रत्नागिरी। महाराष्ट्र के रत्नागिरी इलाके में एक 48 साल के पत्रकार की संदिग्ध मौत का मामला अब विवादों के घेरे में आ गया है। शशिकांत वारिशे की बीती सोमवार शाम को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। खास बात ये है कि जिस गाड़ी के नीचे आने से वारिशे ने जान गंवाई उसे वो शख्स चला रहा था जिसके खिलाफ़ उन्होंने स्थानीय अखबार में खबर लिखी थी।
वारिशे एक लोकल मराठी अखबार के लिए काम करते थे और वो रत्नागिरी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिल्स लिमिटेड को लेकर लगातार खबरें कवर कर रहे थे। आरोपी की शिनाख्त पंढरीनाथ अंबेडकर के तौर पर हुई है। खासबात ये है कि वारिशे ने इस शख्स के खिलाफ महानगरी टाइम्स में ‘बैनर पर सीएम, पीएम और उपमुख्यमंत्री संग अपराधी की तस्वीर’ नाम से लेख लिखा था।
इस लेख में अंबेडकर को अपराधी करार दिया गया था और कहा गया कि वो रिफाइनरी का समर्थन कर रहा है और इसी के तहत उसने स्थानीय लोगों को धमकाया और डराया, जिसके लिए उस पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सोमवार को वारिशे राजापुर हाई-वे के पास एक पेट्रोल पंप के पास खड़े थे, उसी वक्त अंबेडकर ने अपनी एसयूवी से वारिशे को टक्कर मारी। इतना ही नहीं गाड़ी कई मीटर आगे तक वारिशे को अपने साथ घसीटते भी ले गई।
पुलिस के मुताबिक स्थानीय लोगों ने मदद करने की कोशिश की। उस वक्त वारिशे बेहोशी की हालत में पाए गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया हालांकि अगले दिन यानि मंगलवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
रत्नागिरी के एसपी धनंजय कुलकर्णी के मुताबिक उन्होंने घटना के तुरंत बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल आरोपी अंबेडकर को 14 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में रहना होगा। पुलिस ने अभी मामले में हत्या का नहीं बल्कि गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर आरोपी पंढरीनाथ अंबेडकर को गिरफ्तार कर लिया है।
अब इस मामले को लेकर कई पत्रकार और शशिकांत वारिशे के परिवार वाले सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि 6 फरवरी की सुबह जमीन के कारोबार से जुड़े पंढरीनाथ अंबेडकर के खिलाफ खबर प्रकाशित होती है और उसी दिन शशिकांत वारिशे की दुर्घटना हो गई।