी टिकट न मिलने या गलत लोगों को टिकट मिलने से भाजपा कार्यकर्ता नाराज होकर सड़कों पर उतर पड़े हैं। सबसे तीखा विरोध राजसमंद और चित्तौड़गढ़ में देखने को मिल रहा है। राजसमंद में तीन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। राजसमंद से दीप्ति माहेश्वरी, नाथद्वारा से विश्वराज सिंह मेवाड़ और कुंभलगढ़ से सुरेंद्र सिंह राठौड़ को टिकट मिलने सी सूचना से स्थानीय कार्यकर्ताओं का विरोध फूट पड़ा।

राजसमंद जिला भाजपा कार्यालय पर 400 से अधिक कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष मानसिंह बारहठ को अपने इस्तीफे सौंप दिए। दीप्ति को टिकट देने के विरोध में लोगों ने भाजपा कार्यालय में तोड़-फोड़ की। वहीं चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को टिकट देने का विरोध बढ़ गया है। चंद्रभान के समर्थकों ने एक रैली निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान विधायक के समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पर पत्थर भी फेंके। और जोशी के पुतले की अर्थी निकाली।

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक और लिस्ट जारी कर दी है। अब तक कांग्रेस ने 76 और बीजेपी ने 124 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी।

राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा में टिकट न मिलने से नाराज लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। फिलहाल हम यहां पर मध्य प्रदेश में दोनों पार्टियों में उपजे असंतोष की बात कर रहे हैं। इस खबर में हम पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा की बात करते हैं। भाजपा को जबलपुर उत्तर, ग्वालियर पूर्व, चुराई, नागोद और रैगांव विधानसभा सीट पर टिकट से वंचित नेताओं के समर्थकों के उग्र विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। इस विरोध के कारणों को हम जानने की कोशिश करते हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भेजे पत्र में रुस्तम सिंह (78) ने कहा कि वह भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। सिंह के एक करीबी सूत्र ने दावा किया कि पार्टी ने उनके साथ “उचित व्यवहार नहीं किया”।

रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह को बहुजन समाज पार्टी ने मुरैना सीट से मैदान में उतारा है। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि रुस्तम सिंह मुरैना में अपने बेटे के लिए प्रचार करने के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी छोड़ सकते हैं।

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के प्रभावशाली गुर्जर नेता, रुस्तम सिंह ने 2003 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। वह 2003-2008 और 2013-2018 तक दो बार विधायक रहे। और दोनों बार उन्हें मंत्री बनाया गया।

जबलपुर उत्तर से पूर्व विधायक के समर्थकों का पार्टी कार्यालय पर प्रदर्शन

शरद जैन जबलपुर में भाजपा का चेहरा है। वह जबलपुर (उत्तर) सीट से 2003, 2008 और 2013 में चुनाव जीत विधायक बने, लेकिन 2018 में कांग्रेस के विनय कुमार सक्सेना से केवल 578 वोटों से हार गए। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि जैन को फिर से टिकट मिलेगा लेकिन पार्टी ने उनकी जगह अभिलाष पांडे को उम्मीदवार बनाया है।

शरद जैन के नाराज समर्थकों ने शनिवार को जबलपुर में पार्टी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया, जहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को घेर लिया। उत्तेजित भाजपा कार्यकर्ताओं ने यादव की बात मानने से इनकार कर दिया और जब एक सुरक्षा गार्ड ने बहस में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उसके साथ मारपीट की गई। स्थानीय पुलिस ने घटना पर प्राथमिकी दर्ज की है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

शरद जैन के समर्थकों ने पहले टिकट वितरण के खिलाफ केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में भाजपा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन भी किया। जबलपुर के एक भाजपा नेता ने कहा, “इसे नियंत्रण से बाहर नहीं जाना चाहिए था लेकिन विरोध करना उनका अधिकार है। पार्टी को सर्वे में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को टिकट देना चाहिए।”

ग्वालियर में पूर्व विधायक के समर्थक सिंधिया की कार के सामने लेट गए

ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा ने सिंधिया परिवार से संबंध रखने वाली माया सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के स्थानीय नेता भले ही इस मुद्दे पुर चुप हैं, लेकिन सिंधिया के समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं।

