इजराइली सेना ने अल शिफा अस्पताल को जबरन खाली करवाना शुरू किया

नई दिल्ली। अल शिफा अस्पताल के डॉक्टरों ने अल जजीरा को बताया कि इजराइली सेना ने मरीजों समेत उनको अस्पताल खाली करने के लिए कहा है। हालांकि इजराइली सुरक्षा बलों ने इस तरह के किसी आदेश से इंकार किया है। तकरीबन 450 मरीजों ने अस्पताल खाली कर दिया है। जबकि अभी 120 पीछे छूटे हुए हैं क्योंकि वो अपने से नहीं निकल सकते थे। ये बातें गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री के डायरेक्टर जनरल मुनीर अल-बर्श ने बतायी हैं।

पत्रकार जिहाद अबु शनाब ने बताया कि बहुत सारे लोग जिन्हें अल शिफा अस्पताल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, को यातायात का साधन तक नहीं मिला और मजबूरन उन्हें पैदल चलकर जाना पड़ा। अस्पताल छोड़ने वाले मरीजों की हालत बहुत नाजुक थी। और वो जल्दबाजी में अस्पताल छोड़कर नहीं जा सकते थे। उन्हें स्पेशल केयर की जरूरत थी। यह बात अभी भी साफ नहीं हो पायी है कि वहां से जाने के बाद उनका क्या होगा।

वेस्ट बैंक में इजराइली सुरक्षा बलों ने दर्जनों फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार कर लिया है। फिलिस्तीनी प्रिजनर्स क्लब नाम के एक एनजीओ ने बताया कि इजराइली सुरक्षा बलों ने एक रात के भीतर 40 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही 7 अक्तूबर से अब तक इस तरह से गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 2850 हो गयी है।

फिलिस्तीनी अथारिटी के मंत्रालय की तरफ से एक बयान आया है जिसमें कहा गया है कि इजराइल का युद्ध सिर्फ गाजा तक सीमित नहीं रहेगा। यह गाजा के दूसरे हिस्सों तक फैलेगा। यह बात फिलिस्तीन के विदेश मामलों के मंत्रालय में असिस्टेंट मंत्री अम्मार हिजाजी ने कही। उन्होंने अल जजीरा को बताया कि हम सोचते हैं कि वो इसे चरणों में कर रहे हैं। उत्तर केवल एक शुरुआत है। उन्होंने कहा कि वो इस बात को सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि गाजा और खासकर उत्तरी और पूर्वी हिस्सा लोगों के रहने लायक ही न रह जाए। और पूरी आबादी को गाजा के एक छोटे से हिस्से में सीमित कर दिया जाए। और फिर उन्हें जबरन दबाव डालकर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया जाए।   

गाजा में गवर्नमेंट मीडिया आफिस के डायरेक्टर जनरल इस्माइल अल थावबता ने कहा कि अल शिफा अस्पताल जबरन छोड़ने के लिए मजबूर किए गए कई मरीजों की हालत बेहद नाजुक है। वह इतनी ज्यादा नाजुक है कि उनका किसी दूसरी मेडिकल फैसिलिटी तक यात्रा कर पाना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सभी की मौत हो जाएगी। क्योंकि उन्हें तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत है।

फिलिस्तीनी अथारिटी ने अस्पताल को खाली करने की कार्रवाई को अपराध करार दिया है। उसने इसे मानवाधिकार और पर्यावरणीय ध्वंस बताया है।

अहली अरब अस्पताल के आस-पास की सभी इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया है। इसे बैप्टिस्ट अस्पताल भी कहा जाता है। अस्पताल के आस-पास की इमारत को बराबर कर दिया गया है। गलियों में दर्जनों शव बिखरे पड़े हैं। बहुत सारे शव इतने क्षतिग्रस्त हो गए हैं कि उन्हें पहचान पाना भी किसी के लिए मुश्किल है। लोग जितना संभव हो उन्हें दफनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच हेजबुल्ला और इजराइली सुरक्षा बलों के बीच भीषण गोलीबारी की खबर है। खबर के मुताबिक दक्षिण लेबनान में नैबातियह में स्थित एल्यूमिनियम फैक्टरी पर इजराइली सुरक्षा बलों ने हवाई हमला किया है। लेबनान की सरकारी नेशनल न्यूज एजेंसी ने बताया कि यह पहली बार है जब नैबातियह इलाके को निशाना बनाया गया है। इसके पहले इसे 2006 में इजराइल ने निशाना बनाया था।

अस्पताल को खाली कराने के मसले पर अलग-अलग बयान आए हैं। इजराइली सेना ने इससे इंकार किया है। जबकि अस्पताल प्रशासन ने इसका खंडन किया और कहा कि इजराइली सेना ने इस काम को जबरन अंजाम दिया है।

एक डाक्टर ने कहा कि उन्हें बंदूक की नोक पर अस्पताल को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तरी गाजा पट्टी में अब एक भी मेडिकल फैसिलिटी नहीं है।

बैप्टिस्ट अस्पताल को घेर लिया गया है। इंडोनिशियाई अस्पताल पहले ही काम करना बंद कर दिया है। एक डॉक्टर के तौर पर हम जो कर सकते थे पीड़ितों को बचाने के लिए हमने किया। हम अपने मरीजों के बगैर नहीं जाएंगे….हमें बंदूक की नोक पर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि इजराइली स्नाइपर अंदर और अस्पताल के आस-पास मौजूद हैं।

इजराइल ने प्रत्येक दिन गाजा इलाके में कम से कम दो ट्रक ईंधन जाने की इजाजत दी है। जिससे पानी और सीवेज के एन्क्लेव को जारी रखा सके। इस बीच दक्षिणी गाजा के खान यूनुस इलाके में इजराइली हमले में 26 फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है जिसमें ढेर सारे बच्चे शामिल हैं।

ब्रुनेई, इंडोनेशिया और मलेशिया ने तत्काल मानवीय आधार पर युद्धविराम का आह्वान किया है। एलन मस्क ने एक्स पर किसी के फिलिस्तीन के पक्ष में लिखने पर उसको निलंबित करने की घोषणा की है।

आस्ट्रेलिया के नेशनल फुटबाल टीम ने अपनी मैच फीस का एक हिस्सा गाजा में मानवाधिकार के कामों के लिए दान देने का ऐलान किया है।

(ज्यादातर इनपुट अल जजीरा से लिया गया है।)

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