Friday, April 19, 2024

 सरकार ने बढ़ा दी अमीर भारत और गरीब भारत के बीच की खाई: राहुल गांधी

कल सदन में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बजट 2022 पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल उठाते हुये मुझे कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ब्यूरोक्रेटिक विचारों का जिक्र था। इसमें सच्चाई का काफी अभाव था।

उन्होंने सदन में कहा कि आप साठ साल की बात कर रहे हैं तो बता दूं कि हमारी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था, लेकिन आपने 23 करोड़ लोगों को गरीबी में वापस डाल दिया।

गौरतलब है कि कल बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान विपक्ष की ओर से सबसे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत की चुनौतियों के बारे में एक-दो बातों का जिक्र नहीं किया गया है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ब्यूरोक्रेटिक विचारों का जिक्र था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत की चुनौतियों के बारे में एक-दो बातों का जिक्र नहीं किया गया है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का अभिभाषण ब्यूरोक्रेटिक विचारों का जिक्र था। इसमें सच्चाई का काफी अभाव था। अभिभाषण में कामों की लंबी सूची तो थी, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया कि आज भारत बंट चुका है। आज एक नहीं दो भारत हो गए हैं।

दो भारत, अमीर भारत-ग़रीब भारत

राहुल गांधी ने सदन में कहा कि हमारे देश में दो हिंदुस्तान बसते हैं- एक अमीरों का हिंदुस्तान और एक गरीबों का हिंदुस्तान। अब इन दोनों हिंदुस्तानों में खाई बढ़ती जा रही है। रोज़गार ढूंढने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार में रेलवे की नौकरी के लिए युवाओं ने क्या किया। उसके बारे में जिक्र नहीं हुआ। भारत के युवाओं के पास रोजगार नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी का जिक्र नहीं है। सब जगह युवा सिर्फ़ एक ही चीज मांग रहा है- रोज़गार। यह आपकी सरकार नहीं दे पा रही है।

राहुल गांधी ने सदन में आगे कहा कि पिछले साल तीन करोड़ युवा रोज़गार खो चुके हैं। आप बात करते हो रोज़गार देने की। 2021 में तीन करोड़ युवा रोजगार खो चुके हैं। पचास साल में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी आज हिंदुस्तान में है। आपने मेक इन इंडिया की बात की, मगर जो रोज़गार युवाओं को मिलना चाहिए, वो उन्हें नहीं मिला और ऊपर से बेरोज़गारी पैदा हुई है। आप ने अपने भाषण में रोज़गार को लेकर कुछ नहीं कहा।

कैसे पैदा हुये दो हिंदुस्तान

राहुल गांधी ने सदन में सवाल उठाते हुये पूछा कि दो हिंदुस्तान पैदा कैसे हुए?

उन्होंने कहा कि ये स्थिति पैदा कैसे हुई। ये दो हिंदुस्तान पैदा कैसे हुए?

और फिर खुद ही जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार, स्मॉल- मीडियम इंडस्ट्री और इनफॉर्मल सेक्टर है। लाखों-करोड़ रुपया आपने उनसे छीनकर हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों को दिलवा दिया। आपने पिछले सालों में स्मॉल- मीडियम एंटरप्राइजेज पर एक के बाद एक हमला किया है। मैं आपको खुश करने के लिए अपने भाषण में आखिरी साठ साल की बात करुंगा। नोटबंदी, गलत जीएसटी और कोरोना के समय जो गरीबों को समर्थन देना था, वो आपने उन्हें नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि आज 84 फीसदी हिंदुस्तान के लोगों की आमदनी घटी है। और वे तेजी से ग़रीबी की ओर बढ़ रहे हैं।

23 करोड़ लोगों का आपने वापस ग़रीबी में डाल दिया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि आप साठ साल की बात कर रहे हैं तो बता दूं कि हमारी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। ये हमारा आंकड़ा नहीं है। आप हंसिए, लेकिन ये हमारा आंकड़ा नहीं है। हमने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया है।

फॉर्मल सेक्टर में मोनापोली बन गई

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि फॉर्मल सेक्टर में मोनोपॉली (एकाधिपत्य) बन गई है। दो सबसे बड़े मोनोपॉलिस्ट के बारे में भी बोलूंगा। कोरोना के समय अलग-अलग वैरिेएंट्स आते हैं। ये दो भी दो अलग-अलग वैरिएंट्स हैं। ये हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में फैल रहा है। हिंदुस्तान के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर, ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस, एडिबल ऑयल के क्षेत्र में अब अडानी दिखाई देते हैं और दूसरे को टेलिकॉम, पेट्रोकेमिकल और ई-कॉमर्स में मोनोपोली दे दी गई। इसलिए सारा धन इन्हीं हाथों में जा रहा है। आप इन्फॉर्मल सेक्टर को बढ़ा देते, तो दो हिंदुस्तान नहीं बनते, लेकिन आपने असंगठित क्षेत्र को खत्म कर दिया। अगर आप उनकी मदद करते तो फिर उत्पादन क्षेत्र तैयार हो सकता था। मगर जो लोग आपका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना सकते थे, उन्हें ही आपने खत्म कर दिया। आप मेड इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन मेड इन इंडिया हो ही नहीं सकता। आपने उन्हें परे कर दिया। स्मॉल-मीडियम इंडस्ट्री को खत्म कर दिया।

