ग्राउंड से चुनाव: RSS में सक्रिय वेद राठौर का दावा- राजस्थान में कांग्रेस दोबारा सरकार बनाएगी

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अलवर। कांग्रेस का कोई छोटा-बड़ा नेता या खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की सत्ता में वापसी का दावा करें तो इस तरह की बातों को चुनाव प्रचार के शोर में लोग मात्र जुमला बताकर खारिज कर सकते हैं। लेकिन इसके उलट गहलोत सरकार की फिर से सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी करने वाला अगर कोई पुराना आरएसएस से जुड़ा शख्स और राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी की तेली-साहू बिरादरी का जमीनी नेता हो तो किसी का भी माथा ठिठक जाना जाहिर सी बात है।

अलवर शहर में ज्योतिनगर मुंगास्खा-दिल्ली रोड के वेद राठौर (61 वर्ष), राजस्थान में करीब तीन दशक से आरएसएस से सक्रिय तौर पर जुड़े हुए हैं और मौजूदा समय में तेली-साहू समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस संगठन को मोदी समाज भी कहा जाता है। 2008 में वे तेली-साहू समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के कारण गुजरात के मुख्यमंत्री के दिनों में नरेंद्र मोदी के लगातार संपर्क में रहे और फोन से भी संवाद करते रहे।

राठौर ने उन्हीं दिनों भविष्यवाणी करते हुए बताया कि एक दिन मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन अब वेद राठौर पीएम मोदी के प्रति उनकी गलत नीतियों के कारण कटुता से भरे हैं। उनका दावा है कि “2024 में भले ही मोदी किसी तरह प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने में कामयाब हो भी जाएं तो उसके छह महीने में ही आरएसएस उन्हें कुर्सी से बेदखल कर देगा।”

इस संवाददाता से लंबी बातचीत में राठौर के गले इस तरह के दावे कतई नहीं उतरते कि भाजपा राजस्थान में अगली सरकार बनाएगी। इसके पीछे उनका तर्क है कि “राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ कोई भी निजी आरोप या केस नहीं है। ना ही यहां कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल है, जैसे कि पहले हुआ करता था।”

राठौर कांग्रेस की गारंटियों के गहरे असर को गहलोत के पक्ष में बताते हैं। राठौर का कहना है, “वास्तव में माहौल भाजपा व केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ है।” उनके मुताबिक “हिंदू-मुसलमानों के नाम पर घृणा और नफरत फैलाकर भाजपा राजस्थान ही नहीं पूरे देश का माहौल खराब कर रही है।”

वर्ष 1980 से 1990 के दौर में राठौर अलवर से 22 किमी दूर रामगढ़ में आरएसएस शाखा में सक्रियता से जिले में संघ के प्रमुख नेताओं में शुमार होने लगे। उनका दावा है कि अलवर में शुरू में भाजपा और संघ को स्थापित करने में उनकी सक्रिय भूमिका रही।

वर्ष 1999 से 2004 तक वे भाजपा में प्रमोद महाजन और उस दौर के कई केंद्रीय भाजपा व संघ नेताओं के निकट संपर्क में आए। तब से देश के कई राज्यों में साहू समाज को भाजपा से जोड़ने में उन्होंने बढ़चढ़कर काम किया। उनका परिवार मूलतः हरियाण के नूंह कस्बे से अलवर आकर बसा। उनके दिवंगत पिता हरिकिशन राठौर भी अलवर में संघ में सक्रिय रहे।

इस सवाल पर कि गहलोत सरकार पांच साल तक सत्ता में रही और राजस्थान में रिवाज है कि हर पांच साल में सत्ता बदलती है। इस सवाल पर राठौर कहते हैं, “इस बार ऐसा नहीं होने जा रहा है।” बकौल उनके “भाजपा राजस्थान में पूरी तरह नेतृत्व विहीन है। जो बड़े चेहरे माने जाते हैं, उनमें कुत्ते-बिल्ली की लड़ाइयां चल रहीं हैं। इस बात को मीडिया के लोग न तो छापते हैं न पूछते हैं कि वसुंधरा राजे जैसी शख़्सियत को क्यों और किस अरोप में किनारे किया गया।”

राठौर कहते हैं, “वसुंधरा राजे और पूरे प्रदेश में उनके समर्थकों की नाराजगी भाजपा को इस चुनाव में भारी पड़ेगी।”

प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में और राजस्थान में भी भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा हैं और उनके नाम पर जमकर वोट पड़ते हैं? इस सवाल के जवाब में राठौर कहते हैं, “यह भ्रम केवल मीडिया ने फैलाया हुआ है। आम लोग डर से कुछ नहीं बोलते लेकिन सचाई यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी की चमक काफी फीकी पड़ चुकी है। उनकी बातों में प्रधानमंत्री पद की मर्यादा नहीं दिखती।”

उनका यह भी मानना है कि “मोदी जी की करनी और कथनी में भारी अंतर है, यह आम लोग और मतदाता बखूबी समझते हैं।” उनके मुताबिक, “मोदी हर चुनावी सभा में रोज झूठ फैलाने और भ्रामक भाषणबाजी का सहारा लेते हैं।”

लेकिन कई लोग मानते हैं कि मोदी देश के लिए अच्छा काम कर रहे हैं? इस पर राठौर सीधा कटाक्ष करने से पीछे नहीं हटते। उनका मानना है, “केंद्र में मोदी सरकार की उपलब्धियां शून्य हैं। हर क्षेत्र में निजीकरण और अरबों रुपये की सरकारी संपत्तियां और एयरपोर्ट अडानी को बेचे गए। सवाल यह है कि उन्होंने गरीबों के लिए किया क्या है।”

यह प्रश्न पूछे जाने पर कि आप तो स्वयं तेली-साहू समाज के हैं, आपको तो मोदी जी से हमदर्दी होनी चाहिए? इस पर राठौर कहते हैं, “देश हित को जाति के हित से ऊंचा रखना चाहिए। मोदी खुद को पिछड़ा और तेली-साहू समाज का बताकर सिर्फ स्वयं राजनीतिक लाभ तो लिया है लेकिन पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट पर हमारे समाज ने राज्य में महज एक टिकट मांगा तो ओम प्रकाश माथुर के आदमी को टिकट दे दिया गया।”

उनका दावा है कि “राज्य में तेली-साहू समाज के 8 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता हैं। इस बार उनमें से ज्यादातर वोट कांग्रेस को पड़ेंगे।”

(उमाकांत लखेड़ा वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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