Friday, September 22, 2023
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

बीबीसी के दिल्‍ली-मुंबई दफ्तर पर इनकम टैक्‍स का छापा, पत्रकारों- कर्मचारियों के फोन-लैपटॉप जब्‍त

नई दिल्ली। दिल्ली और मुंबई के बीबीसी कार्यालयों पर मंगलवार सुबह आयकर विभाग ने छापेमारी की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम अभी भी कार्यालय में मौजूद है। और वहां पर मौजूद सभी पत्रकारों-कर्मचारियों के फोनऔर लैपटॉप जमा करवा लिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स की टीम ने बीबीसी कार्यालय में मौजूद सभी कर्मचारियों के फोन और लैपट़प जब्त कर उन्हें घर जाने को कहा है। और पूरे कार्यालय परिसर को सील कर दिया गया है। लंदन में स्थित बीबीसी के प्रधान कार्यालय को छापेमारी की जानकारी दी गई है।

भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई ने बीबीसी के दिल्ली स्थित कार्यालय पर आईटी छापे की जानकारी ट्वीट कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ब्रिटेन के राष्ट्रीय प्रसारक (बीबीसी) की वृत्तचित्र श्रृंखला और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े आरोपों पर भारी विवाद के हफ्तों बाद आयकर अधिकारी आज सुबह दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में तलाशी के लिए पहुंचे।

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक कर अधिकारी बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) से जुड़े अंतरराष्ट्रीय कराधान और पैसे के लेन-देन में अनियमितता (स्थानांतरण मूल्य निर्धारण अनियमितताओं) के आरोपों पर “सर्वेक्षण” कर रहे थे।

लगभग 20 कर अधिकारियों ने बीबीसी के दिल्ली कार्यालय की तलाशी ली। मुंबई में, प्रोडक्शन से संबंधित बीबीसी स्टूडियोज की तलाशी ली गई।

सूत्रों ने कहा कि दस्तावेज जब्त कर लिए गए और पत्रकारों के फोन और लैपटॉप ले लिए गए। सर्वेक्षण की अवधि तक के लिए कार्यालयों को सील कर दिया जाएगा और पत्रकारों-कर्मचारियों को किसी के साथ विवरण साझा नहीं करने के लिए कहा गया है। कर अधिकारियों ने कहा कि यह एक सर्वेक्षण है, खोज नहीं, और यह कि फोन-लैपटॉप वापस कर दिए जाएंगे।

आयकर सूत्रों ने कहा, “हमें कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत थी और इसके लिए हमारी टीम बीबीसी कार्यालयों का दौरा कर रही है और हम एक सर्वेक्षण कर रहे हैं। हमारे अधिकारी खाता-बही की जांच करने गए हैं, यह तलाशी नहीं है।”

सूत्रों ने कहा कि कर अधिकारियों ने बीबीसी के वित्त विभाग से उसकी बैलेंस शीट और खातों का विवरण भी मांगा है।

कांग्रेस ने बीबीसी दफ्तर पर छापे की कार्रवाई को अघोषित आपातकाल बताते हुए ट्वीट किया कि, पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी आई, उसे बैन किया गया। अब बीबीसी पर आईटी का छापा पड़ गया।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीबीसी के मुंबई और दिल्ली कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापा पर ट्वीट कर कहा कि, यहां हम अडानी के मामले में जेपीसी की मांग कर रहे हैं और वहां सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है। जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर तंज कसा कि-विनाशकाले विपरीत बुद्धि।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, “बीबीसी के कार्यालयों पर आईटी का छापा हताशा को दर्शाता है और दिखाता है कि मोदी सरकार आलोचना से डरी हुई है। हम डराने-धमकाने के इन हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अब और नहीं चल सकता।”

