आज की सुर्खियां: खड़गे का कार्यकर्ताओं से 2024 में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने का आह्वान

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसके 10 साल के शासनकाल की विफलताओं को छिपाने के लिए भावनात्मक मुद्दों का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने को कहा।

देश भर से आए पार्टी नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए खड़गे का कहना था कि वे अपने मतभेद दूर करें, मीडिया के सामने आंतरिक मुद्दों को न उठाएं और पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के रूप में काम करें।

सीटों के बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में विरोध के सुर उठने शुरू

मुर्शिदाबाद। लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि “ममता बनर्जी की असली मंशा सामने आ गई है। टीएमसी के द्वारा कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटें देंगे।” उन सीटों पर पहले से ही कांग्रेस के सांसद हैं। वे हमें क्या नया दे रहे हैं? हमने ये दो सीटें ममता बनर्जी और भाजपा को हराकर जीती हैं। वे हम पर क्या एहसान कर रहे हैं? उन पर (ममता बनर्जी) भरोसा कौन करेगा? यह ममता ही हैं, जिन्हें सहारे की जरूरत है, कांग्रेस अपने दम पर इससे अधिक सीटें जीतने में सक्षम है। हमें इन दो सीटों के लिए ममता की दया की जरूरत नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “वो गठबंधन की राजनीति नहीं करने वालीं, क्योंकि वो मोदी जी को नाराज नहीं कर सकतीं।”

उधर कांग्रेस पार्टी की बैठक से बाहर निकलने पर महाराष्ट्र राज्य पार्टी अध्यक्ष नाना पटोले ने संवाददाताओं को बताया, “राहुल जी के नेतृत्व में जो भारत न्याय यात्रा प्रस्तावित है, उसको लेकर बात हुई है। और संगठन में बूथ लेवल पर तैयारी को लेकर चर्चा की गई।”

वहीं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग के अनुसार, “एआईसीसी ने हमें सभी 13 सीटों पर लड़ने के लिए कहा है। आज की बैठक में पंजाब के बारे में सीट बंटवारे या गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। हमने सभी 13 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर ली है। हम आने वाले 3-4 महीनों में उम्मीदवारों और चुनाव लड़ने की रणनीति पर चर्चा करेंगे।”

कोविड-19 अपडेट

3 जनवरी तक 12 राज्यों से कोविड19 के जेएन.1 श्रृंखला संस्करण के कुल 541 मामले सामने आए हैं: आधिकारिक स्रोत

लंदन की अदालत द्वारा एक भारतीय मूल के व्यक्ति को यौन अपराध की सजा मुकर्रर

लंदन। ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक 43 वर्षीय व्यक्ति को लंदन अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रेन में एक अकेली महिला के सामने हस्तमैथुन करने का दोषी पाए जाने पर नौ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। खबर है कि उत्तरी लंदन के वेम्बले निवासी मुकेश शाह को पिछले महीने लंदन इनर क्राउन कोर्ट में अश्लील प्रदर्शन का दोषी पाया गया था, और उन्हें 10 साल के लिए यौन अपराधियों के रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया गया। ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस (बीटीपी) ने इस बारे में खुलासा करते हुए कहा है कि 4 नवंबर, 2022 को एक ट्यूब यात्रा के दौरान हुई घटना के लिए मुकेश शाह पर 10 साल के यौन क्षति निवारण आदेश को लागू किया जाएगा।

महाराष्ट्र कैबिनेट में राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस को मंजूरी

महाराष्ट्र कैबिनेट ने नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य कर्मचारियों को ओपीएस के लिए मंजूरी दे दी है। केंद्र की भाजपा सरकार से अलग फैसला लेते हुए महाराष्ट्र एनडीए गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल ने आज ओल्ड पेंशन स्कीम को मंजूरी देकर नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ उठाने का विकल्प प्रदान करने का रास्ता खोल दिया है।

बता दें कि यह फैसला सरकार के साथ-साथ अर्ध-सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा ओपीएस बहाल करने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के कुछ दिनों बाद आया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने वक्तव्य में कहा है कि कैबिनेट द्वारा उस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है, जो नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य कर्मचारियों को ओपीएस का विकल्प मुहैया कराता है। इस फैसले से एक बार फिर एनपीएस पेंशन पर केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।

बांग्लादेश में एकतरफा चुनाव तय होने के साथ देश का भविष्य अंधकारमय

7 जनवरी को होने वाले बांग्लादेश के आम चुनाव में शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की जीत को लेकिन अब कोई संदेह नहीं है। 2014 और 2018 के पिछले दो चुनावों के साथ कुछ साम्यता के बावजूद, 2024 चुनाव के बाद का परिदृश्य काफी अलग रहने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

वैश्विक पर्यवेक्षकों का आकलन है कि शेख हसीना को अपने लगातार चौथे कार्यकाल में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसका देश की आर्थिक, राजनीतिक एवं राजनयिक दशा-दिशा पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।

अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले कौन थे?

अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने के सिलसिले में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम हैं, ओमप्रकाश मिश्रा और ताहर सिंह।

खुद को इस्लामी आतंकवादी समूह, आईएसआई समूह का बताकर असल में ओमप्रकाश मिश्रा और ताहर सिंह द्वारा क्रमशः जुबैर खान (zubairkhanisi199@gmail।com) और आलम अंसारी (alamansarihan608@gmail।com) के नाम से फर्जी आईडी बनाई गई थी। इन दोनों अभियुक्तों द्वारा आईएसआई का हवाला देते हुए राम मंदिर, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल भेजा गया था।

सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए X पर अपनी टिप्पणी में कहा है, “देवेन्द्र तिवारी ने गोंडा के ओमप्रकाश मिश्रा और ताहर सिंह को मुस्लिम नाम जुबैर खान और आलम अंसारी के साथ फर्जी आईडी बनाने और राम मंदिर और योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले मेल भेजने के लिए निर्देशित किया था। संघ ब्रिगेड की योजना में सिर्फ एक शानदार उद्घाटन के अलावा भी काफी कुछ है!

पीएम प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो मैं वहां ताली बजाऊंगा क्या ?

यह कहना है देश के जगन्नाथ पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का। पत्रकारों के साथ अपने साक्षात्कार में उनका साफ़ कहना है कि, ‘अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे, तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? मेरे पद की भी मर्यादा है। राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं?’

स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज, जिन्हें सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु, गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर ‘शंकराचार्य’ के रूप में मान्यता प्राप्त है, का 22 जनवरी के दिन अयोध्या में न जाना अपने आप में एक बड़ी घटना माना जा रहा है। हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्य के द्वारा इस आयोजन के बहिष्कार को लेकर मीडिया में कोई सवाल न उठाना, जबकि विपक्षी राजनीतिक दलों को दिए गये निमंत्रण पत्र पर उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए होड़ से पता चलता है कि सत्तारूढ़ दल के साथ-साथ मीडिया की रूचि भी हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा से कहीं बढ़कर इस मुद्दे पर राजनीति करने की है।

इस प्रकार इस बात को कहने में भी अब संकोच नहीं करना चाहिए कि 22 जनवरी 2024 के दिन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा असल में कुछ और नहीं बल्कि भाजपा को तीसरी बार सत्ता की चाभी दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज ‘शंकराचार्य’ के इंकार से इन कयासों को बल मिला है।

22 जनवरी बनाम 26 जनवरी

सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य द्वारा एक लेख में 26 जनवरी के भारतीय गणतंत्र दिवस के बरक्श मोदी सरकार द्वारा 22 जनवरी को खड़ा करने की मुहिम पर रौशनी डालते हुए कहा है, “संघ ब्रिगेड के लिए 22 जनवरी बेशक एक नया गणतंत्र दिवस है, जिसमें 26 जनवरी 1950 से लागू भारत के संविधान में निहित मूल्यों एवं उद्देश्यों की खुलेआम अवहेलना का राज्य द्वारा उत्सव मनाया जायेगा।

भारत के गणतंत्र दिवस को तो पहले से ही भारत के संसदीय लोकतंत्र की संवैधानिक बुनियाद की मजबूती के प्रदर्शन की जगह भारत की सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के मंच में तब्दील कर दिया गया है। आगामी गणतंत्र दिवस 2024 पर आधुनिक भारत के संविधान को पुनर्स्थापित करने की चुनौती हमारे लिए सबसे बड़ी है। गणतांत्रिक भारत केवल और केवल एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के रूप में ही जिन्दा रह सकता है। हमारे पूर्वज 26 जनवरी 1950 को एक स्वतंत्र गणराज्य की स्थापना के अग्रदूत बने थे, आइए हम भारत के लोग आज उसी सपने को पूरी शक्ति, साहस एवं दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लें।

पिछले 18 महीनों में फैक्ट्री आउटपुट सबसे धीमी रफ्तार

सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने X पर आंकड़ों को साझा करते हुए लिखा है कि, “जैसे ही मोदी सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी को सही किया और मजबूत आर्थिक सुधार का दावा करते हुए जीडीपी का पूर्वानुमान बढ़ाया, पिछले 18 महीनों में फैक्ट्री आउटपुट सबसे धीमी दर से बढ़ने का सच सामने आया है! पूंजीपतियों के बड़े मुनाफे को बढ़ावा देने एवं आम लोगों की आय को निचोड़ने से घरेलू मांग में भारी गिरावट आती है, जिससे विकास प्रभावित होता है।

वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल

YSRTP प्रमुख एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुईं। इस प्रकार तेलंगाना राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान जो काम अधूरा छूट गया था, वह अंततः पूरा हुआ। तेलंगाना के इस घटनाक्रम का आंध्रप्रदेश की राजनीति पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म

कल 3 जनवरी से ही इस बारे में आप पार्टी के मंत्रियों की ओर से बयान जारी किये जा रहे थे। आज सुबह से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर दिल्ली पुलिस सुरक्षा को लेकर बड़ी संख्या में तैनात कर दी गई थी। ऐसी आशंका थी कि लगातार तीसरी बार ईडी के द्वारा समन किये जाने की अनसुनी को केंद्र की भाजपा सरकार अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं करने जा रही है।

इस सिलसिले में दोपहर बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा बयान जारी कर कहा गया, “BJP मुझे गिरफ्तार करना चाहती है। मेरी सबसे बड़ी सम्पत्ति मेरी ईमानदारी है। ये लोग फर्जी मुकदमों से मेरी ईमानदारी पर चोट करना चाहते हैं। हम बीजेपी की इस गुंडागर्दी और तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे। मेरा एक-एक कतरा देश को समर्पित है। हम ईमानदार हैं और जी-जान लगाकर भाजपा के इस अन्याय से लड़ते रहेंगे।”

(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

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