रविवार को उस समय स्थिति असहज बन गयी जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार और पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल के समर्थक ग्वालियर में माया सिंह को टिकट देने के विरोध में सिंधिया की कार के सामने लेट गए।

2018 में, गोयल ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 17,819 वोटों के अंतर से सीट जीती। लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद, वह आगामी उपचुनाव में कांग्रेस के सतीश सिंह सिकरवार से 8,555 वोटों से हार गए।

गोयल के एक समर्थक ने कहा, “कोई और उस सीट को नहीं जीत सकता। वहां ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया गया है जो चलने में भी असमर्थ है। हम कांग्रेस को यह सीट थाली में परोस रहे हैं। इसलिए, हमें दुख है।”

भाजपा नेता के समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के खिलाफ लगाए नारे

छिंदवाड़ा जिले के चुराई से लखन वर्मा को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा नेता रमेश दुबे के समर्थकों ने भाजपा जिला कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साई भीड़ ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के खिलाफ नारे लगाए और सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की कोशिश की।

दुबे ने 2013 का चुनाव 13,631 वोटों के अंतर से जीता था। यह सीट काफी चर्चित थी क्योंकि दुबे के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह भी इस दौड़ में शामिल थे।

नागोद में 80 वर्षीय व्यक्ति को टिकट देने से भाजपा कार्यकर्ता नाराज

सतना की नागोद विधानसभा से भाजपा ने वर्तमान विधायक नागेंद्र सिंह को टिकट दिया है। स्थानीय नेता गगनेंद्र प्रताप सिंह के समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं। उनके समर्थक इस बात से नाराज हैं कि पार्टी युवा नेताओं को मौका नहीं दे रही है।

रैगांव सीट पर टिकट से वंचित पूर्व मंत्री के पुत्र ने दिया भाजपा से इस्तीफा

सतना जिले के रैगांव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। भाजपा ने इस सीट पर प्रतिमा बागरी को मैदान में उतारने के फैसला किया। पार्टी के इस फैसले से यहां नाराजगी बढ़ रही है। टिकट के दावेदार रहे जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जुगुल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पुष्पराज ने फेसबुक पर लिखा कि उन्हें “पार्टी द्वारा महत्व नहीं दिया गया” और वह “पार्टी की रीति-नीति को समझ नहीं पाए”।

पुष्पराज ने 2013 में रैगांव से चुनाव लड़ा लेकिन बसपा की उषा चौधरी से हार गए। 2018 में उनके पिता ने चुनाव लड़ा और सीट जीती। लेकिन 2021 में अपने पिता की मृत्यु के कारण हुए उपचुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। प्रतिमा बागरी को ही उपचुनाव में खड़ा किया गया था, लेकिन 12,290 वोटों से हार गईं। पार्टी द्वारा लगातार उपेक्षा से नाराज पुष्पराज ने पार्टी छोड़ दिया है।

खातेगांव विधानसभा सीट पर पैराशूट प्रत्याशी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता

देवास के खातेगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस के कार्यकर्ता बाहरी व्यक्ति को टिकट देने से नाराज हैं। करीब पांच महीने पहले भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री दीपक जोशी को खातेगांव से टिकट दिया गया, जहां पार्टी के आधा दर्जन नेताओं की नजर इस सीट पर थी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे जोशी को खातेगांव में चुनाव प्रचार के दौरान गुस्से में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, जब पार्टी कार्यकर्ता काले झंडे लहराते हुए उनकी ओर बढ़े।

कांग्रेस कमेटी के सदस्य लक्ष्मीनारायण बंडावाला ने “जोशी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में पैराशूट से उतारे जाने” के कारण पार्टी छोड़ दी है और मांग की है कि उनके स्थान पर एक स्थानीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए। उन्होंने कहा कि “पूरा संगठन दीपक जोशी के खिलाफ है”।

यही नहीं विधानसभा चुनाव से पहले बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट वितरण के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय और जयवर्धन के पुतले जलाए