हिंदुस्तान चुप नहीं बैठेगा

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैन्युफैक्चरिंग जॉब्स की बात करें, तो पिछले पांच साल में इसमें कमी आई है। आप एमएसएमई और छोटे उद्योगों को खत्म कर रहे हैं। दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, लेकिन हम यहां भाषण देते रहते हैं। न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया। जो गरीब हिंदुस्तान आप बना रहे हैं, ये मत सोचिए कि यह चुप बैठा रहेगा। ये चुप नहीं बैठेगा। इस हिंदुस्तान को सब दिख रहा है। इस हिंदुस्तान को दिख रहा है कि आज हिंदुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास भारत के 55 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति है।

ये कैसे हुआ? ये आपने किया। ये पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। मैं आपको सुझाव देता हूं। ये जो हिंदुस्तान आप बना रहे हैं, इन्हें जोड़ने का काम जल्दी शुरू कीजिए। जो बेरोज़गार युवा हैं, उनकी मदद कीजिए। ये जो पूरा धन आप 5-10 लोगों को दे रहे हैं। ये आपकी मार्केटिंग करते हैं, टीवी पर आपको लगाते हैं। इन्हें धन देना बंद कीजिए। वर्ना आपका नुकसान होगा।

लोकतांत्रिक ढांचे को आप बर्बाद कर रहे

राहुल गांधी ने संघीय ढांचे सांस्कृतिक भौगोलक वैविध्य पर बोलते हुये सदन में कहा कि “अगर आप भारत के संविधान को पढ़ें तो पाएंगे कि भारत को राज्यों के संघ के तौर पर बताया गया है। इसका मतलब क्या है। इसका मतलब है कि तमिलनाडु के लोगों को उतनी ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जितनी यूपी और अन्य राज्यों को मिलती है। उतनी ही प्राथमिकता मणिपुर, नगालैंड, जम्मू कश्मीर को भी मिलनी चाहिए। ये गंभीर मुद्दा है और मैं इस पर गंभीर जवाब चाहता हूं।

देश के आज दो विजन हैं। पहला- यह राज्यों का संघ है। यानी यह राष्ट्र सहयोग से चलेगा। ये एक साझेदारी है। आप कभी भी अपने जीवन में तमिलनाडु के लोगों पर राज कर सकेंगे। आपकी जो भी कल्पनाएं हों, लेकिन आप लोग भारत के राज्य के लोगों पर शासन नहीं कर सकेंगे। ये कभी नहीं हुआ। आप किसी भी साम्राज्य को देख लेंगे। आप अशोका से लेकर गुप्ता साम्राज्य तक देख लें। समस्या यह है कि आप लोग भ्रमित हैं। ये भाषाएं, उनका इतिहास, आपको लगता है कि आप उन्हें दबा सकते हैं। आपको पता नहीं है कि आप किस विचार से लड़ रहे हैं। क्योंकि तमिलनाडु के लोगों का विचार अपनी भाषा का विचार है और यही उनका भारत का विचार है। केरल के लोगों का विचार अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ा है। उनका एक सम्मान और इतिहास है। राजस्थान के साथ भी परंपरा और जीने का तरीका है। ये एक फूलों के बुके की तरह है। ये हमारी ताकत है। मैं इन सब राज्यों के लोगों से सीखता हूं। मैं आप सबसे भी सीखता हूं और ये कोई मजाक नहीं है।

वहीं एक और विजन भी है कि भारत को केंद्र से शासित किया जा सकता है। जब भी ऐसी कोशिशें की गईं, तब नाकामयाबी ही हाथ लगी। आपके नजरिए में समस्या कहां है? विश्व की ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो इस तरह की हो। लेकिन दूसरा विजन केंद्रीयकरण का है। जिसे कांग्रेस सरकार ने 1947 में ही खत्म कर दिया था। यह विजन था कि एक शहंशाह होगा, एक मास्टर ऑफ मास्टर होगा। अब क्या हो रहा है कि इस गलत नजरिए की वजह से अब राज्यों के बीच बातचीत के जो तरीके हैं, जिन्हें हम देश के संस्थान कहते हैं, उन पर हमला हो रहा है। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु का जो विचार है उसे संस्थानों से दूर किया जा रहा है। वो लोग आपसे कह रहे हैं कि हमसे मिलिए, लेकिन आप उनसे नहीं मिल रहे। आप उनकी नहीं सुन रहे। इसी तरह पंजाब के किसान अपनी मांग रख रहे हैं और आप उन्हें नहीं सुन रहे हैं। किसान एक साल के लिए धरने पर बैठ रहे, वे कोरोना से मर सकते हैं, लेकिन आप उन्हें नहीं सुन रहे।

