तीन केंद्रीय कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने के मौके पर हरियाणा के कुछ स्थानों पर सिक्स-लेन कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को आज किसानों ने अवरुद्ध कर दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने के अवसर पर आज सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध कर रहे हैं। किसानों ने पलवल में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को ब्लॉक कर दिया है। जबकि पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे कुंडली, सोनीपत में भी किसानों ने जाम कर रखा है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इसले कॉल दी थी।
इसके अलावा डासना, दुहाई, बागपत, दादरी, ग्रेटर नोएडा पर किसान सड़क जाम कर रहे हैं। सभी किसान इस दौरान अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। वहीं एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा भी फ्री कराए जा रहे हैं।
उधर पंजाब हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। लेकिन उन्हें जगह जगह रोकने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया है।
किसानों को दिल्ली ओर बढ़ता देख अंबाला में पुलिसकर्मियों ने आज सुबह उन पर ठंडे पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले भी दागे। अंबाला के पास किसानों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान सड़कों पर और पुल पर लगे बैरिकेड्स को किसानों तोड़कर नदी में फेंक दिया।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह के जमावड़े और रैली करने की इज़ाज़त नहीं दी है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।

वहीं, पुलिस प्रशासन हालात से निपटने को तैयार है। पुलिस प्रशासन ने शरारती तत्वों से निपटने की रणनीति तैयार करके DSP स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस जवानों की ड्यूटियां लगा रखी हैं।
पुलिस, RAF, अर्धसैनिक और दंगारोधी दस्ता तैनात
DSP स्तर के अधिकारियों की सहायता के लिए संबंधित थाना और चौकी प्रभारी के अलावा पुलिस के जवान एवं RAF अर्धसैनिक बलों की तैनाती दंगारोधी साजो-सामान के साथ की गई है। जिले में रोड जाम करने की संभावना के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन की भी अलग से व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 8 स्थानों नेशनल हाईवे पर गदपुरी बॉर्डर, दूधौला मोड़, करमन बॉर्डर, बाबरी मोड होडल, असावटा मोड, आगरा चौक एवं KGP पर जलहाका व KMP पर नूंह बार्डर पर नाके लगाए गये हैं।
किसान आंदोलन के100वें दिन आज किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता और MSP पर कानून नहीं बन जाता, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे।
वहीं तेलंगाना में आज भी किसान महापंचायत बुलाई गई है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। जबकि मध्य प्रदेश के छतरपुर में भी किसानों का धरना-प्रदर्शन पिछले तीन महीनों (87 दिनों) से चल रहा है। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने लंबे समय तक किसानों को वहां टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा धरना स्थल पर प्रशासन ने कोई साधन भी मुहैया नहीं कराया है। जब 3 और 4 मार्च को किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया, तब प्रशासन ने उन्हें टेंट लगाने की अनुमति दी। किसानों ने अब आने वाले दिनों में पूरे एमपी में महापंचायत करने की योजना बनाई है।
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