दतिया जिले की सेवड़ा विधानसभा सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पार्टी की राज्य ओबीसी इकाई के अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने इस्तीफा दे दिया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खेमे के घनश्याम सिंह को वहां से टिकट मिला है। इस घोषणा के बाद शनिवार को दामोदर सिंह यादव के समर्थकों ने भोपाल में दिग्विजय और उनके बेटे जयवर्धन के पुतले जलाए।

यादव अब आजाद समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि पिछड़े वर्ग के नेताओं को उनकी संख्या के हिसाब से बड़ी आबादी के बावजूद केवल 55 टिकट दिए गए। उन्होंने दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा, “एक सामंती नेता अपने अयोग्य बेटे को सीएम बनाना चाहता है और उसके प्रभाव और दबाव में आकर कमल नाथ गलत फैसले लेकर पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं।”

गुना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जयवर्धन की कार को रोका

दिग्विजय के गढ़ गुना में पंकज कनेरिया को टिकट मिलने से नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके बेटे जयवर्धन की कार को घेर लिया। गुना के तीन वरिष्ठ नेता अपने समर्थकों के साथ टिकट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे और उनकी जगह किसी स्थानीय नेता को नामित करने की मांग कर रहे थे।

जयवर्धन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करने की कोशिश कर रहे थे और “टिकट मांगना उनका अधिकार है”।

छिंदवाड़ा में सीट बदलने से नाराज हुआ प्रत्याशी

कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के गोटेगांव विधानसभा सीट आवंटन को लेकर हुए उलटफेर से शेखर चौधरी के समर्थक नाराज हो गए हैं। उन्हें शुरुआत में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की जगह गोटेगांव से उम्मीदवार घोषित किया गया था।

शुजालपुर से टिकट न मिलने पर नाराज हुए जिला अध्यक्ष

शाजापुर जिला अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह को शुजालपुर विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के कारण उनके समर्थक विरोध में उतर आए। योगेन्द्र का क्षेत्र में अच्छा दबदबा है और वह टिकट चाहते थे। पार्टी ने शुजालपुर रामवीर सिंह सिकरवार को टिकट दिया है।

योगेन्द्र सिंह के समर्थकों ने भोपाल में सिकरवार का पुतला जलाया और उनके खिलाफ नारे लगाए। गौरतलब है कि 2018 में, सिकरवार ने चुनाव लड़ा था और मौजूदा भाजपा विधायक और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से 5,600 वोटों से हार गए।

बुरहानपुर में मुस्लिम को टिकट न देने पर पुतला दहन

बुरहानपुर सीट से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को टिकट मिला है। और उनके समर्थकों ने कांग्रेस टिकट मिलने का जश्न पटाखों के साथ मनाया। वहीं कई कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम आबादी वाली इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने के विरोध में पुतले जलाए।

एक असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, “सुरेंद्र सिंह कांग्रेस नेता नहीं हैं। उन्होंने 2018 में हमें नीचा दिखाने का काम किया। उन्हें टिकट क्यों दिया गया?

पवई प्रत्याशी के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नारे लगाए

पवई प्रत्याशी मुकेश नायक को पन्ना जिले में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नायक के खिलाफ नारे लगाए। एक पार्टी कार्यकर्ता ने कहा कि “नायक की हमारे क्षेत्र में अच्छी प्रतिष्ठा नहीं है। हमें एक ओबीसी उम्मीदवार की जरूरत है।”

नायक पहली बार 1993 में पवई से चुने गए थे। उन्होंने 2013 में भी सीट जीती, लेकिन 2018 में भाजपा के प्रह्लाद लोधी से हार गए।

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि “गुस्सा स्वाभाविक है। उन्हें इसे निकालने दीजिए… ऐसे कई लोग होंगे जो सोचते होंगे कि वे जीतने योग्य सीटों से जीत सकते हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह उनसे फोन पर बात कर रहे हैं और उनका गुस्सा शांत कर रहे हैं। एक बार हम सरकार बना लेंगे तो असंतुष्ट नेता मुस्कुराते हुए वापस आ जाएंगे।”

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