सरकार को इतिहास की समझ नहीं है

राहुल गांधी ने सदन में एक बार फिर पेगासस जासूसी मामले को उठाते हुए कहा कि जब आप पेगासस को नेताओं की जासूसी के लिए लगाते हैं। प्रधानमंत्री इस्राइल जाकर लोगों की जासूसी का उपकरण लाते हैं तो वे केरल, तमिलनाडु और हर राज्य के साथ धोखा कर रहे हैं। एक सरकार ने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। मेरा डर है कि हमें इसका जवाब मिलेगा। आप ये जो हमला कर रहे हैं देश के संस्थानों पर, इसका जवाब मिलेगा। मेरे परदादा ने 15 साल जेल में बिताए। मेरी दादी को गोलियां लगी थीं और मेरे पिता विस्फोट में मारे गए थे। इसलिए मैं जानता हूं कि ये क्या है?

उन्होंने कहा कि आप भी अगर अभी नहीं रुके तो आप समस्या को पैदा कर लेंगे। आप पहले ही ऐसी पार्टी हैं जो समस्या पैदा करती है। आपने पूर्वोत्तर में समस्या पैदा की है। तमिलनाडु में समस्या पैदा की है। आपको इतिहास की बिल्कुल समझ नहीं है। आज शाम जब वापस जाएं तो उन साम्राज्यों को पढ़ें, जिन्होंने भारत पर शासन किया। उन सभी ने राज्यों के संघ का शासन किया। आप उन सभी का असम्मान कर रहे हैं। आप भारत के लोगों का अपमान नहीं कर सकते।

अमित शाह पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री को घेरते हुये कहा कि कुछ दिन पहले किसी राजनीतिक दल के नेता मणिपुर से आए थे, वे काफी गुस्से में थे। मैंने उनसे पूछा कि आप गुस्से में क्यों हैं, तो उन्होंने कहा कि मेरी कभी इतनी बेइज्ज़ती नहीं हुई है। दरअसल, मणिपुर के कई नेता कुछ दिन पहले गृह मंत्री के घर गए थे। वहां हमसे जूते उतरवाए गए, लेकिन गृह मंत्री चप्पलें पहनकर घूम रहे थे। आखिर क्यों गृह मंत्री अपने घर में चप्पल पहनकर घूम सकते हैं और बाहर से आया व्यक्ति बिना जूतों के घूमेगा। उन्होंने मुझे इसकी तस्वीर दिखाई। आखिर ऐसा भेदभाव क्यों? ये कौन सा तरीका था आपका? इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ये भारत की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं और धार्मिक संस्कृति पर निशाना साध रहे हैं।

भाजपा-आरएसएस लोगों के बीच लिंक तोड़ रहे

राहुल गांधी ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हुए सदन में आगे कहा कि मेरी समझ से आरएसएस और भाजपा हमारे देश के आधार से छेड़छाड़ कर रहे हैं। वे लोगों के बीच के लिंक को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए आज भारत 15 साल पहले से भी कमजोर है। खुद से पूछिए कि आखिर क्यों भारत पूरी तरह से अकेला है और घिरा हुआ है। हम श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार, अफगानिस्तान, चीन हर तरफ से घिरे हुए हैं। हमारे दुश्मन हमारी स्थिति जानते हैं। हमें कमजोर किया गया है। हमारे लोगों के बीच बातचीत नहीं हो पा रही है। हमारे संस्थान कमजोर हैं और हम घिरे हैं। वे बहुत साफ हैं कि वे क्या करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति का जो सबसे बड़ा लक्ष्य रहा है, वह है पाकिस्तान को चीन के शिकंजे से दूर रखना। लेकिन आपने क्या किया। आपने पाकिस्तान को चीन के हाथों में धकेल दिया। उस ताकत को बिल्कुल कम न समझें जो हमारे सामने खड़ी है। ये सबसे बड़ा अपराध है, जो आप भारत के साथ कर रहे हैं। चीन के पास पक्के तौर पर एक योजना है। मैं बिना किसी शंका के भी कह सकता हूं कि चीन के पास एक साजिश है। उस साजिश का आधार हमें डोकलाम और लद्दाख में दिखा है। ये भारत पर बड़ा खतरा है।

राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर मसले पर सदन में कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में बड़ी कूटनीतिक गलती की है। हमने विदेश नीति में बड़ी गलतियां की हैं। आपने दो अलग-अलग फ्रंट की अवधारणा को कमजोर किया है और अब उसे एक संगठित फ्रंट बनाकर बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। उनके हथियारों को देखें वो क्या खरीद रहे हैं। देखें वे कैसे बोल रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम चीन के खिलाफ अपनी रक्षा कर सकें। याद रखिए आप इसके लिए जिम्मेदार होंगे। इसलिए एक राष्ट्र के तौर पर हमें अपने लोगों से बातचीत शुरू करनी होगी। आपको हमसे बात करनी होगी। हमारे पास अनुभव है। हमारे पास ऐसे लोग हैं जो इन सब बातों को समझते हैं।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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