Friday, April 26, 2024

बीजेपी के गुजरात मॉडल का सामने आया एक और घृणित चेहरा! अस्पताल के वार्डों का किया हिंदू-मुस्लिम में बंटवारा

नई दिल्ली। सांप्रदायिक घृणा और नफ़रत को बढ़ाने वाला बीजेपी का गुजरात मॉडल एक कदम और आगे बढ़ गया है। देश में जब सारे मंदिर, मस्जिद और गिरिजा घर बंद हो गए हैं तो उसने अस्पतालों में धर्म खोज निकाला है। सूबे की रूपानी सरकार ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के वार्डों का हिंदू-मुस्लिम में बँटवारा कर दिया है। वार्डों के बेडों का एक हिस्सा हिंदुओं के लिए जबकि बाक़ी मुसलमानों के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। बँटवारे के बारे में पूछे जाने पर सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने बताया कि ऐसा राज्य सरकार के निर्देश पर किया गया है। हालाँकि उप मुख्यमंत्री और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इंकार किया है।

यहाँ सिविल अस्पताल ने कोविद 19 के मरीज़ों के लिए अलग से 1200 बेड सुरक्षित कर रखे हैं। और इन बेडों का भी हिंदू और मुस्लिम के आधार पर बँटवारा कर दिया गया है।

डॉ. राठौड़ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “आम तौर पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अब तक अलग-अलग वार्ड हुआ करते थे। लेकिन यहाँ हम लोगों ने हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग वार्ड बनाए हैं।“

इसके पीछेा का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि “यह सरकार का फ़ैसला है आप उसी से इसका कारण जान सकते हैं।”

अस्पताल के प्रोटोकॉल के मुताबिक़ टेस्ट की पुष्टि हो जाने तक संदिग्ध कोविद 19 मामलों को कन्फर्म केसों से अलग वार्ड में रखा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक़ अस्पताल में भर्ती 186 लोगों में 150 पॉज़िटिव पाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक़ 150 में 40 मुस्लिम हैं।

डिप्टी सीएम पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “इस तरह के किसी फ़ैसले की मुझे जानकारी नहीं है (धर्म के आधार पर वार्डों के बँटवारे की)। आमतौर पर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। मैं इसकी जाँच करूँगा।“

अहमदाबाद के कलेक्टर केके निराला ने भी इस मामले की जानकारी होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई निर्देश हम लोगों की तरफ़ से नहीं है। और हमें सरकार के फ़ैसले की भी कोई जानकारी नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस ने एक मरीज़ से जब संपर्क किया तो उसने बताया कि “रविवार की रात को ए-4 वार्ड में भर्ती मेरे समेत 28 लोगों को उनका नाम लेकर बुलाया गया। उसके बाद हम लोगों को सी-4 वार्ड में शिफ़्ट कर दिया गया। हालाँकि हमें यह नहीं बताया गया कि क्यों शिफ़्ट किया जा रहा है। सभी बुलाए गए नाम एक समुदाय के थे। आज मैंने इसके बारे में अपने एक स्टाफ़ मेंबर से बात की तो उसने बताया कि ऐसा दोनों समुदायों की सहूलियत के लिए किया गया है।“

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