पंजाब के 22 किसान संगठनों ने बनायी ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ पार्टी, संयुक्त किसान मोर्चा ने किया विरोध

Estimated read time 1 min read

पंजाब में 32 किसान संगठनों में से 22 संगठनों ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 22 किसान संगठनों ने किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल को अपना नेता चुना है। इन्हीं की अगुवाई में ये संगठन चुनाव लड़ेंगे। किसान संगठनों ने ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ नाम से पार्टी का गठन किया है। इसका कहना है कि हम सिस्टम में बदलाव लाना चाहते हैं और लोगों से समर्थन की अपील करते हैं।  संयुक्त समाज मोर्चा पार्टी, पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

प्रेस कान्फ्रेंस में बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अलग अलग विचारधारा के लोगों के साथ बना है। हम एक बहुत बड़ी लड़ाई जीत कर आए हैं। उन्होंने कहा कि हम से लोगों की उम्मीद बढ़ गई है हम पर लोगों का दबाव बना अगर वो मोर्चा जीत सकते हैं तो पंजाब के लिए भी कुछ कर सकते हैं। 

बलवीर सिंह राजेवाल ने आगे कहा कि जनता की आवाज़ को सुनते हुए पंजाब के लिए एक मोर्चे की घोषणा कर रहे हैं, जिसका नाम पंजाब संयुक्त समाज मोर्चा होगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाकी तीन संगठन आपस में विचार कर रहे हैं हमारे साथ आने को लेकर। बलबीर राजेवाल ने कहा कि हम 117 सीटों के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जो भी हमारे बाकी संगठन हैं, उनसे अपील करते हैं कि वो हमारे साथ आएं। उन्होंने कहा कि नए पंजाब की सृजना के लिए ऐसा करना पड़ा। 

इसी बीच किसान नेता बसवीर सिंह के आम आदमी पार्टी के संपर्क में होने की भी चर्चा है, लेकिन बलबीर सिंह राजेवाल ने इससे इनकार किया है।

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाई थी। चढ़ूनी गुट भी सभी 117 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान किया है । 

संयुक्त किसान मोर्चा ने किया विरोध 

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी बैठक के बाद यह तय किया है कि उनके बैनर तले कोई राजनीतिक गतिविधि की इज़ाज़त नहीं होगी। ना ही संयुक्त किसान मोर्चा किसी राजनीतिक दल का चुनाव में समर्थन करेगा।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा, देश भर के किसान संगठनों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है और इसमें पंजाब के 32 प्रभावशाली किसान संगठन शामिल हैं। 

 पंजाब की सबसे मजबूत भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां यूनियन सियासत में प्रवेश नहीं करने के अपने फैसले पर अडिग है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने फिर स्पष्ट किया है कि उनकी जत्थेबंदी का काम राजनीति नहीं है बल्कि उनका वास्ता किसान व जनहित मुद्दों से है। शनिवार को खास बातचीत में उगराहां ने दोहराया कि उनकी जत्थेबंदी, चुनाव में भाग नहीं लेगी।

किसान नेता दर्शन पाल ने राजनीतिक मोर्चा बनाने के 22 किसान संगठनों के फैसले को ग़लत कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि – “संयुक्त किसान मोर्चा ने जानबूझकर राजनीतिक दलों को किसान मोर्चा से दूर रखा क्योंकि उसका मानना ​​था कि देश की चुनावी राजनीति लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी”।

किसान नेता दर्शन पाल ने आगे कहा कि -” राजेवाल की घोषणा उस समझ के विपरीत है जिसके साथ संयुक्त किसान मोर्चा अस्तित्व में आया। उन्होंने आगे कहा कि उनके फैसले से मोर्चा में बहुत भ्रम पैदा होगा और यहां तक ​​कि अधूरे एजेंडे में भी बाधा आएगी, जिसमें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी भी शामिल है क्योंकि “हमें अपनी लंबित मांगों को प्राप्त करने के लिए और भी कठिन संघर्ष करना होगा”।

किसान नेता ने कहा कि “संयुक्त किसान मोर्चा ने चुनाव लड़ने के उनके आह्वान को ख़ारिज़ कर दिया। हम 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा से आधिकारिक रूप से हटाने के लिए सर्वसम्मत निर्णय लेंगे।

दर्शन पाल ने आगे कहा कि “चुनाव लड़ने वाले सभी किसान नेताओं के साथ अन्य राजनीतिक दलों के समान व्यवहार किया जाएगा। हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति का विरोध करेंगे।”

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author