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बीबीसी कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापे की सूचना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, वाह, वाकई? कितना अप्रत्याशित। आयकर विभाग का यह छापा ऐसे समय में डाला गया जब अडानी सेबी अध्यक्ष (SEBI India) कार्यालय में बातचीत के लिए जाते हैं तब उनकी सेवा में मोदी सरकार बीबीसी दफ्तर पर छापा मरवा कर उनके लिए राहत देने की कोशिश कर रही है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे सच बोलने की सजा बताया है। उन्होंने ट्वीट किया- “बीबीसी कार्यालय पर छापे का कारण और प्रभाव बिल्कुल स्पष्ट है। सच बोलने वालों को भारत सरकार बेशर्मी से परेशान कर रही है। चाहे वह विपक्षी नेता हों, मीडिया, कार्यकर्ता या कोई और। दस्ताने उतर गए हैं और सच्चाई के लिए लड़ने की कीमत चुकानी पड़ती है।”

वरिष्ठ पत्रकार राना अयूब ने ट्वीट किया कि, जो कोई भी 2002 के गुजरात नरसंहार के बारे में बात करता है, लिखता है, इसकी जांच करता है, वह बदले की भावना और शासन के क्रोध का सामना करने के लिए बाध्य है। यदि आप इसे चूक गए हैं तो यह एक पैटर्न है।

वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने ट्वीट किया , सच कहूं तो मोदी सरकार ने आत्मविश्वास खो दिया है। दिल्ली में बीबीसी कार्यालय पर छापा मारने के लिए आयकर विभाग को आगे करना यही दर्शाता है। इससे 2002 के दंगों में मोदी की भूमिका पर और अधिक सवाल उठेंगे, उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी की बात को सही साबित किया है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन ने ट्वीट किया, बीबीसी के भारत कार्यालयों में आयकर विभाग के छापे को मोदी सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई और फ्री स्पीच पर खुले हमले के रूप में देखा जाना तय है। इस कार्रवाई के बाद बीबीसी डॉक्यूमेंटरी की स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जो 2002 के गुजरात नरसंहार में मोदी की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

बीबीसी (BBC) के मुंबई में दो कार्यालय हैं। एक बीकेसी और दूसरा खार में। इनकम टैक्स के अफसर बीकेसी कार्यालय पर पहुंचे हैं। पत्रकारों-कर्मचारियों को घर जाने के लिए कह दिया गया है। दिल्ली में बीबीसी का कार्यालय केजी मार्ग स्थित एचटी हाउस बिल्डिंग के 5वें, 6वें और 11वें फ्लोर पर है, तीनों फ्लोर पर आईटी के अफसर मौजूद हैं। दिल्ली दफ्तर के दोपहर की शिफ्ट के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया है।

बीजेपी ने बीबीसी को बताया सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीबीसी (BBC)को सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन बताया है। उन्होंने कहा कि अगर बीबीसी के कृत्य देखें, तो यह पूरे विश्व की सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन हो गई है।

गौरव भाटिया ने कहा कि, “बीबीसी पर आयकर विभाग नियमानुसार कार्रवाई कर रहा है। जब ये कार्रवाई चल रही है, इसके ऊपर जिस तरह से राजनीतिक प्रतिक्रिया आने का सिलसिला जारी है। चाहें वह कांग्रेस हो, चाहें वह टीएमसी हो, चाहें सपा हो…यह हर भारतीय के लिए चिंता का विषय है। पहले तो कांग्रेस को समझना होगा कि भारत संविधान और कानून के हिसाब से चलता है।”

दफ्तरों पर आयकर के छापे के बाद आया बीबीसी का बयान

दिल्ली और मुंबई के बीबीसी दफ्तर पर आयकर विभाग की इस कार्रवाई पर कंपनी की तरफ से पहला बयान सामने आ गया है। बीबीसी ने सिर्फ इतना कहा है कि वो जांच में पूरा सहयोग कर रही है। उसे उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस मामले को सुलझा लिया जाएगा जारी बयान में बीबीसी ने कहा कि आयकर की टीम अभी भी ऑफिस में मौजूद है और हमारी तरफ से पूरा सहयोग किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द ये मामला सुलझ जाए।

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