41 साल बाद हॉकी खिलाड़ियों ने पूरी की देश के पदक की भूख

नई दिल्ली। भारतीय हॉकी के खिलाड़ियों ने 41 साल बाद एक बार फिर अपना जलवा दिखाते हुए टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। टीम ने आज सुबह जर्मनी को 5-4 से हराया। इसके पहले कल लवलीना बोरगेहन ने बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता था। हाकी टीम की इस जीत के साथ ही भारत के पदकों की संख्या चार हो गयी है। इससे पहले मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में रजत पदक जीता था। जबकि पीवी संधू ने बैडमिंटन में लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया।

इस बीच पदकों की आगे भी संभावना बनी हुई है। खासकर कुश्ती के क्षेत्र में दो खिलाड़ी अपना जौहर बुलंद करने के रास्ते पर हैं। रवि दहिया गोल्ड के लिए आज ज़वुर युगेव से भिड़ेंगे। फ्री स्टाइल कटेगरी में दीपक पुनिया भी आज कांस्य पदक के लिए रिंग में उतरेंगे। महिला हाकी खिलाड़ियों ने भी इस बार कमाल किया जब उन्होंने आस्ट्रलिया को सीधे मुकाबले में धूल चटा दिया।

लेकिन अर्जेंटिना और एक और देश से उसे हार का सामना करना पड़ा। अब वह कांस्य के लिए ब्रिटेन से भिड़ेगी। भाला फेंक में अभी नीरज चोपड़ा से उम्मीदें बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि वह गोल्ड हासिल कर सकते हैं। लिहाजा गोल्ड के लिए रवि दहिया और नीरज चोपड़ा पर लोगों की निगाहें बनी रहेंगी।

इसके अलावा विनेश फोगाट भी कांस्य के लिए देश की उम्मीद बनाए रखी हैं। हालांकि आज वह अपना क्वार्टर फाइनल मैच हार गयीं।

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