Sunday, April 28, 2024

चुनाव आयोग ने सार्वजनिक की इलेक्टोरल बॉन्ड सूची, बीजेपी को मिला 6 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा चंदा

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डिटेल सार्वजनिक कर दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इसे 12 मार्च को चुनाव आयोग को सौंपने और चुनाव आयोग को इसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। लेकिन चुनाव आयोग ने आखिरी मियाद से एक दिन पहले ही उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

चुनाव आयोग ने इसे दो भागों में दिया है। अपलोडेड डाटा में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल इंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयेरटेल, डीएलएफ कामर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, पीवीआर, सुला वाइन, वेल्सपन और सन फार्मा के नाम शामिल हैं।

इसे हासिल करने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर, डीएमके, जेडीएस, एनसीपी, टीएमसी, जेडीयू, आऱजेडी, आप और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।

दो पीडीएफ फाइल में दिए गए इस डाटा में से एक में दानदाताओं के नाम हैं और दूसरी फाइल में उसे हासिल करने वाले दलों के नाम। पहली लिस्ट में 337 नाम हैं जबकि दूसरी में 426।

इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पेश किए गए डाटा के तरीके पर अपना एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि पूरा डाटा सीरियल से नहीं है जबकि कोर्ट के आदेश में इसको सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी।

हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 6060.50 करोड़ रुपये बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले हैं। यह राशि उसे 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच मिली है। इस तरह से बॉन्ड से आने वाली राजनीतिक दलों की कुल राशि से 47.5 फीसदी हिस्सा उसे मिला है। दूसरे नंबर पर टीएमसी है जिसमें 1609 करोड़ रुपये मिले हैं। जो कुल राशि का 12.6 फीसदी है। तीसरे पर कांग्रेस है। 1421.9 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। यह कुल राशि का 11.1 फीसदी है।

इस मामले में जिस क्विड प्रो को की बात की जा रही थी उसकी झलकियां भी ट्विटर पर दिखने लगी हैं। नितिन गडकरी संसद में जिस मेघा इंजीनियरिंग की तारीफ किए थे उसने 1588 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है।

ट्विटर पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। मुकेश मोहन नाम के एक सज्जन ने लिखा है कि 11 अप्रैल को मेघा इंजीनियरिंग ने बीजेपी को करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड दिए और फिर 12 मई को एल एंड टी को मात देते हुए मेघा इंजीनियरिंग ने 14400 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल हो गए।

इसी तरह से वेदांता भी सरकार की ओर से जारी सेमीकंडक्टर के टेंडर को हासिल करने के लिए उतावली थी। उसकी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की सूची भी बहुत लंबी है।

वैक्सीन डेवलपर कोवीशील्ड ने एक दिन में 52 करोड़ रुपये दिए।

लाटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग से पैसा वसूलने के लिए किस तरह से ईडी का इस्तेमाल किया गया। नीचे दिया गया ट्वीट इसका खुलासा करता है।

पाकिस्तानी कंपनी हब पावर से भी चंदा मिला है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी पाकिस्तान की सबसे बड़ी बिजली बनाने वाली कंपनी है। और यह चंदा भी दिलचस्प बात यह है कि पुलवामा घटना के आस-पास मिला है। जो कई तरह के सवाल खड़े करता है।

एक और कंपनी से क्विड प्रो को का मामला दिखता है। वंडर सीमेंट लिमिटेड ने नवंबर, 23 में चंदा दिया और फिर जनवरी 24 में उसने गुजरात में बड़े निवेश की घोषणा कर दी।

एविएशन की बड़ी कंपनी इंडिगो ने भी बड़ा चंदा दिया है।

बिजली और पेट्रोल के क्षेत्र में बड़ा कारोबार करने वाली टोरेंट का भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है। अहमदाबाद आधारित इस कंपनी ने 10 जनवरी, 2024 को 20 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदा और फिर 13 जनवरी, 2024 को उसने गुजरात सरकार के साथ 47350 करोड़ रुपये का एमओयू साइन कर लिया।

अपूर्व भारद्वाज नाम के एक सज्जन ने कुछ उद्योगपतियों द्वारा दिए गए चंदे की सूची जारी की है।

15 कंपनियों में चार शेल कंपनी हैं और 11 ऐसी कंपनियां हैं जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। और इन सभी ने बीजेपी को अच्छी खासी मात्रा में चंदा है।

शिरडी साई इलेक्ट्रिकल पर 20 दिसंबर, 2023 को रेड पड़ती है और फिर 11 जनवरी, 2024 को कंपनी भारी तादाद में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदती है।

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