न्यूज़क्लिक मामले में दिल्ली पुलिस ने की गवाहों के नाम छुपाने की कोर्ट से गुजारिश

नई दिल्ली। न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की मुश्किलें अभी और बढ़ती दिख रही हैं। प्रबीर पहले से ही जेल में हैं, उनकी न्यायिक हिरासत 22 दिसंबर के लिए बढ़ा दी गई थी। और अब खबर आ रही है कि दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ पांच “संभावित गवाह” मिले हैं। दिल्ली पुलिस उन गवाहों की पहचान को उजागर नहीं करना चाहती है। पुलिस ने उन गवाहों की सुरक्षा के लिए दिल्ली की एक अदालत में आवेदन भी दायर किया है।

पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पांचों “संभावित गवाहों” के बयान दर्ज कर लिए हैं और पटियाला हाउस कोर्ट में आवेदन दायर कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक “जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि मामला संवेदनशील है और इसके अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन भी हैं। ऐसे में पांचोंं गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए उन्होंने कोर्ट से कहा कि सभी गवाहों की पहचान को छिपाए रखना ही बेहतर होगा।”

सूत्रों के अनुसार, “न्यूजक्लिक मामले में पुलिस ने अब तक लगभग 60 लोगों से पूछताछ की है। जिसमें कुछ पत्रकार भी हैं।” हालांकि दिल्ली पुलिस प्रवक्ता सुमन नलवा ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 17 अगस्त को प्रबीर पुरकायस्थ, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

पुरकायस्थ पर आरोप है कि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और देश में असंतोष पैदा करने के लिए उनकी वेबसाइट को अवैध तरीके से चीन से बड़ी राशि मिली थी। उन्होंने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को ऐसा दिखाया जैसे वे भारत का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा आरोप है कि उन्होंने कोरोना से लड़ने में सरकार की तमाम कोशिशों को भी बदनाम करने की कोशिश की।

पुलिस ने 3 अक्टूबर को पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। उससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वेबसाइट से जुड़े 40 से भी ज्यादा पत्रकारों, तकनीशियनों और सहयोग देने वालों के ठिकानों पर दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में छापा मारा था और पूछताछ की थी।

सूत्रों के मुताबिक “छापेमारी में जब्त 400 से भी ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव की जांच के लिए दिल्ली पुलिस उन्हें भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन), राष्ट्रीय नोडल एजेंसी, सीएफएसएल, हैदराबाद, सीएफएसएल, चंडीगढ़ और सीएफएसएल, दिल्ली भेज सकती है।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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