करनाल के 71 किसानों के खिलाफ़ एफआईआर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आज 47वें दिन भी पूरे दम खम से आंदोलन में बैठे हुए हैं वहीं दूसरी ओर हरियाणा के करनाल में कल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा वाली जगह पर हुए विरोध के बाद हरियाणा पुलिस ने इस मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा कर 71 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है। बता दें कि किसानों के हंगामे के कारण कल सीएम खट्टर को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था।

इस बीच, आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून और बॉर्डर पर जारी प्रदर्शन को लेकर सुनवाई है। बता दें कि किसानों के साथ 8 जनवरी की पिछली बैठक में सरकार ने किसान यूनियनों से कहा था कि क़ानून की समीक्षा का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को है आप लोग सुप्रीम कोर्ट जाइए। तब किसानों की ओर से कहा गया था कि सरकार ने क़ानून बनाया है तो जिम्मेदारी जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की है। किसान संगठनों का कहना है कि इस विवाद में अदालत का रोल नहीं है, वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचा महिलाओं व मजदूरों का दल

पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में महिलाओं व मजदूरों का कारवां कल टिकरी बॉर्डर पहुंचा और किसानों की आवाज के साथ अपनी आवाज बुलंद की। कल टिकरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर भारी जनसैलाब उमड़ा हुआ था। साथ ही भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के बैनर तले हजारों महिला समर्थकों ने भी मोर्चा संभाल रखा था। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने बताया कि 3 हजार से अधिक महिलाएं किसानों के समर्थन में पहुंचीं।

जोगिंदर सिंह उगराहां ने आगे कहा, “सरकार यह बात जान ले कि किसान अब बिना तीनों कृषि कानूनों को वापस कराए यहां से वापस नहीं जाएंगे। चाहे किसानों को साल 2024 तक दिल्ली की सीमाओं पर ही क्यों न बैठना पड़े। यहां पर बड़ी संख्या में बुजुर्ग महिलाएं भारतीय किसान यूनियन का झंडा थामें पहुंची थीं। जोगिंदर सिंह ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं, जब पूरा पंजाब खाली होकर दिल्ली की सीमाओं पर आ जाएगा। सरकार को यह बात अब तक समझ में नहीं आ रही है।”

3 हजार ट्रैक्टर टिकरी बॉर्डर पहुंचे

वहीं भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नेता रामराजी धुल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रविवार को लगभग तीन हजार ट्रैक्टर टिकरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। जींद के इन किसानों ने लगभग हफ्ते भर रिहर्सल किया। तीस साल पहले उनके नेता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने दिल्ली में बिगुल फूंका था। एक बार फिर से किसानों के सामने वही चुनौती है। 26 जनवरी को किसान सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। इस बार किसान बोट क्लब में नहीं बल्कि संसद मार्ग से लाल किले तक परेड निकालेंगे, जिसको पूरी दुनिया देखेगी। यहां पर जिस प्रकार से किसान जुट रहे हैं उससे लग रहा है कि सबसे ज्यादा संख्या में ट्रैक्टर टिकरी बॉर्डर से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। करीब 50 हजार ट्रैक्टर परेड में शामिल होंगे। टिकरी बॉर्डर पर एक तरफ बहादुरगढ़ और दूसरी तरफ पलवल की तरफ कई किलोमीटर तक ट्रैक्टरों की कतार लगी है।

पहलवान भी आये किसानों के समर्थन में

पहलवान भी किसान आंदोलन में उतर चुके हैं। किसानों के मनोरंजन के लिए बॉर्डर पर दंगल का आयोजन किया जा रहा है। बॉर्डर पर दंगल के आयोजक सदस्य शहीद बचन सिंह कुश्ती अखाड़े के संस्थापक चौधरी युधिष्ठिर पहलवान ने कहा कि वह पहले किसान के बेटे हैं, उसके बाद पहलवान हैं। किसानों की लड़ाई में अब वह भी उतर गए हैं। दंगल प्रतियोगिता में शामिल हुई महिला पहलवान सोनाक्षी रोहन ने कहा कि वह 3 साल से कुश्ती लड़ रही हैं। कुछ दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर आने का निमंत्रण मिला था।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के समर्थन में अब पहलवान भी आ गए हैं। अन्नदाताओं को हर वर्ग के लोगों का समर्थन मिल रहा है, यह खुशी की बात है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हर रविवार होगी महापंचायत

रविवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर संगठन के पंडाल में किसानों ने महापंचायत आयोजित की। महापंचायत में भाकियू अम्बावता ने 26 जनवरी को दिल्ली का घेराव करने का ऐलान किया है। वहीं, भाकियू अम्बावता ने कहा है कि प्रत्येक रविवार को यूपी गेट पर महापंचायत करने का निर्णय लिया गया है।

