नई दिल्ली। अभी हाथरस की दलित बच्ची के साथ बर्बर और वीभत्स घटना और उसके खिलाफ देश में जारी उबाल ठंडा नहीं पड़ा है कि यूपी में एक और उससे भी ज्यादा क्रूर और वहशी घटना सामने आ गयी है। घटना बलरामपुर जिले में घटी है। स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक 22 साल की एक दलित महिला के साथ इंजेक्शन दिए जाने के बाद गैंगरेप किया गया है। बलात्कार के बाद आरोपियों ने पहले उसके दोनों पैर तोड़े और फिर उसकी हत्या कर दी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दलित महिला एक कालेज की छात्रा थी और नये सत्र में प्रवेश लेने के बाद अपने घर लौट रही थी। हालांकि न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता एक प्राइवेट फर्म में काम करती थी।
रिपोर्ट के मुताबिक बलरामपुर के एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि गैंस्डी पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज हुई थी जिसमें उसके परिवार वालों ने बताया है कि मंगलवार को महिला अपने कार्यस्थल से घर समय पर नहीं लौट पायी। उसके बाद परिवार के सदस्यों ने उससे संपर्क करने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। उसके बाद पीड़िता एक रिक्शे पर बहुत बुरी स्थिति में घर लौटी।
उसके साथ एक ग्लूकोज ड्रिप का इंजेक्शन भी लगा हुआ था। परिवार के सदस्यों ने महिला को फिर से अस्पताल ले जाने की कोशिश की लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिवार के सदस्यों ने लिखित शिकायत में दो लड़कों का नाम दर्ज कराया है। और उनके ऊपर बलात्कार का आरोप भी लगाया है। वर्मा का कहना है कि शिकायत के बाद दोनों लड़कों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ जरूरी धाराओं के साथ केस दर्ज किया जाएगा और जो भी दूसरे लोग शामिल हैं उन्हें कठोर दंड मिलेगा।
पीड़िता की मां का कहना है कि बलात्कार करने से पहले उनकी बेटी को इंजेक्शन दिया गया था। और उसकी कमर तथा दोनों पैर टूटे हुए थे। उसके बाद उसे एक रिक्शे पर घर भेज दिया गया। उसने बताया कि उनकी बच्ची केवल यही बोल सकी कि “बहुत ज्यादा दर्द है और मैं जिंदा नहीं रहूंगी।”
यूपी में चलने वाले भारत समाचार के एडिटर ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि “इस ट्वीट को लिखते वक्त मेरे हाथ कांप रहे हैं। गम, गुस्सा और क्षोभ से स्तब्ध हूं। अब बलरामपुर में हाथरस से भी भयानक वारदात हुई है। दलित समाज की एक बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ। दोनों पैर तोड़ दिए गए। कमर तोड़ दी गयी। मुंह बंद करने के लिए घातक इंजेक्शन ठूंस दिया। और फिर हत्या कर दी।”
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश सिंह यादव ने भी मामले का संज्ञान लिया है।
बलरामपुर पुलिस ने ट्विटर पर बताया कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों पैरों के तोड़ जाने की बात सही नहीं है। क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। यह बात बलरामपुर की पुलिस ने समाजवादी पार्टी के एक ट्वीट के जवाब में कही है। जिसमें कहा गया था कि “हाथरस के जघन्य अपराध के बाद बलरामपुर में एक और दर्दनाक घटना सामने आई है जहां कॉलेज से लौट रही छात्रा के साथ गैंगरेप कर उसके पैर तोड़ दिए गए। छात्रा की इलाज के दौरान मृत्यु। अत्यंत दुखद! पूछता है UP! आखिर भाजपा सरकार में कब महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी?”
यह घटना तब सामने आयी है जब पूरे देश में हाथरस की घटना को लेकर बवाल मचा हुआ है। और इस मामले में जगह-जगह प्रदर्शन और लाठीचार्ज और गिरफ्तारियां हो रही हैं। मामले में पीएम मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है। जिसके बाद सीएम ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक एसआईटी गठित कर दी है।
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