ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोर्सी का खुलासा, कहा-मोदी सरकार ने विरोधियों का अकाउंट बंद करने के लिए डराया-धमकाया था

नई दिल्ली। ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोर्सी ने खुलासा किया है कि भारत सरकार की तरफ से कई बार ऐसा कहा गया कि किसान आंदोलन से जुड़े कुछ लोगों के ट्विटर अकाउंट बंद कर दिए जाएं। इसमें किसान आंदोलनों को कवर करने वाले और मोदी सरकार को निशाना बनाने वाले पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट बंद करने की बात शामिल थी। अगर ट्विटर ऐसा नहीं करता है तो देश में उन्हें बैन कर दिया जायेगा और ट्विटर को इसका नतीजा झेलना होगा।

जैक डोर्सी ने मोदी सरकार पर यह आरोप लगाकर विपक्ष को नया हथियार दे दिया है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “ट्विटर के फाउंडर और पूर्व CEO जैक डोर्सी ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धमकाया- अगर किसान आंदोलन दिखाया तो ट्विटर के ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर छापे पड़ेंगे। ट्विटर को भारत में बैन कर दिया जाएगा। जब देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तो पीएम मोदी उनकी आवाज दबा रहे थे।”

जैक डोर्सी के इस आरोप के जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि “जैक के कार्यकाल के दौरान ट्विटर एक गलती लगातार कर रहा था, और वो गलती है देश के द्वारा बनाये गये कानून का उल्लंघन करना और ऐसा लगातार हो रहा था। ट्विटर गलत जानकारी को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रहा था, और गलत जानकारी लोगों को गलत रास्ते पर लेकर जाती है।”

हालांकि भारत के लिये ध्यान देने कि बात यह है कि, ट्विटर के नये सीईओ एलन मस्क की भी मोदी सरकार के बारे में राय ठीक वैसी ही है जैसी जैक की है। इस बात का प्रमाण यह है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये सोशल मीडिया के नियमों को एलन मस्क ने “सख्त”करार दिया था। इस साल अप्रैल में भारतीय कानून को लेकर, एलन मस्क ने कहा था कि वो सरकार के साथ मिलकर इस मसले को सुलझाना पसंद करेंगे, ना कि अपने कर्मचारीयों को जेल भेजकर।

इस बात में कोई शक नहीं है कि एलन मस्क भारत के सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत अगर कोई भी सोशल मीडिया कंपनी भारत के नियमों का उल्लंघन करती है तो उस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी… जिसे मुख्य अनुपालन अधिकारी भी कहा जाता है, को नियमों के उल्लंघन के नतीजे से होकर गुजरना पड़ेगा और परिणाम जेल है।

सोमवार को देर रात यूट्यूब चैनल “ब्रेकिंग पॉइंट्स”को इंटरव्यू देते हुए जब जैक डोर्सी से पूछा गया कि सीईओ रहने के दौरान विदेशी सरकारें उन पर किस तरह का दबाव बनातीं थीं, तो जवाब देते हुये जैक डोर्सी ने बताया कि उस दौरान भारत सरकार किसान आंदोलन के मसले पर, कुछ चुनिंदा पत्रकारों को लेकर उनसे अनुरोध कर रही थी कि उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया जाए। और ये बात कुछ इस तरह से खत्म हुई, जिसमें बोला गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो कि किसी भी सोशल मीडिया के लिये एक बड़ा बाजार है।

जैक डोर्सी बताते हैं कि भारत सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि यदि आप हमारे बनाये गये नियम को नजरअंदाज करते हैं तो हम आपके कर्मचारियों के घर पर छापा मारेंगे, और उन्होंने ऐसा किया भी। इसके अलावा जैक ने बताया कि उन्हें यहां तक कहा गया कि भारत में आपके कार्यालय को भी बंद कर दिया जायेगा, और यह भारत एक लोकतांत्रिक देश है…।

साल 2021 में, जब किसान आंदोलन अपने शिखर पर था, तब केंद्र सरकार ने ट्विटर से 1200 अकाउंट बंद करने के लिये कहा था, सरकार ने ऐसे लोगों को खालिस्तानी विचारधारा से जुड़ा बताया था। इससे पहले, सरकार की तरफ से 250 ट्विटर अकाउंट बंद करने के लिये कहा गया था।

ट्विटर ने इस अनुरोध के जबाव में उन अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया, लेकिन फिर कुछ समय के बाद उन अकाउंट्स को दोबारा से अनब्लॉक कर दिया और अकाउंट्स के अनब्लॉक होने की बात पर आईटी मंत्रालय ट्विटर कंपनी से नाराज हो गयी। बाद में ट्विटर ने इन अकाउंट्स को ब्लॉक करने से मना कर दिया, और ऐसा करने के पीछे उन्होंने बताया कि ये प्लेटफॉर्म अभिव्यक्ति कि आजादी के लिये बनाया गया है और अकांउट्स को ब्लॉक करना अभिव्यक्ति कि आजादी पर हमला करने जैसा है। हालांकि सरकार को ये जवाब पसंद नहीं आया, और जिसमें बताया गया था कि मंच संभवतः “अदालत की भूमिका ग्रहण नहीं कर सकता है और गैर-अनुपालन को उचित ठहरा सकता है”।

जैक डोर्सी के इस इंटरव्यू के बाद और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करके बताया कि, जैक डोर्सी के द्वारा जो दावे किये गये सभी दावे बिल्कुल ही झूठे हैं। इसके आगे राजीव बताते हैं कि न ही ट्विटर का कोई कर्मचारी जेल गया है और न ही ट्विटर जैसे मंच को बंद किया गया, बावजूद इसके कि साल 2020 से लेकर साल 2022 तक ट्विटर ने बार-बार भारतीय नियमों का उल्लंघन किया है और भारत की संप्रभुता पर चोट किया है, और अंततः जून 2022 में जाकर ट्विटर ने नियमों का अनुपालन किया था।

राजीव चंद्रशेखर आगे बोलते हैं कि डोर्सी के शासन के दौरान ट्विटर भारतीय कानून को मानने के लिये तैयार ही नहीं था, उस वक्त तक ट्विटर ये जताने कि कोशिश कर रहा था कि भारतीय कानून से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। हम सभी जानते है कि भारत आज के समय में हरेक चीज के लिये सही और बड़ी मार्केट है, तो ऐसे में भारत जैसे संप्रभु देश के पास ये अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियां उसके कानूनों का अनुपालन करें।

राजीव आगे बताते है कि किसान आंदोलन के दौरान भारतीय सरकार ट्विटर को बंद करने के लिये बाध्य था, क्योंकि ट्विटर के माध्यम से उस वक्त पर गलत जानकारी लोगों तक पहुंचायी जा रही थी। जिसमें बहुत सारी गलत सूचनाएं और नरसंहार की गलत रिपोर्टें भी थीं। जो निश्चित रूप से नकली थीं और देश की जनता को भड़काने के लिये काफी थीं। राजीव आगे बताते हैं कि जैक जब ट्विटर के सीईओ थे, तब ट्विटर का व्यवहार पक्षपात से भरा रहा है। 

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