महापंचायत की अध्यक्षता करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ऋषिपाल अम्बावता ने ऐलान किया कि 26 जनवरी को संगठन के किसान गणतंत्र दिवस की परेड में जनपथ का घेराव करेंगे। इस बीच किसानों के तीनों कानूनों के विरोध में आवाज को बुलंद करने की बात हुई। इसके अलावा महापंचायत में यह फैसला लिया गया कि गाजीपुर बॉर्डर पर संगठन अब प्रत्येक रविवार को धरना चालू रखकर महापंचायत करेगा। इस बीच गौतमबुद्धनगर जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी मास्टर नेपाल कसाना को दी गई।

प्रदेश अध्यक्ष सचिन शर्मा ने बताया कि संगठन के एक किसान की मौत होने की वजह से महापंचायत दो घंटे देरी से शुरू हुई। सभी ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने महापंचायत में हिस्सा लिया।

कृषि कानूनों के विरोध में महागठबंधन पूरे बिहार में आंदोलन तेज करेगा

बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद की अगुवाई में महागठबंधन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तेज करेगा। कल रविवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के घर पर महागठबंधन के सभी दलों के नेताओं की बैठक में विपक्षी नेताओं ने फ़ैसला लिया कि अब इस मुद्दे पर मानव श्रृंखला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के दिन 30 जनवरी को आयोजित की जाएगी। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले वामपंथी दलों द्वारा 25 जनवरी को मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया था लेकिन इसे बढ़ाकर अब 30 तारीख़ को कर दिया गया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अब महागठबंधन के साझा कार्यक्रम व्यापक रूप से चलाने का फ़ैसला किया गया है। किसान विरोधी जो कानून लाया गया है, उसके विरोध में हम लोग मज़बूती से खड़े हैं। बिहार में एपीएमसी एक्ट (मंडी कानून) ख़त्म करने के बाद राज्य में किसानों की हालत और ख़राब हुई है। किसान एमएसपी से आधे दाम पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं। ये कानून कृषि पर आधारित लोगों को बेरोज़गार करने की साज़िश है।”

किसान आंदोलन के समर्थन में चेन्नई में खुदकुशी

किसान आंदोलन के बीच चेन्नई के अशोक नगर में पेरुमल नामक 60 वर्षीय व्यक्ति ने आत्महत्या कर लिया है। मृतक का शव पंखे से लटकता हुआ पाया गया और पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने किसानों को अपना समर्थन दिया था और कृषि कानूनों की आलोचना की है।

बता दें कि पेरुमल की पत्नी सुबह काम के लिए घर से निकली थीं। जबकि उनका बेटा लकेश जो कि डिलीवरी एजेंट के रूप में काम करता है, भी घर से बाहर गया था। जब दोनों वापस लौटे तो उन्होंने पेरुमल को पंखे से लटका हुआ देखा। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन जब तक पेरुमल को उतारा जाता, उनकी मौत हो चुकी थी। फिलहाल, कुमारन नगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कलाकार पहुंचे टिकरी बॉर्डर

शनिवार को कई बॉलीवुड, पंजाबी और हरियाणवी कलाकार किसानों का हौसला और मनोबल बढ़ाने टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे। कार्यक्रम से पहले किसान नेता सर छोटूराम की पुण्यतिथि मनाई गई। उसके बाद किसानों के जयकारों के बीच कार्यक्रम में शामिल बॉलीवुड से जुड़ी कुछ हस्तियां, पंजाबी और हरियाणवी कलाकरों ने अपने अपने अंदाज में किसानों का मनोरंजन किया और उनका हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंजाबी गायब और अभिनेता हरभजन मान, बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर, पंजाबी गायिका नूर चहल, अभिनेता आर्य बब्बर जैसे कलाकारों ने भाग लिया।

वो लाठी मारेंगे, हम राष्ट्रगान गाएंगे

बागपत के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचे राकेश टिकैत ने दावा किया कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी। उन्‍होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक तरफ दिल्‍ली में किसान आंदोलन चल रहा है और दूसरी तरफ 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए किसान बड़ी तैयारी में जुटे हैं। राजनीति और चुनाव से नहीं बल्कि किसानों के आंदोलन से सब कुछ ठीक होगा। उन्होंने आगे कहा, “26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे तो दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्टर। टिकैत ने कहा, ’26 जनवरी को दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे और दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्‍टर। वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्‍ट्रगान गाएंगे।”

(जनचौक के विशेष संवाददात सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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